Weather
- -रेवाड़ी के खोल बेल्ट में कई गांवों में हुई ओलावृष्टि
- -फसलों को कहीं हल्का तो कहीं ज्यादा नुकसान
Weather : रेवाड़ी। रबी की फसलों के पकाव के मौके पर शुक्रवार की रात प्रकृति की मार धरतीपुत्र पर ओलावृष्टि के रूप में गिरी। खोल व बावल बेल्ट के कई गांवों में कहीं हल्की, तो कहीं भारी ओलावृष्टि हुई। राजस्व व कृषि विभाग की टीमों ने प्रभावित गांवों में फसल नुकसान का आकलन शुरू कर दिया है। सर्वाधिक नुकसान खोल ब्लॉक में ही माना जा रहा है, जबकि बावल के भी कई गांव ओलावृष्टि की चपेट में आए हैं। रविवार से मौसम साफ होने की संभावना जताई जा रही है, जिससे किसानों को कुछ समय के लिए राहत मिल सकती है। बीते शुक्रवार को शाम के समय बूंदाबांदी के बाद देर सायं तक ओलावृष्टि शुरू हो गई थी। ओलावृष्टि की शुरूआत महेंद्रगढ़ जिले के सीमावर्ती ढाणी शोभा व आसपास के गांवों से हुई थी। इसके बाद कुंड, पाली, खोल व आसपास के गांवों में भी ओलावृष्टि हुई। कई गांवों में मोटे, तो कई गांवों में बारिक ओले गिरे। खोल व बावल खंडों के 50 से अधिक गांवों में ओलावृष्टि का असर देखने को मिला। आधी रात के आसपास डहीना ब्लॉक के गांवों में भी ओलावृष्टि हुई, परंतु इस बेल्ट में फसलों को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ। शनिवार सुबह ही कृषि व राजस्व विभाग की टीमों ने ओलावृष्टि प्रभावित गांवों का दौरा करते हुए फसल नुकसान का सर्वे कराना शुरू कर दिया। सर्वे पूरा होने के बाद ही नुकसान का आकलन हो सकेगा। दोनों विभागों की टीमों ने खोल व बावल क्षेत्र के प्रभावित गांवों में दौरा शुरू कर दिया। सरकार की ओर से क्षतिपूर्ति पोर्टल जल्द खोलने की बात कही गई थी, परंतु शनिवार तक पोर्टल शुरू नहीं हो पाया था। कई गांवों में किसानों की फसलों को ओलावृष्टि से ज्यादा नुकसान की आशंका जताई जा रही है। ग्रामीणों ने सरकार से जल्द सर्वे कराकर मुआवजा दिलाने की मांग करना भी शुरू कर दिया है। शनिवार को दोपहर तक आसमान साफ होते ही अधिकतम तापमान 3 डिग्री सेल्सियस बढ़कर 26.5 पर पहुंच गया, जबकि रात का तापमान 1 डिग्री की कमी के साथ 15.0 डिग्री पर आ गया।
टूटकर और गिरकर खराब हुई फसल
गत तीन-चार दिनों से मौसम में बदलाव के चलते ओलावृष्टि व तेज हवाओं के साथ बरसात की संभावना जताई जा रही थी। इस समय सरसों की अगेती फसल पककर तैयार हो चुकी है। जल्द किसान कटाई का कार्य शुरू करने वाले हैं। गेहूं की फसल में भी दाना बनना शुरू हो गया है। पकी हुई सरसों ओलावृष्टि से झड़ गई है, जबकि काफी किसानों की फसल टूटकर भी खराब हो गई है। तेज हवा और बारिश के कारण जिन किसानों की गेहूं की फसल जमीन पर गिर गई है, उसमें उत्पादन कम होने की आशंका बन गई है। गिरी हुई फसल में पकाव सही नहीं होता, जिससे उत्पादन प्रभावित होता है।
आज से मौसम साफ होने की उम्मीद
मौसम विभाग के अनुसार 2 मार्च से मौसम साफ हो सकता है। गत चार दिनों से मौसम का मिजाज बदला हुआ था। तापमान बढ़ने के बाद बारिश की संभावना बनी हुई थी। शनिवार सुबह 8 बजे तक चौबीस घंटों के दौरान मनेठी खंड में सर्वाधिक 19 एमएम और कोसली में सबसे कम 0.5 एमएम बरसात रिकॉर्ड की गई। शनिवार को सुबह के समय मौसम साफ होने के बाद तेज धूप खिल गई, लेकिन शाम के समय एक बार फिर से आसमान में बादल छा गए। जिन किसानों की फसल ओलावृष्टि से बची हुई है, उन्हें भी अब ओले गिरने की आशंका सता रही है।
खराब फसल लेकर सचिवालय पहुंचे किसान
शुक्रवार रात को खोल ख्ांड में बरसात के साथ हुई ओलावृष्टि से खोरी, राजपुरा, गोविंदपुरी, गोठड़ा, पाली, मामडिया व टींट सहित कई गांवों में सरसों व गेहूं की फसल बिछ गई। गांवों में काफी नुकसान होने का अनुमान है। शनिवार को खोरी के ग्रामीण सरसों की खराब फसल को लेकर सचिवालस पहुंचे। किसानों ने तुरंत गिरदावरी कराकर मुआवजा देने की मांग की। किसान जगबीर सिंह, समाजसेवी सतबीर सिंह, जुगबीर सिंह, रामकरण, राजेश, नरेश यादव, नवीन, विनोद, सूरजभान, मुकेश कुमार, रविन्द्र, महेन्द्र, मनोज व तेजपाल ने बताया कि ओलावृष्टि ने कटाई के लिए तैयार पूरी फसल बर्बाद कर दी है।
सभी कर्मचारी उतारे फील्ड में
अभी तक खोल बेल्ट में ही ज्यादा नुकसान की सूचना है। विभाग के सभी कर्मचारियों को सर्वे कार्य में लगाया गया है। रिपोर्ट तैयार होने के बाद ही ओलावृष्टि से नुकसान का सही आकलन हो पाएगा।
-दीपक यादव, एसडीओ, एग्रीकल्चर।
https://vartahr.com/weather-the-son-…ssessment-begins/