Weather
- पाला जमने से आलू व टमाटर की फसल को नुकसान
- बीघड़ गांव में पाला पडऩे से जमीं बर्फ की परत
- शीतलहर की चपेट में मैदानी इलाके, धूप खिलने के बाद नहीं मिल रही राहत
- 18 जिलों में शीतलहर का अलर्ट जारी
- मौसम वैज्ञािनक बोले, आज से मौसम में बदलाव देखने को मिलेंगे
Weather : फतेहाबाद। पहाड़ों में हो रहे हिमपात का असर मैदानी इलाकों में भी देखने को मिल रहा है। पारा जमाव बिंदू की ओर जा रहा है। रविवार को प्रदेश में सोनीपत सबसे ठंडा जिला रहा। यहां सरगथल में न्यूनतम तापमान, 0.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, वहीं हिसार व फतेहाबाद दूसरे सबसे ठंडे जिले रहे, यहां का न्यूनतम पारा 3.0 डिग्री दर्ज किया गया। प्रदेश में सुबह और शाम को शीतलहर चल रही है वहीं, दिन में तेज धूप निकलने से फसलों को फायदा हो रहा है। उत्तर पश्चिमी हवाएं रुकने के बाद रविवार को कई क्षेत्रों में पाला फसलों पर जम गया है। इससे आलू व टमाटर की फसल को जहां नुकसान पहुंच रहा है, वहीं गेहूं की फसल को लाभ भी मिल रहा है। फतेहाबाद में रविवार सुबह खेतों में पाले की सफेद चादर बिछी मिली। सीजन का पहला पाला जमने की घटना शहर के साथ लगते गांव बीघड़ में सामने आई। जहां आज सुबह कुछ खेतों में पाले की सफेद चादर बिछी नजर आई। यदि पाला ऐसे ही लगातार पड़ता है, तो इससे इस क्षेत्र में होने वाली गेहूं, सरसों व सब्जी की फसल को नुकसान की आशंका है। सुबह सूर्य निकलने के बाद पाला के कारण सूखी घास पर जमी बर्फ की परत तो पिघल गई, लेकिन धूप खिलने के बावजूद शीतलहर से ठिठुरन महसूस की जा रही है।
सूखा मौसम बढ़ा रहा ठिठुरन
सूखे मौसम के कारण रात को ठिठुरन बढ़ जाती है। शीत हवाओं के चलते फतेहाबाद में न्यूनतम तापमान 3 डिग्री के आसपास दर्ज किया गया, जबकि अधिकतम तापमान 23 डिग्री रहने की संभावना है। चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय हिसार के मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार इलाके में 16 दिसंबर रात्रि तक मौसम आमतौर पर शुष्क रहने तथा उत्तरी व उत्तर-पश्चिमी ठंडी हवाएं हल्की गति से चलने से रात्रि तापमान में गिरावट आने की संभावना है। इस दौरान कुछ क्षेत्रों में अलसुबह हल्की धुंध रहने की भी संभावना है।
18 जिलों में शीतलहर का अलर्ट
हरियाणा में बढ़ती शीतलहर को देखते हुए 18 जिलों में शीतलहर का यलो अलर्ट जारी किया गया है। इन जिलों में पंचकूला, अंबाला, कुरुक्षेत्र, कैथल, करनाल, सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, भिवानी, रोहतक, झज्जर, चरखी दादरी, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, गुरुग्राम, फरीदाबाद, मेवात और पलवल शामिल हैं
अभी आ रही है अगेती आलू की फसल
इस समय आलू की अगेती फसल निकाली जा रही है। इसी तरह पाला पड़ता रहा तो आलू की फसल को काफी नुकसान हो सकता है। इसके बाद टमाटर व पालक का नंबर आता है। टमाटर की भी अगेती फसल आ रही है। उसको भी पाले का नुकसान है। बैलदार सब्जियां भी पाले से बच नहीं सकती।
फतेहाबाद में 1500 में आलू की फसल
अभी एक-दो जगह पाला पड़ा है। जहां पर सिंचाई नहीं हुई थी, वहीं पाले का जमाव हुआ है। जिले में 1500 एकड़ में आलू की फसल लगी हुई है, जबकि 200 एकड़ में टमाटर की फसल है। इसकी अगेती कटाई शुरू हो चुकी है। फसल बाजार में आने में अभी कुछ समय लगेगा। लगातार पाला पड़ता रहा तो टमाटर व आलू दोनों को नुकसान है।
-डॉ. श्रवण, जिला बागवानी अधिकारी फतेहाबाद
क्या है पाला, ऐसे करें बचाव
सर्द मौसम में जब तापमान हिमांक पर या इससे नीचे चला जाता है तब वायु में उपस्थित जल वाष्प बिना द्रव रूप में परिवर्तित न होकर सीधे ही सूक्ष्म हिम कणों में परिवर्तित हो जाते हैं। इसे ही पाला कहा जाता है। पाले से बचाव के लिए किसान फसलों में सिंचाई करें, ताकि जमीन का तापमान बढ़ सके। किसान खेत के किनारे पर तथा 15 से 20 फुट की दूरी के अंतराल पर जिस और से हवा आ रही है, रात्रि के समय कूड़ा कचरा सुखी घास आदि एकत्रित कर धुआं करना चाहिए।