Whater
- पानी को लेर हरियाणा ने सर्वदलीय बैठक में दिखाई एकजुटता
- सीएम सैनी ने साफ कर दिया कि इस मामले में वे चुप बैठने वाले नहीं
- उनके सारे विकल्प खुले, पंजाब ने छेड़ा सियासी युद्ध, हरियाणा दिल्ली दोनों का गला सूखा
Whater : चंडीगढ़। भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (बीबीएमबी) के पानी पर पंजाब के साथ विवाद के बीच हरियाणा सरकार ने शनिवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई। इस बैठक में सभी दलों ने सरकार के फैसले का समर्थन किया और इस मुद्दे पर एकजुटता दिखाई। बैठक में सीएम नायब सिंह सैनी ने कहा कि पानी पर हमारा हक है। इसे हम लेकर रहेंगे। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर वे चुप नहीं बैठेंगे, उनके सारे विकल्प खुले हैं। सैनी ने कहा, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने असंवैधानिक तरीके से हरियाणा का पानी रोका है। दिल्ली में आप की हार का बदला लेने के लिए पानी का विवाद खड़ा किया गया है। हरियाणा के 7 जिलों में पीने के पानी की कमी है। 156 जलघरों में पानी की बूंद तक नहीं है। पंजाब अपने हिस्से से ज्यादा पानी का उपयोग कर रहा है। हरियाणा को आवंटित हिस्से से 17% कम पानी मिल रहा है। हम चुप नहीं बैठेंगे, उन्हें पानी देना ही पड़ेगा। दूसरी तरफ, पंजाब के सीएम भगवंत मान ने जालंधर में कहा कि पानी के लिए पंजाब में कत्ल हो जाया करते हैं। इसलिए पंजाब से एक भी बूंद किसी को पानी नहीं दिया जाएगा। उधर, हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सुक्खू भी इस मामले में कूद गए। उन्होंने कहा कि पानी पर पंजाब का नहीं, बल्कि हिमाचल का पहला हक है, क्योंकि बीबीएमबी में पानी भी हिमाचल से जा रहा है।
सर्वदलीय बैठक में ये शामिल
चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री नायब सैनी की अध्य़क्षता में हुई सर्वदलीय बैठक में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मोहनलाल बडौली, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान, आम आदमी पार्टी प्रदेश अध्यक्ष सुशील गुप्ता, इनेलो प्रदेश अध्यक्ष रामपाल माजरा, पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला जजपा नेता, इनेलो से विधायक आदित्य देवीलाल मौजूद रहे। पूर्व विधायक अमरजीत ढांडा बैठक में शामिल हुए। सभी ने एक सुर में हरियाणा के परोके जाने पर पंजाब की आलोचना व निंदा प्रस्ताव पारित किया। साथ ही साफ कर दिया कि वे पान के मुद्दे पर सरकार जो भी फैसला लेगी उसके साथ में खड़े हैं।
सोमवार को पंजाब विस का विशेष सत्र
पंजाब सरकार ने जल विवाद को लेकर सोमवार को एक दिन का विस सत्र भी बुलाया है। वहीं, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने साफ कर दिया है पंजाब के इस सत्र में एकतरफा प्रस्ताव पारित किया तो हम भी विस सत्र बुलाएंगे और कड़ा फैसला लेंगे।
तीन राज्यों को मिलेगा पानी
भाखड़ा नांगल जल स्टोरेज बांध की देखरेख बीबीएमबी करता है। यहां ये हरियाणा, पंजाब और राजस्थान को पानी मिलता है। तीनों राज्यों के बीच पानी बंटवारा मिलियन एकड़ फीट के अनुसार है। चालू वित्त वर्ष में भाखड़ा बांध से पंजाब को 5.512 एमएएफ, हरियाणा को 2.987 एमएएफ और राजस्थान को 3.318 एमएएफ पानी का बंटवारा किया है। पंजाब के हिसाब से हरियाणा को 4000 क्यूसेक पानी मिलना चाहिए। इसी पानी में से हरियाणा आगे दिल्ली को 555 क्यूसेक (300 एमजीडी) पानी देता है। हरियाणा अभी 8500 क्यूसेक पानी की मांग कर रहा है।
बीबीएमबी की बैठक में नहीं पहुंचा पंजाब
भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (बीबीएमबी) की चंडीगढ़ में हरियाणा, हिमाचल और राजस्थान के अधिकारियों से मीटिंग हुई। पंजाब ने मीटिंग को गैरकानूनी बताते हुए पहले ही शामिल होने से इनकार कर दिया था। मीटिंग में तय हुआ कि बीबीएमबी के चेयरमैन मनोज त्रिपाठी पंजाब सरकार से कोऑर्डिनेट करेंगे। भाखड़ा डैम से पुलिस हटाने के लिए पंजाब सरकार से बातचीत की जाएगी। उसके बाद पानी रिलीज करने पर चर्चा होगी। अगर पंजाब को पानी की जरूरत होगी तो बीबीएमबी व्यवस्था करेगा। एक दिन पहले भी केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन की अध्यक्षता में दिल्ली में हुई बैठक में केंद्र ने बीबीएमबी को उसके प्रस्ताव के अनुसार हरियाणा को अतिरिक्त पानी देने को कहा है।