Suprem
- पेगासस रिपोर्ट सार्वजनिक करने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार
- देश की सुरक्षा और संप्रभुता से जुड़ी जानकारी सड़क पर चर्चा के लिए नहीं
- इस मामले में अगली सुनवाई 30 जुलाई को होगी
Suprem : नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने देश की सुरक्षा और संप्रभुता से जुड़ी कोई भी रिपोर्ट सार्वजनिक करने से इनकार करते हुए मंगलवार को पूछा कि आतंकवादियों के खिलाफ जासूसी सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल में गलत क्या है। न्यायमूर्ति सूर्यकांत एवं न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने संकेत दिया कि यह निजता के उल्लंघन की व्यक्तिगत आशंकाओं पर गौर कर सकती है, लेकिन तकनीकी समिति की रिपोर्ट कोई ऐसा दस्तावेज नहीं है, जिस पर ‘सड़कों पर’ चर्चा की जा सके। देश की सुरक्षा और संप्रभुता से जुड़ी किसी भी रिपोर्ट को नहीं छुआ जाएगा, लेकिन जो व्यक्ति यह जानना चाहते हैं कि वे इसमें शामिल हैं या नहीं, उन्हें सूचित किया जा सकता है।
आशंकाओं से निपटा जाना चाहिए
कोर्ट ने कहा कि हां, व्यक्तिगत आशंकाओं से निपटा जाना चाहिए, लेकिन इसे सड़कों पर चर्चा का दस्तावेज नहीं बनाया जा सकता।’ शीर्ष अदालत ने कहा कि उसे इस बात की भी समीक्षा करनी होगी कि तकनीकी पैनल की रिपोर्ट को व्यक्तियों के साथ किस हद तक साझा किया जा सकता है।
यह कहा याचिकाकर्ता ने
याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए अधिवक्ता दिनेश द्विवेदी ने कहा कि सवाल यह है कि क्या सरकार के पास स्पाइवेयर है और क्या उसने इसका इस्तेमाल किया। ‘अगर उनके पास यह है, तो उन्हें आज भी इसका लगातार इस्तेमाल करने से कोई नहीं रोक सकता।’ पीठ ने कहा, ‘कृपया व्यक्तियों के बारे में खुलासे के संबंध में अभ्यावदेन दें। आजकल हम जिस तरह के परिदृश्य में हैं, हमें थोड़ा जिम्मेदार होना चाहिए… हम देखेंगे कि रिपोर्ट किस हद तक साझा की जा सकती है।’