Sonipat News
- -केएमपी पर नशे में प्रयोग होने वाली दवाओं की खेप पकड़ी
- हरियाणा स्टेट नारकोटिक्स कंट्रोल बोर्ड रोहतक की टीम ने कार्रवाई
- -कंटेनर में भरकर ले जा रहे थे प्रतिबंधित कफ शिरप की खेप
- पुलिस ने झज्जर के गांव गोच्छी के जितेंद्र व बेरी के सुधीर को पकड़ा
-करीब 76.80 लाख रुपये आंकी गई प्रतिबंधित दवाओं की कीमत - एक दिन पहले केजीपी पर पकड़ी गई थी 13 किलो चरस
- मेडिकल स्टोर संचालक बिना चिकित्सक की सलाह ऊंचे दामों पर बेचते हैं प्रतिबंधित दवाएं
- शहर के पार्क व सार्वजनिक स्थानों पर पड़ी रहती है प्रतिबंधित दवाओं की खाली बोतलें
Sonipat News : सोनीपत। ।कुंडली-मानेसर-पलवल (केएमपी) पर गांव बढ़ मालिक के पास से हरियाणा स्टेट नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एचएसएनसीबी) की टीम में नशे में प्रयोग होने वाली प्रतिबंधित दवाओं की बड़ी खेप पकड़ी है पुलिस ने दवाओं से भरे कंटेनर को लावारिस हालत में पकड़ा है। उसके अंदर 76.80 लाख रुपये कीमत की नशे में प्रयोग होने वाली दवाएं बरामद हुई। पुलिस ने झज्जर के गांव गोच्छी जितेंद्र व बेरी निवासी सुधीर को गिरफ्तार किया है। दोनों आरोपित फिलहाल रोहतक की जनता कॉलोनी में रहते हैं। दवाओं को त्रिपुरा भेजा जा रहा था। आरोपितों के खिलाफ राई थाने में शिकायत दी है। पुलिस ने इस संबंध में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
केएमपी पर खड़ा था ट्रक
एचएसएनसीबी, रोहतक की टीम में नियुक्त जयबीर सिंह ने बताया कि वह बुधवार रात टीम के साथ बीसवां मील के पास मौजूद थे। इसी दौरान सूचना मिली कि नशे में प्रयोग होने वाली प्रतिबंधित दवाओं से भरा कंटेनर लावारिस हालत में गांव बढ़ मलिक के पास केएमपी पर खड़ा है। कंटेनर सुधीर और जितेंद्र का है। दोनों के मोबाइल नंबर भी पुलिस को दिए गए। टीम मौके पर पहुंची तो वहां कंटेनर खड़ा दिखाई दिया। उसमें कोई चालक नहीं था। कंटेनर में नशे में प्रयोग होने वाली प्रतिबंधित दवा होने की आशंका के चलते एसीपी क्राइम ब्रांच राजपाल सिंह को दी और मौके पर बुलाया।
प्लास्टिक के 200 बोरे बरामद
फोटोग्राफर की मौजूदगी में कंटेनर को खोला गया तो उसके अंदर से प्लास्टिक के 200 बोरे बरामद हुए। जांच करने पर उनके डायरेक्टर पान मसाला के पैकेट व अन्य सामान के कार्टून मिले। कंटेनर के अंदर 384 गत्ता पेटियां मिली। इनमें 38400 कोडीन फास्फेट कफ सिरप मिला। इनका प्रयोग नशे में होता है। प्रत्येक गत्ता पेटी में 100 शीशी मिली। ड्रग्स नियंत्रण अधिकारी मुंशी राम को भी मौके पर बुलाया गया। बरामद दवा की सभी शीशी प्रतिबंधित नशीली दवाइयों की श्रेणी में आती हैं।
दिल्ली के अलीपुर गोदाम से चला था गाड़ी चालक
पुलिस जांच में सामने आया है प्रतिबंधित दवाओं को दिल्ली के अलीपुर से त्रिपुरा ले जाया जा रहा है। अलीपुर में आरोपितों ने गोदाम बना रखा है। इसकी जानकारी अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी के बाद लग सकेगी। गाड़ी के चालक की जानकारी भी गिरफ्तार आरोपितों को नहीं है।
गिरोह के सदस्यों का अलग-अलग काम
एचएसएनसीबी इंस्पेक्टर पवन कुमार ने बताया कि शुरुआती जांच में पता लगा कि गिरोह में छह से सात सदस्य हैं। आरोपितों ने शुरुआती पूछताछ में बताया है कि सभी के अलग-अलग काम है। एक गाड़ी की व्यवस्था करता है। दो अन्य प्रतिबंधित दवा लेकर आने के बाद दिल्ली के अलीपुर में स्टाक करते है। एक सदस्य वाहन का इंतजाम कर उसे त्रिपुरा में सप्लाई करता है। वह जिस रूट से गाड़ी लेकर जाते हैं इसकी जानकारी अन्य सदस्यों तक को नहीं देते।
एक दिन पहले केजीपी पर पकड़ी गई थी 13.8 किलो चरस
पुलिस ने एक दिन पहले ही केजीपी पर 13 किलो 890 ग्राम चरस सहित तस्कर को गिरफ्तार किया था। आरोपित गांव भावड़ का रहने वाला बिजेंद्र था। आरोपित कार में 28 पैकेट में चरस लेकर जा रहा था।
आरोपितों को अदालत में पेश किया जाएगा
प्रतिबंधित दवाओं की खेप को पकड़ने में सफलता मिली है। मामले में दो आरोपितों को काबू कर लिया है। आरोपितों को अदालत में पेश कर रिमांड की अपील की जायेगी। ताकि मामले की गहनता से जांच की जा सके। वहीं मामले में शामिल अन्य आरोपितों की पहचान भी की जा सके।
-इंस्पेक्टर पवन कुमार, एचएसएनसीबी रोहतक।
कई स्थानों पर बिकता है नशा
प्रदेश में नशे का कारोबार रोकने व उस पर अंकुश लगाने के लिए अलग-अलग विभागों को जरूरी जिम्मेदारी सौंपी गई है। पुलिस विभाग से लेकर जिला ड्रग्स विभाग के कर्मचारी नशा रोकने व नशीला पदार्थो को पकड़ने के प्रयास में रहते है। पुलिस विभाग की तरफ से जिले में अलग-अलग स्थानों से नशीले पदार्थो सहित आरोपितों को पकड़ा जाता है। उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही के साथ कानूनी कार्यवाही अमल में लाई जाती है। जिले में अलग-अलग स्थानों पर प्रतिबंधित दवाओं के साथ मादक पदार्थ बेचने का धंधा किया जाता है। पार्क व सार्वजनिक स्थानों पर खाली बोतलें तक मिलती है। पार्कों में खुलेआम नशे का सेवन करने वाले लोग इंजेक्शन तक का नशा लेते हैं।
क्या कहते हैं चिकित्सक
नागरिक अस्पताल में तैनात डा. शैलेंद्र राणा बताते हैं कि नशा करने वाले व्यक्ति को किसी भी सूरत में नशा चाहिए। उसके लिए वह अपराध तक कर देता है। कुछ दवाओं को विभाग व सरकार की तरफ से प्रतिबंधित किया हुआ है, जिनका एक साथ ज्यादा मात्रा में सेवन करने पर नशा हो जाता है। इस संबंध में विभाग की तरफ से समय-समय पर जागरूक अभियान चलाने का काम किया जाता है। वहीं अस्पताल में नशा छोड़ने वालों का उपचार किया जाता है। जो नशा छोड़ना चाहते है।
समय समय पर की जा रही छापेमारी
करीब 14 तरह की दवाइयों को प्रतिबंधित की श्रेणी में शामिल किया गया है। शिकायत मिलने पर समय-समय पर छापेमारी व चैकिंग अभियान चलाने का काम किया जाता है। लापरवाही मिलने वाले मेडिकल स्टोर संचालक का लाइसेंस तक रद्द हो सकता है। -संदीप हुड्डा, ड्रग्स विभाग सोनीपत।
https://vartahr.com/sonipat-news-dru…red-two-arrested/