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Rohtak : मां महागौरी की पूजा से भक्तों के हर काम बनते हैं : साध्वी मानेश्वरी देवी

Byadmin

Apr 5, 2025

Rohtak

  • -माता दरवाजा स्थित संकट मोचन मंदिर में महागौरी की पूजा-अर्चना
  • -भक्तों ने सुख-समृद्धि से आरती की और मनोकामनाएं मनोकामनाएं मांगी
  • -महागौरी की की पूजा व भक्ति करने, आरती सुनने या पढऩे से कष्ट दूर होते हैं

Rohtak : रोहतक। माता दरवाजा स्थित संकट मोचन मंदिर में ब्रह्मलीन गुरुमां गायत्री जी के सानिध्य में मां शनिवार को चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मां जगदंबे के आठवें स्वरूप महागौरी मां की पूजा-अर्चना भक्तों ने विधिनुसार, मंत्रोच्चारण, श्रद्धा, उत्साह, सुख-समृद्धि से आरती की और मनोकामनाएं मनोकामनाएं मांगी। कार्यक्रम में 10:00 बजे रामायण पाठ का आयोजन हुआ । लाड़लिया माँ झंडे वाली महामंडल द्वारा 4 बजे अपनी सुरीली व मधुर वाणी से श्री दुर्गा स्तुति पाठ व माँ के भजनों का गुणगान हुआ। तत्पश्चात पंडित अशोक शर्मा ने प्रसाद वितरित किया। यह जानकारी सचिव गुलशन भाटिया ने दी। गद्दीनशीन साध्वी मानेश्वरी देवी ने नवरात्रों के पावन पर्व पर भक्तों को प्रवचन देते हुए कहा कि महागौरी माँ की की पूजा व भक्ति करने, आरती सुनने या पढऩे से समस्त कष्ट दूर हो जाते हैं। एक धार्मिक मान्यता के अनुसार नवरात्रि में मां दुर्गा की सच्चे मन से आराधना की जाए तो सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। मां महागौरी की विधि-विधान से पूजा करने वाले भक्तों के बिगड़े काम बनते हैं, बीमारी से मुक्त होता है व परिवार निरोग जीवन व्यतीत हैं।

 

महागौरी माँ ने कठोर तपस्या की थी

साध्वी मानेश्वरी देवी ने कहा कि पौराणिक कथा के अनुसार पर्वतराज हिमालय के घर जन्म लेने के बाद मां पार्वती ने पति रूप में भगवान शिव को प्राप्त करने के लिए हजारों वषों तक कठोर तपस्या की थी, जिसके कारण माता का शरीर काला पड़ गया था।  तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने मां पार्वती को पत्नी के रूप में स्वीकार किया और उनका शरीर गंगा के पवित्र जल से धोकर कांतिमय बना दिया  तब से माता पार्वती के इस स्वरूप को महागौरी कहा जाने लगा।

राम नवमी पर होगा हवन, कन्या पूजन

साध्वी ने बताया कि मंदिर में रविवार 6  अप्रैल को राम नवमी भक्ति भाव से बनेगी और माँ के नौवें स्वरूप की पूजा अर्चना की जाएगी। कार्यक्रम में प्रात: 8 बजे हवन, 11:30 बजे रामायण पाठ का भोग, कन्याओं का पूजन, 12 बजे साध्वी मानेश्वरी देवी  व संत-महात्माओं के सत्संग, प्रवचन आर्शीवचन और दोपहर एक बजे भक्त भंडारे का प्रसाद ग्रहण करेंगे। इस अवसर पर कन्याओं के चरण धोकर, हाथों पर रोली बांधकर, माथे पर तिलक, श्रृंगार का सामान, आरती, छोले-पूड़ी-हलवा, नारियल तथा भंडारे का प्रसाद कन्याओं को दिया जाएगा।

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