Rainy Season
- त्वचा संबंधी बीमारियों से बचाने में सहायक
- त्वचा रोगों को खत्म कर स्वास्थ्य को बनाता है बेहतर
- नीम ऑक्सीजन देने में भी पीपल और बरगद के बाद तीसरे स्थान पर
- अक्सर लोग पीपल, बरगद और नीम की त्रिवेणी लगाते हैं
Rainy Season : नीम एक बेहतरीन पेड़ है। यह हमें त्वचा संबंधी बीमारियों से बचाता है और स्वास्थ्य को बेहतर भी बनाता है। नीम का सेवन कई तरीके से किया जा सकता है। जैसे इसकी पत्तियों को चबाना, पत्तियाें को पानी में उबालकर पीना और इसकी निंबोलियों को खाना या इसका चूर्ण बनाकर गुनगुने पानी के साथ लेना आदि तरीके हो सकते हैं। आयुर्वेद में नीम का बहुत महत्व माना गया है। इससे त्वचा संबंधी सभी तरह की बीमारियां दूर हाेती हैं। आयुर्वेद के जानकार तो नीम के पानी में नहाने की भी सलाह देते हैं। इससे पसीने की बदबू दूर होती है और शरीर तरोताजा रहता है।
फोड़े, फुंसियों की बेहतरीन दवा
नीम की निंबोली बारिश के मौसम में शरीर को निरोगी रखने के लिए रामबाण का काम करता है। इसकी दातुन भी मसूडों को मजबूत बनाती है और दांतों को स्वस्थ्य रखती है। यहां तक की यह दांतों में पायरिया जैसी बीमारी को भी दूर करता है। नीम के पेड़ के तने के छाल यानी बक्कल को घिसकर लगाने से फोड़े, फुंसी और दाद-खाज जैसी समस्याएं दूर होती हैं। यह बच्चों में इंफेक्शन को भी खत्म करता है।
मच्छरों को भगाता है
नीम की पत्तियों और निंबोलियों का छुआं करने से मच्छर दूर भागते हैं। अक्स ग्रामीण क्षेत्र में लोग अक्सर पशुओं के पास नीम कर छुआं करते हैं। इससे मच्छर और मक्खी पशुओं से दूर रहते हैं।
नीम की निंबोली बढ़ाती है इम्युनिटी
नीम की निंबोली खाने से न केवल हमारी इम्यूनिटी बढ़ती है, बल्कि हमारा शरीर भी मानसून में हाेने वाने संक्रमणों से सुरक्षित रहता है। निंबोली खाने में तो कड़वी होती है, लेकिन इसमें विटामिन-सी के अलावा एंटीऑक्सीडेंट्स, एंटीबैक्टीरियल और एंटीइंफ्लेमेट्री गुण पाए जाते हैं, उसके कारण हमारा ब्लड शुगर भी कंट्रोल में रहता है और इस मौसम में त्वचा में होने वाले बहुत तरह के बैक्टीरियल इंफेक्शन से भी हम बचे रहते हैं।
पेड़ का हर हिस्सा लाभकारी
नीम का पूरा पेड़ हमारे स्वास्थ्य के लिए हर तरह से फायदेमंद है। नीम को आयुर्वेद में औषधियों का खजाना कहते हैं। नीम की पत्तियां, उसकी कोंपलें और इसके फल यानी निंबोली, सब कुछ खाने से हमें फायदा मिलता है। चूंकि मानसून के मौसम में दूसरे मौसमों के मुकाबले बैक्टीरिया और वायरस के पनपने की दर कई गुना ज्यादा बढ़ जाती है, जिसके कारण बीमार होने के खतरे भी बढ़ जाते हैं। इसलिए हर्बल एक्सपर्ट बारिश के मौसम में नीम की पत्तियां या निंबोलियां खाने का सुझाव देते हैं।
निंबोली ज्यादा अहम
नीम का फल चूंकि इस मौसम में विशेष रूप से पाया जाता है और उसमें पत्तियों और छाल के मुकाबले कहीं ज्यादा नीम के गुण मौजूद होते हैं, इसलिए इस मौसम में आयुर्वेद के चिकित्सक नीम के फलों यानी निंबोलियों का सेवन करने की सलाह देते हैं।
अनोखा स्वाद
पीले रंग का यह फल अनोखे स्वाद वाला होता है। हालांकि खाने में कड़वा ही लगता है, लेकिन दो-चार बार खाने के बाद अगर हम इसे आराम से खाने की आदत बना लें तो सप्ताह में 3 से 4 बार भी पांच-छह निंबोली खाकर इस मौसम में स्वस्थ रह सकते हैं। जो लोग नीम निंबोली को खाने में मुश्किल महसूस करते हैं, उन्हें इस मौसम में नीम की पत्तियां खाने की आदत डालनी चाहिए।
इन बीमारियों में कारगर
मानसून के मौसम में एग्जिमा, फंगल इंफेक्शन और सोरायसिस जैसी त्वचा संबंधी बीमारियों के तेजी से होने और बढ़ने का खतरा रहता है। नीम की निंबोलियां इनको रोकती हैं, क्योंकि नीम की निंबोलियां खाने से हमारा ब्लड फिल्टर होकर प्योर होता है, जिस कारण एग्जिमा और सोरायसिस जैसी त्वचा संबंधी बीमारियां नहीं होतीं।
यह रखें ध्यान
आयुर्वेद विशेषज्ञ से पूछकर ही निंबोली का सेवन करना चाहिए। यदि आपके लीवर या किडनी में कोई समस्या हो तो नीम के किसी भी पदार्थ के सेवन से बचना चाहिए। गर्भवती महिलाओं को बिना किसी विशेषज्ञ की सलाह के इसे कतई इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
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