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Pgi Rohtak : सीनियर रेज़िडेंट नियुक्तियों में देरी से मरीजों की सुरक्षा खतरे में : डॉ व्यास

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  • -पीजीआईएमएस रोहतक में गंभीर मानव संसाधन संकट
  • -डीएमए इंडिया ने एसीएस हेल्थ व यूएचएस कुलपति से तात्कालिक हस्तक्षेप की मांग की

रोहतक। डेमोक्रेटिक मेडिकल एसोसिएशन (डीएमए इंडिया)ने पीजीआईएमएस रोहतक में उत्पन्न गंभीर एवं अभूतपूर्व चिकित्सीय मानव संसाधन संकट को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की है। इस गंभीर स्थिति को ध्यान में रखते हुए डीएमए इंडिया के डॉ अमित व्यास (राष्ट्रीय अध्यक्ष),डॉ शुभ प्रताप सोलंकी(राष्ट्रीय महासचिव), डॉ भानु कुमार(राष्ट्रीय उपाध्यक्ष) एवं डॉ प्रियांशु शर्मा (राष्ट्रीय महिला विंग सचिव) ने हरियाणा सरकार के अपर मुख्य सचिव (स्वास्थ्य विभाग) तथा पंडित बी.डी. शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (यूएचएस रोहतक) के माननीय कुलपति को औपचारिक पत्र लिखकर तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। संगठन ने सीनियर रेज़िडेंट्स के साक्षात्कार में हो रही अनावश्यक देरी पर गंभीर आपत्ति जताते हुए तुरंत साक्षात्कार आयोजित कर शीघ्र नियुक्तियाँ सुनिश्चित करने की मांग की है।

 

रेज़िडेंट चिकित्सक निरंतर सेवाएं दे रहे

डॉ व्यास ने बताया, यद्यपि रेज़िडेंट चिकित्सक सार्वजनिक हित में निरंतर अपनी सेवाएँ दे रहे हैं, किंतु प्रथम वर्ष के पीजी रेज़िडेंट्स के अभी तक कार्यभार ग्रहण न करने,तृतीय वर्ष के स्नातकोत्तर रेज़िडेंट्स के उत्तीर्ण होकर संस्थान छोड़ने तथा परिणाम घोषित होने के बावजूद नए सीनियर रेज़िडेंट्स की नियुक्ति न होने के कारण संस्थान में गंभीर मानव संसाधन संकट उत्पन्न हो गया है।

पीजीआईएमएस रोहतक, जो हरियाणा एवं एनसीआर क्षेत्र का एक प्रमुख तृतीयक रेफरल केंद्र है, वर्तमान में आपातकालीन एवं वैकल्पिक ऑपरेशन थियेटर सेवाओं तथा आईसीयू/क्रिटिकल केयर सेवाओं पर अत्यधिक दबाव का सामना कर रहा है। इसके चलते रेज़िडेंट–रोगी अनुपात असुरक्षित स्तर तक पहुँच चुका है, जो नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) द्वारा निर्धारित मानकों के प्रतिकूल है और रोगी सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न करता है।

26 नवंबर को घोषित हो चुके

डीएमए इंडिया ने यह भी स्पष्ट किया कि MD/MS के परिणाम 22 नवंबर तथा MDS के परिणाम 26 नवंबर को घोषित हो चुके हैं। इसके बाद सीनियर रेज़िडेंट पदों हेतु आवेदन प्रक्रिया 28 नवंबर को पूर्ण हो गई थी, इसके बावजूद अब तक सीनियर रेज़िडेंट्स के साक्षात्कार आयोजित नहीं किए गए हैं,जिससे यह संकट दिन-प्रतिदिन और गहराता जा रहा है। डीएमए इंडिया ने चेतावनी दी है कि यदि इस विषय में शीघ्र निर्णय नहीं लिया गया, तो पीजीआईएमएस रोहतक में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में होने वाली किसी भी गिरावट की संपूर्ण जिम्मेदारी संबंधित प्रशासन एवं विश्वविद्यालय प्रबंधन की होगी।

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