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Sansad : कांग्रेस ने झूठ, फरेब, भ्रष्टाचार व परिवारवाद की राजनीति की

पीएम नरेंद्र मोदीपीएम नरेंद्र मोदी

Sansad

  • राज्यसभा में बोले मोदी, कांग्रेस के लिए ‘परिवार प्रथम’
  • हमारी सरकार का मूलमंत्र‘सबका साथ, सबका विकास’
  • कांग्रेस ने झूठ, फरेब, भ्रष्टाचार, परिवारवाद की राजनीति की
  • उन्होंने सत्ता सुख के लिए लोकतंत्र को कुचला

Sansad : नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि ‘सबका साथ, सबका विकास’ उनकी सरकार का मूलमंत्र रहा है, जबकि कांग्रेस का मूलमंत्र ‘परिवार प्रथम’ रहा है। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर राज्यसभा में हुई चर्चा का जवाब देते हुए मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा कि उसने राजनीति का एक ऐसा मॉडल तैयार किया था, जिसमें ‘झूठ, फरेब, भ्रष्टाचार परिवारवाद, तुष्टीकरण का घालमेल था। उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस के मॉडल में ‘परिवार प्रथम’ ही सर्वोपरि है। इसलिए, उनकी नीति-रीति, वाणी-वर्तन उस एक चीज को संभालने में ही खपता रहा है।’

देश को नया मॉडल देखने को मिला

पीएम ने कहा कि वह बड़े गर्व के साथ कहते हैं कि पांच-छह दशकों तक लोगों के पास वैकल्पिक मॉडल नहीं था, लेकिन 2014 के बाद देश को एक नया मॉडल देखने को मिला, जो तुष्टीकरण पर आधारित नहीं है, बल्कि ‘संतुष्टीकरण’ पर आधारित है। ‘पहले के मॉडल खासकर कांग्रेस के शासन में हर चीज में तुष्टीकरण था। यही उसकी राजनीति का सार बन गया। कुछ छोटे समूहों को कुछ देता और दूसरों को वंचित रखना। चुनाव के समय, झूठे आश्वासन दिया। उसने लोगों को बेवकूफ बनाकर अपनी राजनीति चलाई।’

ये औरों की लकीर छोटी करने में लगे

पीएम ने कहा कि कांग्रेस द्वारा ‘सबका साथ-सबका विकास’ की अपेक्षा करना बहुत बड़ी गलती होगी। ‘ये उनकी सोच-समझ के बाहर है और उनके रोडमैप में भी ये सूट नहीं करता, क्योंकि जब इतना बड़ा दल, एक परिवार को समर्पित हो गया है, तो उसके लिए ‘सबका साथ-सबका विकास’ संभव ही नहीं है।’ कांग्रेस पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि ये औरों की लकीर छोटी करने में लगे हैं।

कांग्रेस ने जातिवाद का जहर फैलाया

पीएम ने कांग्रेस पर ‘जातिवाद का जहर’ फैलाने का आरोप लगाया और कहा कि जब तक वह सत्ता में रही तब तक उसने ना तो संविधान निर्माता बाबा साहेब आंबेडकर को भारत रत्न दिया, ना ही अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया। तीन दशक तक, दोनों सदनों में सभी दलों के ओबीसी सांसद सरकारों से मांग करते रहे थे कि ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया जाए, लेकिन उनकी मांग को ठुकरा दिया गया। क्योंकि शायद उस समय उनकी (कांग्रेस) राजनीति को ये सूट नहीं करता होगा।’

https://vartahr.com/parliament-the-c…ion-and-nepotism/ ‎

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