Paralympics
- प्रवीण कुमार ने टी-64 ऊंची कूद में रचा इतिहास
- भारत ने अब तक 26 पदक जीते, 6 गोल्ड, 9 सिल्वर और 11 बॉन्ज
- यह भारत का पैरालंपिक में सबसे बेस्ट परफोरमेंस
- पेरिस ओलंपिक में 5 गोल्ड समेत 19 जीते थे
- समापन समारोह में हरविंदर और प्रीति होंगे ध्वजवाहक
Paralympics : पेरिस। भारत ने पेरिस पैरालंपिक खेलों में 26वां पदक जीतकर इतिहास रच दिया। भारतीय खिलाड़ियों ने इस बार 25 पार का लक्ष्य रखा था। जिसे हासिल कर लिया। शुक्रवार को मेंस हाई जंप टी-64 के फाइनल में शुक्रवार को प्रवीण कुमार ने गोल्ड मेडल जीता। उन्होंने एशियन रिकॉर्ड बनाते हुए 2.08 मीटर का जंप किया। इस पैरालंपिक गेम्स में यह भारत का छठा गोल्ड मेडल है। छोटे पैर के साथ पैदा हुए नोएडा के प्रवीण (21 साल) ने छह खिलाड़ियों में 2.08 मीटर से सत्र की सर्वश्रेष्ठ कूद लगाई और शीर्ष स्थान हासिल किया। प्रवीण के स्वर्ण पदक से भारत पदक तालिका में 14वें स्थान पर पहुंच गया।
टोक्यो को पीछे छोड़ा
भारत ने अब तक 6 स्वर्ण, 9 रजत और 11 कांस्य पदक समेत कुल 26 पदक जीत लिए हैं। यह भारत का पैरालंपिक में ऑलटाइम बेस्ट परफॉर्मेंस है। इससे पहले टोक्यो पैरालंपिक में भारतीय खिलाड़ियों ने 5 गोल्ड समेत 19 मेडल जीते थे।
क्या है टी64
टी64 में वो एथलीट हिस्सा लेते हैं जिनके एक पैर के निचले हिस्से में मामूली रूप से मूवमेंट कम होता है या घुटने के नीचे एक या दोनों पैर नहीं होते। प्रवीण का विकार जन्म से है जो उनके कूल्हे को बायें पैर से जोड़ने वाली हड्डियों को प्रभावित करता है। बचपन में वह अकसर अपने साथियों से तुलना के कारण हीन भावना से जूझते रहे।
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