Pakistan
- योति के पिता हरीश कुमार मल्होत्रा बिजली निगम से रिटायर्ड
- ज्योति का पासपोर्ट 22 अक्टूबर 2018 को बना था
- यह 21 अक्टूबर 2028 तक वैध है
- ज्योति और उनके पिता के खिलाफ पुलिस में कोई पुराना मामला दर्ज नहीं
- ज्योति सोशल मीडिया पर एक्टिव, फेसबुक और यूट्यूब पर 3 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स
Pakistan हिसार। ज्योति की उम्र 33 साल है। उसका घर हिसार के न्यू अग्रसेन कॉलोनी में है। उसने बीए तक की पढ़ाई की है। वह अभी अविवाहित है और ज्यादातर समय दिल्ली में ही रहती है। 6 मई को वह हिसार से दिल्ली गई थी। ज्योति के पिता हरीश कुमार मल्होत्रा बिजली निगम से रिटायर्ड हैं। ज्योति का पासपोर्ट 22 अक्टूबर 2018 को बना था। यह 21 अक्टूबर 2028 तक वैध है। ज्योति और उनके पिता के खिलाफ पुलिस में कोई पुराना मामला दर्ज नहीं है। ज्योति सोशल मीडिया पर एक्टिव है। फेसबुक और यूट्यूब पर 3 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हैं। पिछले 2-3 सालों से वह ‘ट्रैवल विद जो’ नाम से यूट्यूब चैनल चलाती है, जिसमें देश-विदेश की यात्राओं के वीडियो बनाती है।
ऐसे पाकिस्तानी एजेंट्स के संपर्क में आई ज्योति
-साल 2023 से जासूसी का शक : सूत्रों के मुताबिक, साल 2023 में ज्योति ने पाकिस्तान की यात्रा की थी। यह यात्रा उसने उच्चायोग के जरिए वीजा लेकर की थी। इस दौरान ज्योति की मुलाकात पाकिस्तान हाई कमीशन के कर्मचारी एहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश से हुई, जिसके साथ उसके गहरे संबंध बन गए। दानिश के माध्यम से ज्योति की पहचान पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के अन्य एजेंटों से कराई गई, जिनमें अली अहसान और शाकिर उर्फ राणा शहबाज (जिसका नाम उसने अपने फोन में ‘जट्ट रंधावा’ नाम से सेव किया था) शामिल थे।
-सोशल मीडिया के जरिए संपर्क : ज्योति इन एजेंटों के साथ व्हाट्सएप, टेलीग्राम और स्नेपचैट जैसे एन्क्रिप्टेड प्लेटफॉर्म्स के जरिए संपर्क में रही। वह न केवल पाकिस्तान के पक्ष में सोशल मीडिया पर सकारात्मक छवि पेश कर रही थी, बल्कि उसने संवेदनशील जानकारियां भी साझा कीं। ज्योति को दानिश और उसके सहयोगी अली अहसान के जरिए पाकिस्तानी खुफिया अधिकारियों से मिलवाया गया, जिन्होंने पाकिस्तान में उसके आने-जाने और रहने की व्यवस्था कराई। उसने एक पाकिस्तानी खुफिया अधिकारी के साथ गहरे संबंध बनाए और हाल ही में उसके साथ इंडोनेशिया के बाली द्वीप की यात्रा भी की थी।
दानिश को इसी महीने भारत छोड़ने को कहा गया : एहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश को जासूसी में शामिल होने के आरोप में 13 मई 2025 को भारत सरकार ने परसोना नॉन ग्राटा घोषित किया और उसे देश छोड़ने का आदेश दिया गया। ज्योति को जिम्मेदारी सौंपी गई थी कि वह सोशल मीडिया के माध्यम से पाकिस्तान की सकारात्मक छवि पेश करे।
हरियाणा से पकड़े गए अन्य जासूस
नूंह के अरमान ने भारतीय सिम उपलब्ध कराए
नूंह के राजाका गांव से 17 मई को पुलिस ने अरमान नामक युवक को गिरफ्तार किया है। उसने पाकिस्तानी एजेंटों के निर्देश पर भारतीय सिम कार्ड उपलब्ध कराए और 2025 में डिफेंस एक्सपो की साइट का दौरा किया। साथ ही 2023 से इंडिया में बैठे पाकिस्तानी एंबेसी के अधिकारी के संपर्क में था और उसे खुफिया जानकारियां भेज रहा था। पुलिस को उससे एक फोन मिला है। उसे कोर्ट में पेश कर 6 दिन के रिमांड पर लिया है।
पानीपत से नोमान
पानीपत पुलिस ने 14 मई को पाकिस्तानी जासूस नोमान इलाही को गिरफ्तार किया था। वह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के कैराना का रहने वाला है। वह पानीपत में अपनी बहन के घर आता जाता था। वह आईएसआई के हैंडलर इकबाल उर्फ काना के लिए मुखबिरी कर रहा था। 24 साल का नोमान उसे वीडियो बनाकर भेजता था। पुलिस जांच के मुताबिक उसने हरियाणा और पंजाब के कई संवेदनशील जगहों की जानकारी आतंकियों को दी।
8वीं तक पढ़ा नोमान का पिता अहसान इलाही पासपोर्ट बनाता था।
कैथल का देविंदर सिंह
कैथल पुलिस ने 16 मई को पाकिस्तान जासूस देविंदर सिंह (25) को गिरफ्तार किया था। वह पाकिस्तान में सिख धार्मिक स्थलों के दर्शन करने गया था। जहां एक युवती ने उसे हनीट्रैप में फंसा लिया। इसके बाद उसे 7 दिन अपने पास रखा। युवती ने उसे पाकिस्तान में जासूसी की ट्रेनिंग दिलाई। फिर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के 5 एजेंटों के साथ संपर्क करा दिया। युवती ने उसे लालच दिया कि अगर वह खुफिया सूचनाएं देगा तो उसकी फ्रेंडशिप और खूबसूरत युवतियों से कराएगी। इसके अलावा उसे रुपए भी मिलेंगे।