Old Age Home
- मानवाधिकार आयोग ने अधिकारियों को लगाई फटकार
- झज्जर, पलवल, पानीपत, रोहतक और सिरसा में अभी तक भूमि की पहचान नहीं
- वृद्धाश्रमों के निर्माण की सुस्त रफ्तार पर जताई चिंता
- अब 29 जुलाई तक मांगी विस्तृत रिपोर्ट
Old Age Home : चंडीगढ़। प्रदेश में बुजर्गों और बेसहारा लोगों के लिए सभी 22 जिलों में वृद्धाश्रम खोलने का फैसला किया गया था। लेकिन अभी तक सिर्फ रेवाड़ी में ही वृद्धाश्रम खोला गया है। उसकी भी हालत ठीक नहीं है। यहां 170 लोगों के रहने की व्यवस्था की गई थी, लेकिन सिर्फ 12 लोग ही यहां रह रहे हैं। हरियाणा मानवाधिकार आयोग (एचएचआरसी) ने इसको लेकर जांच की तो बेहद चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। इसमें पता चला कि पूरे प्रदेश में सिर्फ एक वृद्धाश्रम चालू है। आयोग ने सभी जिलों में बनने वाले वृद्धाश्रम की समीक्षा की, जिसके बाद उससे संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर फटकार भी लगाई। सरकार की रिपोर्ट के मुताबिक, 1 अप्रैल तक कई जिलों में जमीन भी चिन्हित नहीं की जा सकी। इस मामले को लेकर मानवाधिकार आयोग 31 जुलाई को सुनवाई करेगा।
यह रिपोर्ट सौंपी
-एचएचआरसी की एक अप्रैल को सौंपी गई वस्तुस्थिति रिपोर्ट के मुताबिक, पांच जिलों-झज्जर, पलवल, पानीपत, रोहतक और सिरसा में वृद्धाश्रम के निर्माण के लिए अभी तक भूमि की पहचान नहीं की गई।
-गुरुग्राम, कैथल, चरखी दादरी, महेंद्रगढ़ और नूंह जैसे जिलों ने जमीन चिह्नित कर ली है और निर्माण प्रक्रिया शुरू कर दी है।
-फरीदाबाद, फतेहाबाद, हिसार, जींद, कुरुक्षेत्र, सोनीपत और यमुनानगर जैसे जिलों में निर्माण संबंधी मंजूरी न मिलने के कारण निर्माण कार्य अटका हुआ है।
-करनाल (स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत) और पंचकूला (माता मनसा देवी श्राइन बोर्ड की देखरेख में) में वृद्धाश्रम का निर्माण कार्य जारी है।
रेवाड़ी में ऐसा हाल
एचएचआरसी के प्रोटोकॉल-सह-सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी पुनीत अरोड़ा ने कहा, आयोग ने वीडियो क्रॉन्फ्रेंस के माध्यम से रेवाड़ी वृद्धाश्रम का निरीक्षण किया और पाया कि 170 निवासियों के लिए बनाए गए इस आश्रय स्थल में केवल 12 वरिष्ठ नागरिक (नौ पुरुष और तीन महिलाएं) रह रहे थे। इसके अलावा, स्वच्छता की स्थिति भी चिंताजनक मिली, क्योंकि रसोई और शौचालय गंदी स्थिति में थे तथा साफ-सफाई के लिए केवल एक ‘सफाई सेवक’ तैनात था, जो इतने बड़े परिसर में स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए अपर्याप्त था।
यह नियम लागू किया था
एचएचआरसी अध्यक्ष न्यायमूर्ति ललित बत्रा, न्यायिक सदस्य कुलदीप जैन और सदस्य दीप भाटिया की सदस्यता वाली पीठ ने अपने एक आदेश में हरियाणा में ‘माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों के भरण-पोषण तथा कल्याण अधिनियम, 2007′ की धारा 19 लागू की थी, जिसके तहत प्रत्येक जिले में कम से कम एक वृद्धाश्रम होना अनिवार्य है।
यह निर्देश जारी किए
अरोड़ा ने कहा कि आयोग ने हाल ही में एक आदेश में इस बात की पुष्टि की कि बुजुर्गों के लिए सम्मान और सुरक्षा सुनिश्चित करना राज्य का संवैधानिक एवं नैतिक दायित्व है। आयोग ने वरिष्ठ अधिकारियों को राज्यभर में वृद्धाश्रम के निर्माण की व्यक्तिगत रूप से निगरानी करने और उसमें तेजी लाने का निर्देश दिया। इन अधिकारियों में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) पंचकूला के मुख्य प्रशासक, विकास एवं पंचायत विभाग के निदेशक और नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग के निदेशक शामिल हैं। आयोग ने संबंधित विभागों को 29 जुलाई तक विस्तृत कार्रवाई रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है।