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- एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकें 2025 से सस्ती होंगी
- शिक्षामंत्री बोले, एनसीईआरटी हर साल पांच करोड़ पुस्तकें छाप रहा
- अगले वर्ष से क्षमता बढ़ाकर 15 करोड़ करने की तैयारी
Books : नई दिल्ली। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मंगलवार को घोषणा की कि अगले साल से कुछ कक्षाओं के लिए राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की पाठ्यपुस्तकों की कीमतें घटाई जाएंगी। प्रधान ने कहा कि एनसीईआरटी मौजूदा समय में हर साल पांच करोड़ पाठ्यपुस्तकें छापती है और अगले वर्ष से इस क्षमता को बढ़ाकर 15 करोड़ करने की दिशा में काम किया जा रहा है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मंगलवार को राजधानी में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि अगले शैक्षणिक सत्र-2025-26 से राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) द्वारा प्रकाशित की जाने वाली स्कूली पाठ्यक्रम से जुड़ी किताबों की कीमत घटेगी, बढ़ेगी नहीं। मंत्रालय ने छात्रों तक सुलभ मूल्य पर गुणवत्ता वाली किताबों को पहुंचाने की प्राथमिकता तय की है। उन्होंने कहा कि परिषद देश में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से मान्यता प्राप्त स्कूलों के लिए किताबें प्रकाशित करती है। पहले उसके द्वारा कुल करीब 5 करोड़ किताबें प्रकाशित की गई थीं। अगले साल से हमारी योजना इस आंकड़े को 15 करोड़ तक पहुंचाने की है। ऐसा मांग और सप्लाई के आधार पर किया गया है।
2026-27 तक आ जाएंगी नई किताबें
प्रधान ने कहा कि स्कूली शिक्षा में नई किताबें लाने की प्रक्रिया की शुरुआत हो चुकी है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-20 (एनईपी) में भी इसकी सिफारिश की गई थी। अभी तक बाल वाटिका 1, 2, 3, कक्षा 1, 2, 3 और 6 जैसी सात वर्षों की किताबें बन चुकी हैं। अगले साल फरवरी-2025 तक कक्षा 4, 5, 7 और 8 की किताबें लाएंगे। उन्होंने कहा कि वर्ष 2026-27 तक कक्षा 9, 10, 11 और 12वीं की किताबें भी बनकर तैयार हो जाएंगी।
फ्लिपकार्ट, अमेजन संग किया एमओयू
किताबों के लिए बेहतर वितरण चेन रहेगी। किताबें फ्लिपकार्ट और अमेजन पर भी उपलब्ध रहेंगी। इनके वितरण के लिए मंत्रालय ने दोनों ई-कॉमर्स कंपनियों के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस व्यवस्था की खास बात यह है कि दोनों प्लेटफार्म पर किताबें अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) पर ही छात्रों को मिलेंगी। फ्लिपकार्ट की देश के करीब 23 हजार पिन कोड इलाकों में पहुंच है। उन्होंने उम्मीद जताते हुए कहा कि दोनों माध्यमों के जरिए किताबें देश के कोने-कोने में छात्रों तक पहुंचेंगी।
एनईपी-20 के तहत जारी प्रक्रिया
गौरतलब है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने राष्ट्रीय पाठ्यक्रम की रूपरेखा (एनसीएफ) तैयार करने के लिए इसरो के पूर्व अध्यक्ष डॉ.के.कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया था। इसने अपना प्रारूप मंत्रालय को सौंपा था। जिसमें स्कूली शिक्षा में बड़े पैमाने पर सुधार की सिफारिश की गई थी। इसके बाद ही नए पाठ्यक्रम के साथ एनसीईआरटी द्वारा नई किताबें तैयार की जा रही हैं।
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