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Medal : मेडल को दांतों से काटना, खुशी जाहिर करने का चलन

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Medal

  • आखिर क्यों खिलाड़ी पदक को दांतों तले दबाते हैं
  • पुराने समय में सोने की परख के लिए उसे दांतों में दबाकर देखा जाता था
  • उसी परंपरा को खिलाड़ियों ने अपने स्टाइल में शुमार की दिया

Medal : अक्सर देखने में आता है कि खिलाड़ी पदक जीतने के बाद अपने मेडल को दांतों से काटते हैं। अब देखना यह है कि मेडल को दांतों से काटा जाना कोई परंपरा है या फिर खिलाड़ी सिर्फ स्टाइल के लिए ही यह सब करते हैं। इस तथ्य को लेकर हमने कई खिलाड़ियों और कोच से जाना कि यह सब क्या है। आखिर क्यों खिलाड़ी अपने पदक को दांतों तले दबाते हैं। पहले यह खिलाड़ियों में यह दृश्य केवल स्वर्ण पदक जीतने वाले खिलाड़ियों में ज्यादा होता था, लेकिन अब तो अब रजत और कांस्य जीतने वाले खिलाड़ी भी ऐसा करते हैं। अब सवाल है कि खिलाड़ी आखिर ऐसा क्यों करते हैं?  क्या इसके पीछे कोई अंतरराष्ट्रीय खेल परंपरा या अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति का नियम है तो आप जान ले ऐसा बिलकुल नहीं है। इस रिपोर्ट में हम आपको बताएंगे आखिर ऐसा क्यों होता है।

इस तथ्य से जुड़ा

पुराने समय में सोने की परख के लिए उसे दांतों में दबाकर देखा जाता है। सोना खरा होने पर दांत के निशान उस पर आ जाते थे। उस परंपरा को मेडल पाने वाले खिलाड़ियों ने स्टाइल में शुमार कर लिया और देखादेखी रजत और कांस्य पदक पाने वाले खिलाडी भी ऐसा ही करने लगे। हालांकि, अब ओलंपिक में शुद्धता के लिए पदक को काटने की बात नहीं है। यह बस प्रथा के हिसाब से खुशी जाहिर करने का चलन है।

1912 के ओलंपिक से बंद हुए शुद्ध सोने के पदक

आईओसी ने 1912 के स्टॉकहोम ओलंपिक से शुद्ध सोने के पदक देना बंद कर दिया था। वर्तमान में स्वर्ण पदक में ज्यादातर चांदी होती है। आईओसी के नियमानुसार, स्वर्ण और रजत पदक में कम से कम 92.5 प्रतिशत शुद्ध चांदी होना जरूरी है। हालांकि, स्वर्ण पदक को अलग करने के लिए उसमें 6 ग्राम सोने की पॉलिस करना अनिवार्य है। ऐसे में स्पष्ट है कि खिलाडि़यों को शुद्धता का पैमाना पता है और वह खुशी के लिए उसे काटते हैं।

जब टूट गया खिलाड़ी का दांत

पदक को दांतों से काटकर फोटो खिंचवाने के चक्कर में एक एथलीट ने अपना दांत ही तोड़ लिया था। यह घटना 2010 के शीतकालीन ओलंपिक की है। जर्मनी के लुगर डेविड मोलर ने रजत पदक जीता था। फोटोग्राफर ने उन्हें पदक को दांतों से काटने को कहा था। उस दौरान उनका दांत टूट गया था। मोलर ने जर्मन अखबार बिल्ड से कहा था, पदक को काटने के बाद रात के खाने में मैंने देखा कि मेरा एक दांत गायब था। आधुनिक ओलंपिक में पोडियम समारोह के जश्न को कैद करने के लिए फोटोग्राफर विजेताओं से पदक को दांतों से काटने का अनुरोध करते हैं। इसका कारण है कि यह फोटो इतिहास के पन्नों में दर्ज होती है और वह उसके बदले अच्छी रकम मिलती है।

https://vartahr.com/medal-biting-the…essing-happiness/ ‎

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