land scam case
- -हाईकोर्ट ने मानेसर भूमि घोटाले में ट्रायल पर लगी रोक हटाई, सीबीआई कोर्ट में होगी सुनवाई
- -मामले में भूपेंद्र हुड्डा ,राजीव अरोड़ा, एसएस ढिल्लों, छतर सिंह, एमएल तायल व अन्य आरोपित
land scam case : चंडीगढ़। मानेसर भूमि घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को बड़ा झटका लगा है। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने गुरुवार को मानेसर भूमि घोटाले में पंचकूला सीबीआई की स्पेशल कोर्ट में ट्रायल पर लगी रोक हटा दी है। करीब 4 साल से इस मामले में ट्रायल पर रोक लगी हुई थी। हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब सीबीआई कोर्ट में मामले की सुनवाई शुरू होगी। इस मामले में हुड्डा समेत 33 अन्य के खिलाफ पहले ही सीबीआई चार्जशीट पेश कर चुकी है। इसमें पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ, कुछ अफसर और बिल्डर भी सीबीआई ने आरोपित बनाए हैं। हाईकोर्ट ने इस मामले में फरवरी में फैसला सुरक्षित रखा था।
सभी खचिका खारिज
हाईकोर्ट की जस्टिस मंजरी नेहरू कौल की पीठ ने गुरुवार को फैसला सुनाते हुए सभी याचिकाएं खारिज कर दी। यह याचिका पूर्व नौकरशाहों राजीव अरोड़ा, एसएस ढिल्लों, छतर सिंह, एमएल तायल, जसवंत सिंह, अनिल कुमार, डाॅ. ढींगरा, कुलवंत सिंह लांबा ने दायर की थी। जिन्होंने अलग-अलग तारीखों पर तत्कालीन सीएम के प्रमुख सचिव के रूप में काम किया था और कुछ बिल्डर भी शामिल हैं।
यह है मामला
27 अगस्त 2004 को इंडस्ट्रियल टाउनशिप बनाने के लिए मानेसर, लखनौला, नौरंगपुर में जमीन के अधिग्रहण का नोटिफिकेशन जारी किया। 1315 एकड़ भूमि पर अधिग्रहण से संबंधित सेक्शन-4 लागू किया गया। सरकार ने 12.5 लाख रुपये की दर से मुआवजा तय किया। सेक्शन लागू होते ही किसान डर गए और बिल्डर सक्रिय हो गए। 25 अगस्त 2005 को 688 एकड़ जमीन पर सेक्शन 6 लागू होते ही औसतन 40 लाख रुपये की दर से बिल्डरों ने जमीन खरीदनी शुरू कर दी। बिल्डरों को पता था कि सरकार अधिसूचना वापस लेगी। सरकार के 24 अगस्त 2007 को भूमि अधिग्रहण की अधिसूचना रद्द करने से कुछ ही दिन पहले प्रॉपर्टी की कीमत 80 लाख रुपये प्रति एकड़ से अधिक हो गई।