Jatela Dham
- -जटेला धाम के प्रवक्ता जितेंद्र राणा बोले, खीर दमा, नजला और खांसी जैसी बीमारियों में लाभकारी
- मेवे और दुर्लभ औषधियों से शरद पूर्णिमा की चांदनी में की जाती है तैयार
- इस बार सोमवार को 25000 से अधिक श्रद्धालुओं के जुटने की संभावना
- महंत स्वामी राजेंद्र दास के मार्गदर्शन में शारत्रोक्त विधि से आयुर्वेदिक औषधियों के मिश्रण के साथ रात के समय चंद्रमा की किरणों और ओंस की मौजूदगी में तैयार किया जाता।
- सुबह के समय खीर का प्रसाद के रूप में वितरण किया जाता है।
महंत स्वामी राजेंद्र दास जी महाराज
रोहतक/झज्जर। स्वामी नितानंद महराज की तपोस्थली गांव माजरा दूबलधन स्थित प्रसिद्ध जटेला धाम में छह अक्टूबर यानी सोमवार को शरद पूर्णिमा का पर्व बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाएगा। इसके लिए सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। इस मौके पर जटेला धाम के महंत स्वामी राजेंद्र दास की देखरेख में आयुर्वेदिक औषधियों और मेवों के मिश्रण से तैयार की गई विशेष रोगनाशक खीर को प्रसाद के रूप में वितरित किया जाएगा। जटेला धाम के प्रवक्ता डॉ. जितेंद्र सिंह राणा और टीम की सदस्य नेहा राणा ने शनिवार को बताया कि जटेला धाम में हर साल इस विशेष खीर का वितरण किया जाता है। इस मौके पर हर साल हजारों श्रद्धालु जटेला धाम पहुंचते हैं और स्वामी नितानंद महाराज की तपोस्थली में पूजा पाठ कर मन्नते मांगते हैं और शीश नवाते हैं। इस बार भी सोमवार को जटेलाधाम में 25,000 से अधिक श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है।
ऐसे तैयार होती है खीर
डॉ. राणा ने बताया कि महंत स्वामी राजेंद्र दास के मार्गदर्शन और झज्जर के आयुर्वेदिक मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर रवि गोदारा की निगरानी में
शारत्रोक्त विधि से आयुर्वेदिक औषधियों के मिश्रण के साथ रात के समय चंद्रमा की किरणों और ओंस की मौजूदगी में तैयार किया जाता। कई घंटे कढ़ाई में खीर पकाई जाती है। इसमें गाय का दूध, सूखे मेवे, करीब 20 से अधिक हर्बल और दुर्लभ जड़ी बूटियाें का मिश्रण डालकर बनाया जाता है। इसे पूरी तरह आयुर्वेदिक पद्धति से धीमी आंच पर पकाया जाता है। अलसुबह खीर बनकर तैयार होती है। इसके बाद इसे श्रद्धालुओं में वितरित किया जाता है।
इन बीमारियों में लाभदायक
जटेला धाम की आयुर्वेदिक खीर से पिछले कई वर्षों से हजारों श्रद्धालु और रोगी लाभ उठा चुके हैं। मान्यता है कि इस खीर का सेवन करने से मात्र से दमा, नजला और खांसी जैसी बीमारियों के उपचार में काफी मदद मिलती है। यही कारण है कि हर वर्ष बड़ी संख्या में श्रद्धालु इस अवसर पर जटेला धाम पहुंचकर खीर के प्रसाद का सेवन करते हैं।
रातभर चलेगा सत्संग और कीर्तन
जटेला धाम में हर रविवार को सत्संग और भंडारे का आयोजन किया जाता है। लेकिन शरद पूर्णिमा का यहां विशेष महत्व है। इस अवसर को जटेला धाम के वार्षिक कार्यक्रमों में सबसे विशेष माना जाता है। रातभर चलने वाले इस आयोजन में श्रद्धालु आध्यात्मिक वातावरण में भजन-कीर्तन का आनंद लेते हैं। भंडारा ग्रहण करते हैं और सुबह खीर का प्रसाल लेकर आश्रम से विदा लेते हैं। वहीं, धाम की प्रबंधन समिति का कहना है कि श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सभी व्यवस्थाएं पूरी कर ली गई हैं। यहां किसी भी भक्त को कोई परेशानी नहीं होने दी जाएगी। समिति का यह भी कहना है महंत राजेंद्र दास महाराज हर रविवार को जटेला धाम में दवाइयों का भी वितरण करते हैं। अब तक लाखों श्रद्धालु इसका लाभ उठा चुके हैं।