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Home Stay : प्रदेश में अब लोग पर्यटकों को अपने घरों में ठहरा सकेंगे

Home Stay

  • -घर के बाहर भी मिलेगा घर जैसा सुख, प्रदेश में लागू हुई होम स्टे योजना
  • -हरियाणा होम स्टे योजना के तहत एडीसी होंगे जिला स्तरीय कमेटी के अध्यक्ष

Home Stay : रेवाड़ी। घर के बाहर भी घर जैसा ‘सुख’ देने की धारणा के साथ हरियाणा की पर्यटन नीति आगे बढ़ रही है। सरकार की ओर से हरियाणा होम स्टे योजना लागू की गई है, जिसके तहत आमजन रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। इस योजना के तहत हरियाणा के विभिन्न इलाकों में रहने वाले लोग पर्यटकों को अपने यहां ठहरा सकते हैं। रेवाड़ी के डीसी अभिषेक मीणा ने बताया कि होम स्टे का अर्थ है, पर्यटकों को अपने घर में रहने के लिए उचित मूल्य पर व्यावसायिक आधार पर कमरे उपलब्ध कराना। जिन घर के मालिकों व परिवारों के घर में अतिरिक्त जगह है वे इन कमरों को पूर्ण बोर्डिंग के साथ पर्यटकों को निश्चित दरों पर दे सकते हैं। इस प्रकार, पर्यटकों को रहने और खाने के लिए स्वच्छ और किफायती स्थान मिलता है, साथ ही स्थानीय रीति-रिवाजों व व्यंजनों का अतिरिक्त अनुभव मिलता है। योजना से घर के मालिक-परिवार को अपनी आय बढ़ाने और अपने अप्रयुक्त संसाधनों को आर्थिक रूप से लाभकारी उपयोग में लाने में मदद मिलेगी।

लक्ष्य और उद्देश्य

यह योजना पर्यटन अर्थव्यवस्था को कई लाभ प्रदान करेगी। जैसे रोजगार, बहुमूल्य विदेशी मुद्रा, पारंपरिक कला, शिल्प और कौशल का प्रदर्शन आदि। होम स्टे योजना का उद्देश्य अधिक आवास-कमरे उपलब्ध कराकर बाजार का विस्तार करना है और साथ ही पर्यटकों को ऐसे आवास की पेशकश की कीमत को कम करना है। यह योजना बड़ी संख्या में ऐसे लोगों तक पर्यटन के लाभों के विकेंद्रीकरण को भी बढ़ावा देगी।

मिलेंगे रोजगार

प्रत्येक होम स्टे इकाई में 5 व्यक्तियों को रोजगार मिलेगा। यह हरियाणा राज्य के 75 प्रतिशत भौगोलिक क्षेत्र को कवर करेगी। हरियाणा पर्यटन विभाग की ओर से व्यापक प्रचार-प्रसार करके एक वर्ष के अंदर हरियाणा में कम से कम 200 होम स्टे इकाइयों को पंजीकृत करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

योजना की पात्रता की शर्तें

कोई भी गृहस्वामी योजना के अंतर्गत एक ही स्थान पर अधिकतम 5 पूर्ण स्वामित्व वाले आवास-कमरे पंजीकृत करा सकता है। सभी कमरे एक ही घर में होने चाहिए। सभी पंजीकृत कमरे किराए पर देने के लिए उपलब्ध होने चाहिए। परिवार के कम से कम एक सदस्य को उसी घर में शारीरिक रूप से रहना चाहिए। केवल वे होम स्टे इकाइयां पात्र होंगी जहां इकाई का गृहस्वामी शारीरिक रूप से उसी इकाई में रह रहा हो। होम स्टे इकाई के पास प्राथमिक चिकित्सा किट व अग्निशामक यंत्र होना चाहिए।

कमेटी करेगी आवेदनों का भौतिक निरीक्षण

एडीसी एवं जिला स्तरीय कमेटी अध्यक्ष अनुपमा अंजली ने बताया कि होम स्टे योजना के तहत चयनित घर होम स्टे के लिए प्रस्तावित कमरों के नवीनीकरण या जीर्णोद्धार के लिए किसी भी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक से ऋण प्राप्त कर सकता है। ब्याज सब्सिडी अधिकतम तीन वर्षों की अवधि के लिए प्रतिपूर्ति की जाएगी, बशर्ते कि घर का मालिक बैंक की किसी भी किस्त का भुगतान न करे। इस प्रकार, पर्यटन विभाग आवेदक द्वारा बैंक को भुगतान की गई ब्याज राशि का 100 प्रतिशत प्रतिपूर्ति करेगा, जो कि ऋण अवधि के अधिकतम 3 वर्ष तक होगी। अधिकतम ऋण राशि प्रति कमरा 3 लाख रुपये होगी, जो कि अधिकतम 15 लाख रुपये प्रति इकाई होगी। विभाग मालिक को मुद्रा योजना के तहत बैंकों से ऋण प्राप्त करने की सुविधा प्रदान करेगा। कोई भी घर का मालिक इस योजना के तहत केवल एक घर यानि अधिकतम 5 कमरे पंजीकृत कर सकता है। योजना के तहत पंजीकरण से पहले लिया गया कोई भी ऋण किसी भी सब्सिडी के लिए पात्र नहीं होगा। ग्रामीण क्षेत्रों में पंजीकृत होम स्टे इकाइयों को स्थानीय करों से छूट दी जाएगी। बिजली और पानी के लिए घरेलू दरें ली जाएंगी। योजना के अंतर्गत आने वाले आवेदनों का एडीसी की अध्यक्षता में गठित अधिकारियों की समिति द्वारा भौतिक निरीक्षण किया जाएगा। कमेटी में अतिरिक्त उपायुक्त अध्यक्ष, उप मंडल अधिकारी, खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी व जिले के निकटवर्ती आईएचएम प्राचार्य सदस्य हैं।

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