• Mon. Oct 13th, 2025

Haryana News : चिकित्सकों ने घुमंतू गाय के गले का ऑपरेशन कर निकाला 8 किलो का ट्यूमर

Haryana News

  • कृष्णावती नदी में घूमती गाय के गले की गांठ फूटने से पड़ गए थे कीड़े
  • अस्पताल के पशु चिकित्सक डॉ. रोहित कुमार व डॉ. विनय कुमार ने चार घंटे में किया सफल ऑपरेशन

हरियाणा में नारनौल के नांगल कालिया पशु अस्पताल में चिकित्सकों ने एएक घुमंतू गाय के गले का सफलता पूर्वक ऑपरेशन करके 7.800 किलोग्राम का ट्यूमर निकाला है। ऑपरेशन के बाद पूर्ण रूप से स्वस्थ्य है तथा चरवाहे के सुपुर्द कर दिया है। इस उपचार से उत्साहित ग्रामीणों ने चिकित्सक टीम को सम्मानित किया है। कहा कि दीपावली के अवसर पर चिकित्सकों ने गाय की जान बचाकर मानवता की मिशाल पेश की है।

ग्रामीणों ने बताया कि नांगल कालिया के पास कृष्णावती नदी में राजस्थान के चरवाहे गोवंश लेकर आते हैं, करीब चार महीने नदी व आसपास के गांवों में गायों को चराते हैं। इसके बाद घर की तरफ रवाना हो जाते हैं। वीरवार की सुबह चार पांच चरवाहे एक गाय लेकर पशु अस्पताल में पहुंचे। जिसकी गर्दन के नीचे वाले हिस्से में गांठ लटकी हुई थी। नदी में घूमते समय गांठ फूट गई थी। जिसमें कीड़े पड़ने की वजह से गाय असहनीय दर्द से पीड़ित थी। सुबह आठ बजे दर्द से पीड़ित गाय नदी में गिर गई, जिसे पशु अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां डॉ. रोहित कुमार व डॉ. विनय कुमार ने गाय का चेकअप किया। गले में लटकती गांठ और घाव की जांच करने के बाद गाय का जीवन खतरे में होने की पुष्टि हुई। इसके बाद उन्होंने तत्परता पूर्वक गाय के गले का ऑपरेशन करने पर विचार किया। आवश्यक दवाई तथा संसाधनों का प्रबंध करने के बाद, उन्होंने 11 बजे ऑपरेशन प्रक्रिया आरंभ की। करीब चार घंटे चले ऑपरेशन में चिकित्सकों को गले के ट्यूमर को निकालने में कामयाबी मिली। दर्द नाशक दवाई तथा सफल उपचार होते ही गाय एक घंटे बाद होश में आ गई। ग्रामीणों ने बताया कि भारतीय संस्कृति में गाय को पुज्यनीय दर्जा मिला हुआ है, लेकिन पश्चिमी देशों की संस्कृति के प्रभाव से लोगों में गोभक्ति कम हो गई तथा गोपालन से विमुख होने लगे हैं। नांगल कालिया अस्पताल में ट्यूमर पीड़ित गाय के हुए सफल ऑपरेशन से पशु पालकों व ग्रामीणों में उत्साह का माहौल है। ऑपरेशन टीम में वीएलडी अंकित कुमार, योगेश कुमार वीएलडीए व पंचायत प्रतिनिधि मौजूद रहे।

पशुओं के शरीर पर गांठ को नजरंदाज करना घातक

वरिष्ठ पशु चिकित्सक डॉ. विनय कुमार ने बताया कि पशुओं के शारीरिक चेकअप तथा बीमारियों के लक्षणों को लेकर पशु पालक गंभीर नहीं। जिस कारण पशुओं में बांझपन व गले से संबंधी बीमारियां बढ़ रही है। पशुओं की शारीरिक गांठ का तुरंत चिकित्सीय जांच कराना जरूरी है, क्योंकि अनदेखी करने पर मवेशी कैंसर पीड़ित हो सकता है। उन्होंने बताया कि विभागीय अस्पतालों में ऑपरेशन की मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *