Haryana
- – प्रदीप नरवाल के खिलाफ भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में कार्रवाई
- – स्कूल को मान्यता देने के लिए स्कूल प्रबंधक से मांगी थी रिश्वत
- – स्कूल ने रिश्वत नहीं दी तो 29 कमरों के स्कूल को 18 का दिखाया
- – आरएसएस नेता का था स्कूल, मान्यता देने के लिए मांगे थे 12 लाख
Haryana : हिसार। भ्रष्टाचार के मामले में शिक्षा विभाग ने जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) प्रदीप नरवाल को सस्पेंड कर दिया। निलंबन अवधि के दौरान वे मुख्यालय में सेवाएं देंगे। उनके स्थान पर सिरसा के डीईओ वेदप्रकाश को अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है। खास बात यह है कि नरवाल 4 दिन बाद 31 मार्च को ही रिटायर होने वाले थे। नरवाल पर स्कूलों को मान्यता देने के एवज में स्कूल प्रबंधकों से रिश्वत मांगने के आरोप हैं। एक स्कूल से रिश्वत नहीं मिली तो उन्होंने 29 कमरों के स्कूल को 18 कमरों का दिखा दिया। स्कूल किसी आरएसएस नेता का बताया जा रहा है। यह बात सीएम नायब सिंह सैनी तक भी पहुंच गई और इसके बाद डीईओ पर कार्रवाई हुई।
12 लाख मांगने के आरोप
सीएम सैनी के पास दो दिन पहले निजी स्कूलों का प्रतिनिधिमंडल पहुंचा था। इस दौरान बताया गया कि हिसार के डीईओ मान्यता देने की एवज में घूस मांग रहे हैं। उक्त अधिकारी ने हर स्कूल से 12 लाख रुपये की डिमांड की है। मामले ने तब तूल पकड़ा जब एक आरएसएस से जुड़े स्कूल संचालक से डीईओ ने स्कूल अपग्रेड की मान्यता के बदले 12 लाख मांगे। उसने पैसा नहीं दिया तो स्कूल में कमी निकालकर उसकी मान्यता रद कर दी।
सीएम ने की कार्रवाई
स्कूल ने 12वीं तक मान्यता के लिए अप्लाई किया था। पूरे मापदंड अपनाए हुए थे। 12वीं तक मान्यता के लिए 22 कमरों का स्कूल होना चाहिए, जबकि, स्कूल में 29 कमरे थे। डीईओ ने स्कूल का निरीक्षण करने की तारीख 25 जून 2024 तय की, लेकिन उक्त अधिकारी एक दिन पहले ही 24 जून को निरीक्षण करने पहुंच गया और रिपोर्ट नेगेटिव दिखा दी। 29 कमरे के स्कूल को 18 कमरों का दिखाया। निजी स्कूलों के प्रतिनिधिमंडल ने एक ऑडियो भी मुख्यमंत्री को दिया, जिसमें उक्त अधिकारी पैसे मांग रहा है। सीएम ने दो दिन के अंदर ही डीईओ को सस्पेंड करके मामले की विजिलेंस जांच के आदेश दे दिए। अब शिक्षा विभाग ने उसे सस्पेंड कर दिया।
अभी नहीं मिले आदेश : नरवाल
डीईओ प्रदीप नरवाल का कहना है कि अभी तक निलंबन के आदेश नहीं आए हैं।
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