gurugram land deal
- ईडी ने पहली बार अधिकारिक रूप से आरोपित बनाया
- साढ़े 7 करोड़ में जमीन लेकर 58 करोड़ में बेचने के आरोप
- कांग्रेस सांसद पि्रयंका गांधी के पति हैं वाड्रा
- वाड्रा के अलावा चार्जशीट में कई अन्य लोगों और कंपनियाें के नाम शामिल
- 2008 में हुआ था जमीन का सौदा
- आईएएस अशोक खेमका ने म्यूटेशन किया था रद्द
gurugram land deal : नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुग्राम के शिकोहपुर में जमीन सौदे में कथित अनियमितता से जुड़े धन शोधन के मामले में कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा के कारोबारी पति रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है। आधिकारिक सूत्रों ने बृहस्पतिवार को बताया कि यह पहली बार है जब किसी जांच एजेंसी ने 56 वर्षीय वाड्रा के खिलाफ आपराधिक मामले में अधिकारिक रूप से अभियोजन शिकायत (आरोप पत्र) दाखिल की है। वाड्रा के अलावा इस चार्जशीट में कई अन्य लोगों के साथ कंपनियों के नाम भी शामिल हैं। सूत्रों ने बताया कि संघीय जांच एजेंसी ने वाड्रा और स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड जैसी उनकी अन्य संबंधित संस्थाओं से संबंधित 37.64 करोड़ रुपये मूल्य की 43 अचल संपत्तियां भी कुर्क की हैं। उन्होंने बताया कि एजेंसी ने बुधवार को पीएमएलए के तहत एक अंतिम कुर्की आदेश जारी किया। आरोप है कि इस पूरी डील में कई अनियमितताएं की गईं। हरियाणा पुलिस ने 2018 में इस सौदे से जुड़े मामले में केस दर्ज किया। आगे चलकर ईडी ने भी इस मामले में केस दर्ज कर जांच शुरू की।
कुल 11 संस्थाओं को आरोपित बनाया
ईडी ने गुरुवार को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत आरोप पत्र यहां राउज एवेन्यू अदालत में पेश किया गया। आरोप पत्र में वाड्रा, उनसे जुड़ी स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी, सत्यानंद याजी और केवल सिंह विर्क, उनकी कंपनी ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड और कुछ अन्य सहित कुल 11 संस्थाओं को आरोपित बनाया है। अदालत ने अभी तक अभियोजन पक्ष की शिकायत पर संज्ञान नहीं लिया है।
हमने नियम नहीं तोड़े : वाड्रा
वहीं दूसरी तरफ वाड्रा ने किसी भी कानून या नियम का उल्लंघन करने से इनकार किया है। उनका कहना है कि यह मामला उनके और उनके परिवार (जिनमें लोकसभा में मौजूदा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी भी शामिल हैं) के खिलाफ ‘राजनीतिक प्रतिशोध’ से प्रेरित है।
वाड्रा पर धनशोधन का आरोप : ईडी
ईडी ने आरोपपत्र में दावा किया है कि वाड्रा पर धनशोधन का आरोप है। साथ ही उसने कुर्क की गई संपत्तियों को जब्त करने की मांग की है।
2018 में दर्ज की प्राथमिकी
वाड्रा के खिलाफ धन शोधन का मामला गुरुग्राम पुलिस द्वारा सितंबर, 2018 में दर्ज की गई प्राथमिकी पर आधारित है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि वाड्रा ने अपनी कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से 12 फरवरी 2008 को ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड से 7.5 करोड़ रुपये में ‘झूठी’ घोषणा के माध्यम से फर्जीवाड़ा कर सेक्टर 83 (गुरुग्राम) के शिकोहपुर गांव में स्थित 3.53 एकड़ जमीन की खरीद की। आरोप है कि वाद्रा ने अपने ‘व्यक्तिगत प्रभाव’ के जरिए उक्त भूमि पर वाणिज्यिक लाइसेंस भी प्राप्त किया। उस समय हरियाणा में भूपेंद्र सिंह हुड्डा नीत कांग्रेस की सरकार थी। चार साल बाद, सितंबर 2012 में, कंपनी ने यह जमीन रियल्टी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी डीएलएफ को 58 करोड़ रुपये में बेच दी।
खेमका ने दाखिल खारिज रद्द किया
यह भूमि सौदा अक्टूबर 2012 में विवादों में घिर गया जब भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी और तत्कालीन भूमि चकबंदी और भूमि अभिलेख महानिदेशक-सह-पंजीकरण महानिरीक्षक अशोक खेमका ने इस सौदे को राज्य चकबंदी अधिनियम और कुछ संबंधित प्रक्रियाओं का उल्लंघन बताते हुए दाखिल खारिज रद्द कर दिया। ईडी वाद्रा के खिलाफ दो अन्य मामलों में जांच कर रही है, जिनमें हथियार सलाहकार संजय भंडारी के खिलाफ मामला और दूसरा, राजस्थान के बीकानेर में एक भूमि सौदे से जुड़ा मामला शामिल है।