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Gerontology : सामान्य विकल्पों से अलग, गेरंटोलॉजी में चमकाए अपना करियर

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Gerontology

  • बुजुर्गों की सेवा और आशीर्वाद के साथ कमाई के भी अच्छे अवसर
  • गेरंटोलॉजी यानी जरा विज्ञान उम्र बढ़ने से संबंधित अध्ययन
  • इस पेशेवर क्षेत्र में चिकित्सक, नर्स, सामाजिक वैज्ञानिक और अन्य लोग शामिल
  • गेरंटोलॉजिस्ट की भारत समेत विदेशों में भी भारी डिमांड
  • बुजुर्गों की अलग बीमारियों और समस्याओं को समझने और देखभाल करने वाला विशेषज्ञ है गेरंटोलॉजिस्ट
  • आराम से कमा सकते हैं 50,000 से 500, 000 रुपये मासिक  

 

Dr Mohit Bansal
         Gerontology : Repoart                     Dr Mohit Bansal (Career Coach)

Gerontology : गेरंटोलॉजी यानी जरा विज्ञान आजकल एक नए करियर विकल्प के रूप में उभर रहा है। यह एक ऐसा व्यावसाय है जो सामान्य करियर विकल्पों से काफी अलग है। यह एक उम्र बढ़ने का अध्ययन है, विशेष रूप से कोशिकाओं, ऊतकों, अंग प्रणालियों, व्यक्तियों और आबादी में समय बीतने के साथ होने वाले परिवर्तनों का अध्ययन है। उम्र बढ़ना एक सतत और आजीवन प्रक्रिया है, जराचिकित्सा उम्र से संबंधित जैविक, समाजशास्त्रीय और मनोवैज्ञानिक परिवर्तनों और प्रभावित करने वाले कारकों से संबंधित है। इस पेशेवर क्षेत्र में चिकित्सक, नर्स, सामाजिक वैज्ञानिक और अन्य लोग शामिल होते हैं। जो उम्र बढ़ने वाली आबादी के लिए लाभकारी नीतियों की दिशा में अपने ज्ञान को लागू करने में विशेषज्ञ होते हैं। इसकी विदेशों में बहुत डिमांड है। अब तो यह क्षेत्र भारत में भी बढ़ता जा रहा है। आज के भागदौड़ भरे जीवन में, घर और समाज में बुजुर्गों की बढ़ती हुई उम्र और इससे संबंधित समस्याओं को समझने का अनुभव, समझ और समय तीनों ही उनके अपने बच्चों के पास नहीं है। ऐसे में बुजुर्गों की अलग तरह की बीमारियों और समस्याओं को ठीक से समझने और अच्छी देखभाल के लिए एक विशेषज्ञ की आवश्यकता होती है। यह काम बेहद समझारी और आसानी से एक गेरंटोलॉजिस्ट (जरा वैज्ञानिक) ही कर सकता है। इस रिपोर्ट के जरिये हम आपको बताएंगे गेरंटोलॉजी क्या है, इसकी जरूरत क्यों है और आप इसे कैसे एक बेहतरीन करियर के विकल्प के रूप में चुन सकते हैं।

क्या है गेरंटोलॉजी

गेरंटोलॉजी बुजुर्गों की उम्र बढ़ने की प्रक्रिया और इससे संबंधित समस्याओं का वैज्ञानिक अध्ययन है। यह क्षेत्र बुढ़ापे के जैविक, मनोवैज्ञानिक, और सामाजिक पहलुओं की जांच करता है। गेरंटोलॉजिस्ट वह पेशेवर होते हैं जो गेरंटोलॉजी में विशेषज्ञता रखते हैं। वे उम्र बढ़ने की प्रक्रिया का अध्ययन करते हैं और बुजुर्गों की जीवन गुणवत्ता को सुधारने के उपायों पर काम करते हैं। गेरंटोलॉजिस्ट अक्सर शोध, नीतियों का विकास, और सीधे बुजुर्गों और उनके परिवारों को समर्थन प्रदान करने में शामिल होते हैं। वे स्वास्थ्य देखभाल प्रदाताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं और अन्य पेशेवरों के साथ मिलकर काम करते हैं, ताकि वृद्ध जनसंख्या की ज़रूरतों का समाधान निकाल सकें।

शिक्षा और प्रशिक्षण

  1. उच्च शिक्षा: सबसे पहले, आपको एक मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री प्राप्त करनी होगी। आमतौर पर, यह डिग्री सामाजिक विज्ञान, मनोविज्ञान, स्वास्थ्य विज्ञान, या किसी संबंधित क्षेत्र में होनी चाहिए।
  2. विशेषज्ञता: स्नातक की डिग्री प्राप्त करने के बाद, आप गेरंटोलॉजी या वृद्धावस्था अध्ययन में मास्टर की डिग्री (एमए या एमएस) प्राप्त कर सकते हैं। कुछ विश्वविद्यालय गेरंटोलॉजी में विशेष डिग्री प्रोग्राम भी चलते हैं।
  3. प्रशिक्षण और अनुभव: आपकी शिक्षा के साथ-साथ, वृद्ध जनसंख्या के साथ काम करने का अनुभव भी महत्वपूर्ण है। इससे आपको गेरंटोलॉजी के क्षेत्र में व्यावसायिक कौशल और ज्ञान प्राप्त होगा। आप इंटर्नशिप, स्वयंसेवी कार्य, या अन्य पेशेवर अनुभव के माध्यम से यह अनुभव प्राप्त कर सकते हैं।
  4. सर्टिफिकेशन और लाइसेंस : कुछ क्षेत्रों में, गेरंटोलॉजिस्ट बनने के लिए विशेष सर्टिफिकेशन या लाइसेंस की आवश्यकता हो सकती है। यह प्रमाणन आपके व्यावसायिक योग्यता को मान्यता देता है और आपको पेशेवर मानक के अनुसार काम करने की अनुमति देता है।
  5. लगातार शिक्षा : गेरंटोलॉजी एक विकसित हो रहा क्षेत्र है, और इसमें निरंतर शिक्षा और अनुसंधान के माध्यम से अपडेटेड रहना महत्वपूर्ण है। आप कार्यशालाओं, सम्मेलनों, और पेशेवर संगठनों के माध्यम से इस ज्ञान को प्राप्त कर स्वयं को अपडेट कर सकते हैं।

यहां से प्राप्त करें शिक्षा एवं प्रशिक्षण

  1. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, अलीगढ़, उत्तर प्रदेश
    कोर्स: मास्टर ऑफ़ साइंस गेरंटोलॉजी, एवं पोस्टग्रेजुएट डिप्लोमा इन गेरंटोलॉजी
  2. गांधी मेडिकल कॉलेज, भोपाल
    कोर्स: डिप्लोमा इन गेरंटोलॉजी
  3. नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल वर्क एंड सोशल साइंसेज (NISWASS), भुवनेश्वर, ओडिशा
    कोर्स: पोस्टग्रेजुएट डिप्लोमा इन गेरंटोलॉजी
  4. जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, दिल्ली
    कोर्स: एमए इन सोशल वर्क विथ स्पेशलाइजेशन इन गेरंटोलॉजी
  5. स्मार्ट रिटायरमेंट फाउंडेशन
    कोर्स: ऑनलाइन डिप्लोमा इन गेरंटोलॉजी
  6. अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली
    कोर्स: पोस्टग्रेजुएट सर्टिफिकेट इन गरिएट्रिक्स
  7. दिल्ली विश्वविद्यालय, नई दिल्ली
    कोर्स: पोस्टग्रेजुएट डिप्लोमा इन गेरंटोलॉजी

यह भी कर सकते हैं

इसके साथ साथ आप जेरियाट्रिक मेडिसिन में विशेषज्ञता भी हासिल कर सकते है। कुछ मेडिकल कॉलेज और विश्वविद्यालय जेरियाट्रिक मेडिसिन में विशेष कोर्स भी प्रदान करते हैं। इन संस्थानों के कोर्स की पात्रता, अवधि, और विशेषताएँ अलग-अलग हो सकती हैं। इच्छुक विद्यार्थी को उनके आधिकारिक वेबसाइट या संपर्क सूत्रों से अपडेटेड जानकारी प्राप्त करनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कोर्स उनकी आवश्यकताओं और कैरियर लक्ष्यों के अनुसार उपयुक्त हो।

कौशल और अनुभव

  1. क्लिनिकल नॉलेज : बुजुर्गों से संबंधित बीमारियों, चिकित्सा स्थितियों, और उपचार विधियों का ज्ञान।
  2. कम्युनिकेशन स्किल्स : बुजुर्ग मरीजों और उनके परिवारों से प्रभावी संवाद करना।
  3. समस्या समाधान कौशल: जटिल चिकित्सा समस्याओं का समाधान निकालने की क्षमता।
  4. धैर्य और सहनशीलता : बुजुर्गों के साथ धैर्यपूर्वक और सहानुभूतिपूर्वक व्यवहार करना।
  5. अध्ययन व अनुसंधान : वृद्धावस्था से संबंधित नए अनुसंधानों व चिकित्सा प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी रखना।
  6. टीम वर्क : अन्य चिकित्सा पेशेवरों के साथ मिलकर काम करने की क्षमता।
  7. संगठनात्मक कौशल : समय और संसाधनों का प्रभावी ढंग से प्रबंधन करना।
  8. मनोवैज्ञानिक समझ : बुजुर्गों के मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को समझना और उनका समर्थन करना।
  9. तकनीकी दक्षता : चिकित्सा उपकरणों और सॉफ्टवेयर का उपयोग करने की क्षमता।
  10. नैतिकता और पेशेवर आचरण : चिकित्सा नैतिकता का पालन और पेशेवर आचरण बनाए रखना।

यह भी कर सकते हैं

अनुभव के लिए आप जेरियाट्रिक मेडिसिन रेजिडेंसी प्रोग्राम कर सकते है, जिसमें बुजुर्गों की चिकित्सा देखभाल के व्यावहारिक अनुभव शामिल होते हैं। आपको बुजुर्ग मरीजों के साथ काम करने का पर्याप्त अनुभव भी होना चाहिए। यह अनुभव सरकारी या निजी अस्पतालों, नर्सिंग होम्स, और क्लीनिकों में हासिल किया जा सकता है।

निजी क्षेत्र में करियर

निजी क्षेत्र में एक गेरंटोलॉजिस्ट के लिए करियर विकल्प कई प्रकार के हो सकते हैं। एक गेरंटोलॉजिस्ट निजी अस्पतालों, क्लीनिकों, नर्सिंग होम्स, वृद्धाश्रम, होम हेल्थकेयर सेवाएं, स्वास्थ्य बीमा कंपनियां, फार्मास्युटिकल कंपनियां, स्वास्थ्य प्रबंधन, परामर्श, फिटनेस और वेलनेस सेंटर, टेलीमेडिसिन सेवाएं एवं स्वास्थ्य तकनीकी कंपनियों में नौकरी के लिए आवेदन दे सकता है।

सरकारी क्षेत्र में करियर

सरकारी क्षेत्र में एक गेरंटोलॉजिस्ट के लिए करियर विकल्प कई प्रकार के हो सकते हैं। एक गेरंटोलॉजिस्ट सरकारी अस्पताल, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, मेडिकल कॉलेज और विश्वविद्यालय, अनुसंधान संस्थान, स्वास्थ्य मंत्रालय, राज्य स्वास्थ्य विभाग, केंद्रीय सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं और प्रशासनिक पद के लिए आवेदन दे सकता है।

वेतन एवं आय

  • निजी क्षेत्र में एक ग्रेन्टोलॉजिस्ट की वेतन और आय कई कारकों पर निर्भर करती है, जैसे कि अनुभव, कार्यस्थल का स्थान, संस्थान का प्रकार, और उनकी विशेषज्ञता। शुरुआती स्तर पर एक नए गेरंटोलॉजिस्ट, जिन्होंने अभी-अभी अपनी विशेषज्ञता पूरी की है, का मासिक वेतन लगभग 50,000 से 1,00,000 रुपये तक हो सकता है।
  •  कुछ वर्षों के अनुभव के बाद, गेरंटोलॉजिस्ट का मासिक वेतन 1,00,000 से 2,00,000 रुपये तक हो सकता है।
  • वरिष्ठ ग्रेन्टोलॉजिस्ट, जिनके पास 10 से अधिक वर्षों का अनुभव है, का मासिक वेतन 2,00,000 से 5,00,000 रुपये या उससे अधिक भी हो सकता है।

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