Deepwali
- अमावस आधार पर प्रथम दिवस पूजन मान्य
- अमावस्या तिथि 31 अक्टूबर और 1 नवंबर को, इसे लेकर असमंजस की स्थिति
- 29 अक्टूबर को धनतेरस के साथ प्रारंभ होगी दीपावली
- भाईदूज संग 3 नवंबर को होगा दीपोत्सव का समापन
Deepwali : रायपुर। इस बार दीपावली 6 दिनों की रहेगी। अमावस्या तिथि दो दिनों तक होने के कारण यह स्थिति निर्मित हुई है। इस साल कार्तिक अमावस्या 31 अक्टूबर और 1 नवंबर दोनों दिन रहने वाली है। ऐसे में दिवाली पूजन कब करें, इस पर लोगों में असमंजस है। हालांकि अधिकतर ज्योतिषाचार्यों और शहर के पंडितों का कहना है कि दीपावली अमावस्या की प्रथम तिथि अर्थात 31 अक्टूबर को ही मनाना उचित है, क्योंकि लक्ष्मी पूजन के लिए आवश्यक गोधुलि बेला इस दिन ही प्राप्त होगी। एक नवंबर को शाम 5 बजे के बाद अमावस्या तिथि समाप्त हो जाएगी। ऐसे में तिथि बीत जाने के बाद लक्ष्मी पूजन फलदायी नहीं होगा। दिवाली का पर्व 5 दिवसीय पर्व होता है, जो कि धनतेरस से शुरू होता है और भाई दूज के दिन समाप्त होता है। इसमें धनतेरस, चौदस, लक्ष्मी पूजन, गोवर्धन पूजा और भाई दूज शामिल है। चूंकि इस बार अमावस्या तिथि दो दिनों तक रहेगी, इसलिए इस बार दीपावली 6 दिनों की रहेगी। 31 अक्टूबर को लक्ष्मी पूजन के बाद गोवर्धन पूजा 2 नवंबर को होगी।
एक नंबवर को लग जाएगी प्रतिपदा तिथि
पंचांग के अनुसार 31 तारीख को 3 बजकर 22 मिनट पर अमावस्या तिथि आरंभ होगी और 1 नवंबर को शाम में 5 बजकर 23 मिनट पर अमावस्या तिथि समाप्त होगी। इसके चलते 1 तारीख को अमावस्या तिथि प्रदोष और निशिथ काल को स्पर्श नहीं कर रही है अमावस्या पर दिवाली पूजन करने के लिए अमावस्या की रात का होना जरूरी है, जो कि 31 अक्टूबर की रात को होगी। ऐसे में 31 अक्टूबर की रात को दिवाली की लक्ष्मी पूजन करना उचित होगा। नवंबर की रात को प्रतिपदा तिथि लग जाएगी।
जानिए कब कौन सा पर्व
धनतेरस 29 अक्टूबर
नरक चतुर्दशी 30 अक्टूबर
लक्ष्मी पूजन 31 अक्टूबर
गोवर्धन पूजा 2 नवंबर
भाई दूज 3 नवंबर
गुरुवार को पूजन मान्य
लक्ष्मी पूजन अमावस्या में संध्याकाल में गोधुली बेला में की जाती है। गुरुवार को गोधुलि बेला में अमावस्या रहेगी, जबकि शुक्रवार को दाेपहर में ही अमावस्या तिथि समाप्त हो जाएगी। ऐसे में गुरुवार को लक्ष्मी पूजन मान्य है।
-पं. मनोज शुक्ला, महामाया मंदिर, रायपुर
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