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सतत विकास सलाहकार बनकर चमकाएं करियर।सतत विकास सलाहकार बनकर चमकाएं करियर।

career

  • -सतत विकास सलाहकार बनकर आप भी चमका सकते हैं करियर
  • -कंपनियों, संगठनों और सरकारों को देते हैं पर्यावरणीय प्रभाव पर मार्गदर्शन
  • -सुनिश्चित करते हैं, उनके क्लाइंट्स की गतिविधियां पर्यावरण अनुकूल हैं या नहीं
  • -यह एक रोमांचक और अत्यंत महत्वपूर्ण करियर विकल्प
  • -पर्यावरण और समाज के लिए सकारात्मक प्रभाव डालने का देता है मौका

      डाॅ. मोहित बंसल
(करियर कोच एवं मोटिवेशनल स्पीकर)

career : आज के समय में पर्यावरण की स्थिति और जलवायु परिवर्तन को लेकर बढ़ती जागरूकता के कारण सस्टेनेबिलिटी कंसल्टेंट्स (सतत विकास सलाहकार) की मांग लगातार तेजी से बढ़ती जा रही है। ऐसे में यह करियर का बढ़िया ऑप्शन हो सकता है। युवा इस क्षेत्र में अपना करियर चमका सकते हैं। सस्टेनेबिलिटी कंसल्टेंट वह पेशेवर होते हैं जो कंपनियों, संगठनों और सरकारों को पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के लिए मार्गदर्शन और सलाह प्रदान करते हैं। उनका काम यह सुनिश्चित करना होता है कि उनके क्लाइंट्स की गतिविधियां पर्यावरण के लिए अधिक सस्टेनेबल हों और साथ ही आर्थिक रूप से लाभकारी भी रहें। यदि आपको पर्यावरण संरक्षण में रुचि है और आप व्यवसायिक और पर्यावरणीय लक्ष्यों को संतुलित करना चाहते हैं, तो सस्टेनेबिलिटी कंसल्टेंट बनना आपके लिए एक बेहतरीन करियर विकल्प हो सकता है। इसके लिए कुछ प्रशिक्षण और योग्यता जरूरी होती है। इस रिपोर्ट में जानते है कि यह कैसा पेशा है और इसके लिए क्या योग्यता होनी चाहिए।

मजबूत शैक्षिक आधार जरूरी

सस्टेनेबिलिटी कंसल्टेंट बनने के लिए आपको एक मजबूत शैक्षिक आधार की आवश्यकता होती है। इस पेशे में काम करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञता की जरूरत होती है, जैसे कि पर्यावरण विज्ञान, इकोनॉमिक्स, और व्यापार नीति।

शिक्षा और प्रशिक्षण के विकल्प

1. बैचलर डिग्री: सस्टेनेबिलिटी कंसल्टेंट बनने के लिए सबसे पहले आपको पर्यावरण विज्ञान, इकोलॉजी, रिवर्स इन्जीनियरिंग, या बिजनेस प्रशासन में बैचलर डिग्री प्राप्त करनी होती है। इन क्षेत्रों में बुनियादी ज्ञान प्राप्त करने से आपको पर्यावरणीय और व्यावसायिक दृष्टिकोणों को समझने में मदद मिलेगी।
2. मास्टर डिग्री: एक उन्नत डिग्री जैसे कि एम.एस. इन सस्टेनेबिलिटी, एम.बी.ए. इन सस्टेनेबल बिजनेस, या एम.एस. इन एनवायरनमेंटल मैनेजमेंट आपके कौशल को और बढ़ाती है। इससे आपको अधिक गहरी विशेषज्ञता प्राप्त होती है और आप पर्यावरणीय प्रबंधन में उत्कृष्ट बन सकते हैं।
3. डॉक्टरेट (पीएच.डी.): यदि आप सस्टेनेबिलिटी के क्षेत्र में गहरी शोध और विकास करना चाहते हैं, तो आप पीएच.डी. कर सकते हैं। इससे आपको इस क्षेत्र में उच्चतम स्तर तक करियर बनाने के अवसर मिलते हैं।

ये संस्थान करवाते हैं डिग्री

-भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), दिल्ली
कोर्स नाम: बी.टेक इन एनवायरनमेंटल इंजीनियरिंग
-दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली
कोर्स नाम: बीए (ऑनर्स) इन इकोलॉजी और सस्टेनेबिलिटी
-पुणे विश्वविद्यालय, पुणे
कोर्स नाम: बीएससी इन एनवायरनमेंटल साइंसेस
-नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ इकोलॉजी (एनआईई), दिल्ली
कोर्स नाम: बीएससी इन इकोलॉजी एंड सस्टेनेबिलिटी
-सिंबायोसिस इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी, पुणे
कोर्स नाम: बीए (ऑनर्स) इन सस्टेनेबल डेवलपमेंट
-भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), दिल्ली
कोर्स नाम: एम.एस. इन सस्टेनेबिलिटी साइंस एंड इंजीनियरिंग
-टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टीआईएसएस), मुंबई
कोर्स नाम: एम.ए. इन सस्टेनेबिलिटी स्टडीज
-दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली
कोर्स नाम: बीए (ऑनर्स) इन इकोलॉजी और सस्टेनेबिलिटी
-राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (एनईईआरआई), नागपुर
कोर्स नाम: एम.टेक इन सस्टेनेबिलिटी और पर्यावरण प्रबंधन
सोनौली विश्वविद्यालय, उत्तर प्रदेश
-कोर्स नाम: एम.एस. इन पर्यावरण विज्ञान और सस्टेनेबिलिटी
-इन संस्थानों से आप सस्टेनेबिलिटी कंसल्टिंग और पर्यावरण प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं को सीख सकते हैं, और इस क्षेत्र में अपना करियर बना सकते हैं।

इंटर्नशिप, अनुभव और प्रमाण पत्र

इस क्षेत्र में अनुभव और व्यावहारिक प्रशिक्षण अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं। आप पर्यावरणीय सलाहकार फर्मों, एनजीओ, या सरकारी एजेंसियों में इंटर्नशिप कर सकते हैं। इंटर्नशिप के दौरान आप विभिन्न कंपनियों के सस्टेनेबल प्रैक्टिसेस को समझ सकते हैं और असली दुनिया में काम करने का अनुभव प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा, कई संस्थान और अंतरराष्ट्रीय संगठन सस्टेनेबिलिटी कंसल्टिंग में प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम भी प्रदान करते हैं जो आपके कौशल को प्रमाणित कर सकते हैं।

कौशल और योग्यता

1. पर्यावरणीय और बिजनेस ज्ञान
आपको पर्यावरणीय प्रभावों, जलवायु परिवर्तन, और व्यापार प्रथाओं की अच्छी समझ होनी चाहिए। सस्टेनेबिलिटी कंसल्टिंग में आपको दोनों क्षेत्रों का संतुलन बनाए रखना होता है।
2. समस्या सुलझाने की क्षमता

सस्टेनेबिलिटी कंसल्टेंट को पर्यावरणीय और व्यावसायिक समस्याओं को रचनात्मक तरीके से हल करने की क्षमता होनी चाहिए। आपको समाधान प्रस्तावित करने और उनका प्रभावी कार्यान्वयन करने का कौशल होना चाहिए।

3. डेटा विश्लेषण और रिपोर्टिंग कौशल
आपको डेटा का विश्लेषण करना, पर्यावरणीय प्रभावों का मूल्यांकन करना, और प्रभावी रिपोर्ट तैयार करना आना चाहिए। इसके लिए डेटा एनालिटिक्स टूल्स का ज्ञान जरूरी है।
4. संचार कौशल
सस्टेनेबिलिटी कंसल्टेंट को अपने विचारों और समाधान को स्पष्ट और प्रभावी रूप से ग्राहकों और टीम के साथ साझा करना होता है।

निजी क्षेत्र में करियर

सस्टेनेबिलिटी कंसल्टेंट के लिए निजी क्षेत्र में कई रोजगार के अवसर उपलब्ध हैं। प्रमुख कंपनियाँ जैसे कि डेलॉइट, पीडब्ल्यूसी, केपीएमजी, और मैकिन्से और एएमपी कंपनी सस्टेनेबिलिटी कंसल्टिंग सर्विसेस प्रदान करती हैं। इसके अलावा, कई पर्यावरणीय परामर्श फर्में भी सस्टेनेबिलिटी कंसल्टिंग के लिए अवसर प्रदान करती हैं। इन कंपनियों में आप कंपनियों को अपने व्यवसाय में पर्यावरणीय दृष्टिकोण से मदद करने की भूमिका निभा सकते हैं।

सरकारी क्षेत्र में करियर

भारत में कई सरकारी संगठन भी इस क्षेत्र में कार्यरत हैं, जैसे कि एनवायरनमेंटल प्रोटेक्शन एजेंसी (ईपीए), भारतीय पर्यावरण मंत्रालय, और राज्य सरकारों के पर्यावरण विभाग। इन संस्थाओं में आपको पर्यावरण नीति, योजना और विकास में महत्वपूर्ण योगदान करने के अवसर मिल सकते हैं।

वेतन और आय

सस्टेनेबिलिटी कंसल्टेंट का वेतन विभिन्न कारकों पर निर्भर करता है, जैसे अनुभव, कंपनी, और कार्यक्षेत्र। भारत में एक फ्रेशर सस्टेनेबिलिटी कंसल्टेंट का वेतन लगभग 6,00,000 रुपये से 10,00,000 रुपये प्रति वर्ष हो सकता है, जबकि अधिक अनुभवी पेशेवरों का वेतन 12,00,000 से 20,00,000 रुपये प्रति वर्ष तक जा सकता है। अंतरराष्ट्रीय कंपनियों में काम करने पर वेतन और लाभ और भी अधिक हो सकते हैं।

महत्वपूर्ण करियर विकल्प

सस्टेनेबिलिटी कंसल्टिंग एक रोमांचक और अत्यंत महत्वपूर्ण करियर विकल्प है, जो पर्यावरण और समाज के लिए सकारात्मक प्रभाव डालने का अवसर प्रदान करता है। यदि आपको पर्यावरण और व्यवसाय के संतुलन में रुचि है, तो यह पेशा आपके लिए उपयुक्त हो सकता है। इस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए सही शिक्षा, कौशल, और अनुभव प्राप्त करना बेहद महत्वपूर्ण है।

करियर काउंसलर से लें सलाह

अपने लिए किसी भी करियर को चुनने से पहले, करियर काउंसलर की सलाह लेना हमेशा फायदेमंद होता है, ताकि आप अपने कौशल और रुचियों के आधार पर सही दिशा में कदम बढ़ा सकें। इसके लिए आप www.careerjaano.com पर विजिट कर सकते हैं।

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