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Cabinet : पीएम-आशा योजनाएं जारी रखने की मंजूरी

केंद्रीय कैबिनेट की बैठक।केंद्रीय कैबिनेट की बैठक।

Cabinet

  • योजना पर 2025-26 तक 35,000 करोड़ रुपये होगा कुल वित्तीय व्यय
  • किसानों को उनकी उपज का लाभकारी मूल्य देने में मिलेगी मदद
  • उपभोक्ताओं को किफायती मूल्‍यों पर होगी उत्पादों की उपलब्धता

Cabinet : नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने किसानों को लाभकारी मूल्य प्रदान करने और उपभोक्ताओं के लिए आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में उतार-चढ़ाव को नियंत्रित करने के लिए प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएम-आशा) योजनाएं जारी रखने की मंजूरी दे दी है। इस पर 15वें वित्त आयोग के दौरान 2025-26 तक 35,000 करोड़ रुपये कुल वित्तीय व्यय होगा। सरकार ने किसानों और उपभोक्ताओं को अधिक कुशलता से सेवा प्रदान करने के लिए मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) और मूल्य स्थिरीकरण कोष (पीएसएफ) योजनाओं को पीएम-आशा में मिला दिया है। पीएम-आशा की एकीकृत योजना इसके कार्यान्वयन में और अधिक प्रभावशीलता लाएगी, जिससे न केवल किसानों को उनकी उपज के लिए लाभकारी मूल्य प्रदान करने में मदद मिलेगी, बल्कि उपभोक्ताओं को किफायती मूल्‍यों पर आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित करके मूल्यों में उतार-चढ़ाव को भी नियंत्रित किया जा सकेगा। पीएम-आशा में अब मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस), मूल्य स्थिरीकरण कोष (पीएसएफ), मूल्य घाटा भुगतान योजना (पीओपीएस) और बाजार हस्तक्षेप योजना (एमआईएस) के घटक शामिल होंगे।

खरीद करने में मदद मिलेगी

मूल्य समर्थन योजना के तहत एमएसपी पर अधिसूचित दलहन, तिलहन और खोपरा की खरीद 2024-25 मौसम से इन अधिसूचित फसलों के राष्ट्रीय उत्पादन का 25 प्रतिशत होगी, जिससे राज्यों को लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने और संकटपूर्ण बिक्री को रोकने के लिए किसानों से एमएसपी पर इन फसलों की अधिक खरीद करने में मदद मिलेगी। हालाँकि, 2024-25 मौसम के लिए तुअर, उड़द और मसूर के मामले में यह सीमा लागू नहीं होगी क्योंकि 2024-25 मौसम के दौरान तुअर, उड़द और मसूर की 100 प्रतिशत खरीद होगी जैसा कि पहले फैसला किया गया था।

45,000 करोड़ रुपये दिए

सरकार ने एमएसपी पर अधिसूचित दलहन, तिलहन और खोपरा की खरीद के लिए किसानों से मौजूदा सरकारी गारंटी का नवीनीकरण करते हुए उसे बढ़ाकर 45,000 करोड़ रुपये कर दिया है। इससे कृषि एवं किसान कल्याण विभाग (डीएएंडएफडब्लू) को किसानों से एमएसपी पर दलहन, तिलहन और खोपरा की अधिक खरीद करने में मदद मिलेगी।

अस्थिरता से बचाने में मदद

मूल्य स्थिरीकरण कोष (पीएसएफ) योजना के विस्तार से दालों और प्याज के रणनीतिक सुरक्षित भंडार को बनाए रखने, जमाखोरी करने वालों और विवेकहीन अटकलें लगाने वालों को हतोत्साहित करने और उपभोक्ताओं को सस्ती कीमतों पर आपूर्ति करने के लिए कृषि-बागवानी वस्तुओं की कीमतों में अत्यधिक अस्थिरता से बचाने में मदद मिलेगी। जब भी बाजार में कीमतें एमएसपी से ऊपर होंगी, तो बाजार मूल्य पर दालों की खरीद उपभोक्ता कार्य विभाग (डीओसीए) द्वारा की जाएगी, जिसमें नैफेड के ई-समृद्धि पोर्टल और एनसीसीएफ के ई-संयुक्ति पोर्टल पर पूर्व-पंजीकृत किसान भी शामिल होंगे। सुरक्षित भंडार के रखरखाव के अलावा, पीएसएफ योजना के तहत हस्तक्षेप टमाटर जैसी अन्य फसलों और भारत दाल, भारत आटा और भारत चावल की सब्सिडी वाली खुदरा बिक्री में किया गया है।

https://vartahr.com/cabinet-approval…-pm-asha-schemes/

 

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