Booker Prize
- – हाई लैंप यह सम्मान पाने वाली पहली कन्नड़ भाषा की पुस्तक
- – इसे दीपा भास्ती ने अंग्रेजी में किया था अनुवाद
- – हार्ट लैंप को दुनियाभर की 6 किताबों में से चुना गया
- – यह अवार्ड पाने वाला पहला लघु कथा संग्रह
Booker Prize : लंदन। लेखिका, सामाजिक कार्यकर्ता और वकील बानू मुश्ताक के कन्नड़ लघु कथा संग्रह ‘हृदय दीप’ के अनूदित संस्करण ‘हार्ट लैंप’ को लंदन में अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। यह पहली कन्नड़ कृति है, जिसे 50,000 पाउंड के अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चुना गया है। मुश्ताक ने मंगलवार रात ‘टेट मॉडर्न’ में एक समारोह में अपनी इस रचना की अनुवादक दीपा भास्ती के साथ पुरस्कार प्राप्त किया। मुश्ताक ने इस उपलब्धि को विविधता की जीत बताया है। दीपा भास्ती ने इस किताब का कन्नड़़ से अंग्रेजी में अनुवाद किया था।
क्या है संग्रह में
मुश्ताक की 12 लघु कहानियों का यह संग्रह दक्षिण भारत के पितृसत्तात्मक समुदाय में हर दिन महिलाओं के लचीले रुख, प्रतिरोध और उनकी हाजिरजवाबी का वर्णन करता है, जिसे मौखिक कहानी कहने की समृद्ध परंपरा के माध्यम से जीवंत रूप दिया गया है।
कोई भी कहानी छोटी नहीं
मुश्ताक ने कहा, ‘यह किताब इस विश्वास से पैदा हुई है कि कोई भी कहानी कभी छोटी नहीं होती और मानवीय अनुभव के ताने-बाने में बुना गया हर धागा पूरी कहानी का भार उठाता है।’
कितनी खूबसूरत जीत
अनुवादक दीपा भास्ती ने कहा, ‘मेरी खूबसूरत भाषा के लिए यह कितनी खूबसूरत जीत है।’
कन्नड़़ की महानता का झंडा बुलंद : सिद्धरमैया
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने मुश्ताक की इस उपलब्धि की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कन्नड़ की महानता का झंडा बुलंद किया है। ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘साहित्य के लिए अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीतने वाली गौरवशाली कन्नड़ लेखिका बानू मुश्ताक को हार्दिक बधाई। यह कन्नड़़, कन्नड़़ भाषियों और कर्नाटक के लिए जश्न मनाने का समय है।’
क्या है बुकर अवार्ड
बुकर पुरस्कार अंग्रेजी भाषी दुनिया का प्रमुख साहित्यिक पुरस्कार है, वहीं अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार प्रतिवर्ष किसी एक पुस्तक के लिए दिया जाता है, जिसका अंग्रेजी में अनुवाद किया जाता है तथा जिसे ब्रिटेन या आयरलैंड में प्रकाशित किया जाता है। ‘हार्ट लैंप’ यह पुरस्कार प्राप्त करने वाला पहला लघु कथा संग्रह भी है। इसमें मुश्ताक की 1990 से लेकर 2023 तक 30 साल से अधिक समय में लिखी कहानियां हैं। इनका चयन और संयोजन भास्ती ने किया, जो दक्षिण भारत की बहुभाषी प्रकृति को संरक्षित करने के लिए उत्सुक थीं।
पुरस्कृति कृति को 50,000 पाउंड मिले
छह ‘शॉर्टलिस्ट’ की गई किताबों में से प्रत्येक को 5,000 पाउंड का पुरस्कार दिया जाता है, जिसे लेखक और अनुवादक के बीच बांटा जाता है। पुरस्कृति कृति को 50,000 पाउंड की राशि दी जाती है जिसमें मूल लेखक और अनुवादक को 25,000-25,000 पाउंड मिलते हैं। वर्ष 2022 के बाद यह दूसरा मौका है जब किसी भारतीय को अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार मिला है। वर्ष 2022 में कथाकार गीतांजलि श्री के हिंदी उपन्यास ‘रेत समाधि’ के अनुवादित संस्करण ‘टॉम्ब ऑफ सैंड’ को यह पुरस्कार मिला था।
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