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- अमेरिका में चुनाव का आज 5 नवंबर को फाइनल दिन
- एक तिहाई लोग पहले कर चुके हैं मतदान, राष्ट्रपति पद जीतने के लिए कम से कम 270 इलेक्टोरल वोट की जरूरत
- कुल 538 इलेक्टोरल कॉलेज वोट: अब वोटर्स के
- हाथ में डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस की किस्मत
- भारतीय समय के मुताबिक मंगलवार शाम साढ़े 5 बजे वोटिंग शुरू हुई जो 6 नवंबर की सुबह साढ़े 10 बजे तक चलेगी
US वॉशिंगटन। न्यूयॉर्क और इंडियाना सहित कई राज्यों में मतदान शुरू हो गया है। कनेक्टिकट, इंडियाना, केंटकी, मेन, न्यू जर्सी, न्यूयॉर्क और वर्जीनिया के मतदाता अब अपने मतपत्र डाल सकते हैं। इनमें से न्यूयॉर्क में सबसे ज्यादा इलेक्टोरल कॉलेज वोट हैं, जहां 28 वोटों के लिए मतदान होना है। सबसे कम इलेक्टोरल कॉलेज वोट वाला राज्य मेन है, जहां चार वोट हैं। बुधवार को अमेिरका के नए बॉस का नाम तय हो जाएगा। यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई भी न छूट जाए, नासा ने एक योजना शुरू की है जो अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में रहते हुए भी अपने नागरिक कर्तव्य निभाने की अनुमति देती है। रिपोर्ट बताती है कि चार अमेरिकी वर्तमान में अंतरिक्ष में हैं जो अपने मतदान के अधिकार का प्रयोग करना चाहेंगे, जिनमें दो बोइंग स्टारलाइनर अंतरिक्ष यात्री – सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर शामिल हैं – जो फरवरी तक अंतरिक्ष में फंसे हुए हैं। लेकिन, अमेरिका के पिछले आंकड़े बताते हैं कि नतीजों में कुछ देरी भी हो सकती है। ऐसा ही कुछ साल 2020 में हुआ था जब नतीजे 4 दिन की देरी से आए थे।
सात स्विंग राज्य तय करेंगे कि जीतने के लिए जरूरी 270 वोट किसे मिलेंगे?
95 इलेक्टोरल कॉलेज वोटों के बराबर के सात स्विंग राज्य तय करेंगे कि जीतने के लिए जरूरी 270 वोट किसे मिलेंगे। इनमें से कुछ महत्वपूर्ण स्विंग राज्य पहले ही नतीजे जारी कर देंगे, जबकि अन्य मतदान के बाद कई दिन लग सकते हैं। उदाहरण के लिए, 2020 में, जॉर्जिया में मतदान बंद होने के बाद लगभग 16 दिन लग गए थे। दूसरी ओर, एरिज़ोना में अगली सुबह ही चुनाव की घोषणा कर दी गई। अमेरिका के राष्ट्रपति पद का चुनाव जीतने के लिए कुल 538 इलेक्टोरल कॉलेज वोटों में से बहुमत चाहिए होता है, जो 50 अमेरिकी राज्यों और डिस्ट्रिक्ट ऑफ कोलंबिया के बीच विभाजित हैं। प्रत्येक राज्य के इलेक्टोरल वोट 2020 की जनगणना से अद्यतन जनसंख्या गणना पर आधारित हैं। तेरह राज्यों में इलेक्टोरल वोटों की संख्या पिछले राष्ट्रपति चुनाव की तुलना में अलग होगी।
अमेिरका से संबंध मजबूत होंगे : जयशंकर
ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि ट्रंप के कार्यकाल में क्वाड सम्मेलन में तेजी आई। उन्होंने कहा कि जब हम अमेरिकी चुनाव के बारे में बात करते हैं तो हमें पूरा विश्वास है कि फैसला जो भी आए, अमेरिका के साथ हमारे संबंध और मजबूत होंगे।
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