Alert
- सीएफएसएल-पीयू ने मिलकर बनाया बेहतरीन उपकरण
- घटना पर कोई बटन दबाने की जरूरत नहीं
- डिवाइस के अंदर कई तरह के सेंसर लगे हैं
- टीम की तरफ से ही बनाया गया
Alert : चंडीगढ़। चंडीगढ़ स्थित सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (सीएफएसएल) और पंजाब यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने मिलकर एक स्मार्ट डिवाइस ‘रक्षा सूत्र’ तैयार किया है, जो स्नैचिंग यानी झपटमारी की घटना होते ही खुद-ब-खुद एक्टिव होकर आरोपी की वीडियो, ऑडियो और लोकेशन रिकॉर्ड कर लेता है। महिलाओं की सुरक्षा को लेकर एक अनोखी तकनीक का विकास हुआ है, जो आने वाले समय में झपटमारी और चोरी की घटनाओं पर लगाम लगाने में क्रांतिकारी साबित हो सकती है। रक्षा सूत्र को डॉ. एसके जैन, डॉ. सुखमिंदर कौर, प्रो. नवीन अग्रवाल, डॉ. गरिमा जोशी, डॉ. प्रीति सिंह, डॉ. चारू मधु, डॉ. निधि गर्ग, कृष्ण चौहान, मंजीत कौर, प्रिंस राणा, निशा शर्मा, ऋषि डोगरा, कनिष्क मदान ने मिलकर तैयार किया है। इन वैज्ञानिक, प्रोफेसर और छात्रों ने साल 2022 में इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया था और लगातार परीक्षण व शोध के बाद इस तकनीक को काफी छोटे आकार में बनाने में सफल रहे हैं। टीम के सदस्यों ने बताया कि इस डिवाइस की सबसे खास बात यह है कि किसी भी आपात स्थिति में महिला या व्यक्ति को कोई बटन दबाने की जरूरत नहीं है। डिवाइस के अंदर कई तरह के सेंसर लगे हैं, जिन्हें टीम की तरफ से ही बनाया गया है।
ज्वेलरी के पीछे किया जा सकेगा फिट
इस डिवाइस की खास बात यह है कि इसे महिलाओं के आभूषणों (ज्वेलरी) के पीछे इस तरह फिट किया जाता है कि यह सामान्य तौर पर दिखता नहीं, लेकिन जैसे ही स्नैचिंग जैसी घटना होती है, यह अपने आप एक्टिवेट हो जाता है। सक्रिय होते ही यह डिवाइस न केवल आरोपी की वीडियो और ऑडियो रिकॉर्डिंग शुरू कर देता है, बल्कि उसी समय उसकी लोकेशन भी रिकॉर्ड कर लेता है। यह डेटा बाद में जांच एजेंसियों के लिए बेहद अहम सबूत के रूप में काम आ सकता है।
डीएफएसएल मुंबई ने दिखाई रुचि
यह तकनीक सिर्फ कागजों या लैब तक सीमित नहीं रही है। इस टेक्नोलॉजी को पेटेंट कराने के लिए भारत सरकार को आवेदन भी कर दिया गया है। टीम के सदस्यों ने बताया कि इस डिवाइस को और छोटा बनाने पर काम किया जा रहा है। टेक्नोलॉजी को लेकर डीएफएसएल मुंबई ने भी रुचि दिखाई है।