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Career : एनेस्थेसिया एवं ऑपरेशन थिएटर टेक्नोलॉजिस्ट बन छू लें आसमान

Byadmin

Nov 6, 2025 #career

Career :

  • सर्जरी के हीरो पर्दे के पीछे–करियर का बेहतरीन विकल्प
  • 12वीं (फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी) में न्यूनतम 50/55% अंकों के साथ पास होना जरूरी
  • सरकारी संस्थानों में केवल प्रवेश परीक्षा के आधार पर ही दाख़िला
  • बी.एससी. इन एनेस्थीसिया और ऑपरेशन थिएटर टेक्नोलॉजी

विपुल शर्मा
मोटिवेशनल स्पीकर

अगर आप भी मेडिकल के क्षेत्र में अपना करियर चमकाना चाहते हैं तो आपके लिए एनेस्थेसिया एवं ऑपरेशन थिएटर टेक्नोलॉजिस्ट का कोर्स एक बेहतर करियर विकल्प हो सकता है। यह कोर्स करने के बाद आप सर्जरी में पर्दे के पीछे के हीरो बन जाएंगे और अपने करियर को नई उड़ान दे सकेंगे। इसके साथ आपको मरीजों की सेवा करने का भी मौका मिलता है। मरीज की सर्जरी के समय ऑपरेशन थिएटर में एक संपूर्ण मेडिकल टीम सक्रिय रहती है, जिसमें सर्जन और एनेस्थेटिस्ट के साथ एक उच्च प्रशिक्षित तकनीकी विशेषज्ञ भी मौजूद होता है। यही विशेषज्ञ होता है जो एनेस्थीसिया और ऑपरेशन थिएटर टेक्नोलॉजिस्ट (एओटीटी) जो मरीज की सुरक्षा, ओटी उपकरणों की तैयारी और सर्जिकल प्रक्रिया की निरंतरता सुनिश्चित करता है। इस कारण इसे मेडिकल फील्ड के सबसे महत्वपूर्ण, लेकिन कम दिखाई देने वाले प्रोफेशन में से एक माना जाता है।

एनेस्थेसिया एवं ऑपरेशन थिएटर टेक्नोलॉजिस्ट कौन है

एनेस्थेसिया एवं ऑपरेशन थिएटर टेक्नोलॉजिस्ट एक टेक्नो-क्लिनिकल विशेषज्ञ होता है, जो सर्जरी से पहले, दौरान और बाद में तकनीकी तथा क्लिनिकल सपोर्ट प्रदान करता है।

ये हैं मुख्य जिम्मेदारियां

-ओटी की तैयारी और तकनीकी सेटअप
-मशीनों, मॉनिटर्स और उपकरणों की जांच व संचालन
-एनेस्थीसिया प्रक्रिया में सहायता
-स्टरलाइजेशन और संक्रमण नियंत्रण
-आईसीयू/आपातकालीन स्थितियों में तकनीकी सहायता
-कार्डियक/न्यूरो/ऑर्थो जैसे सुपर-स्पेशियलिटी ओटी में सपोर्ट

कोर्स की योग्यता

इस कोर्स में प्रवेश के लिए छात्र को 12वीं (फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी) में न्यूनतम 50/55% अंकों के साथ पास होना चाहिए। सरकारी संस्थानों में केवल प्रवेश परीक्षा के आधार पर ही दाख़िला होता है।
आज कई निजी संस्थान भी यह कोर्स संचालित कर रहे हैं, लेकिन छात्रों को संस्थान चुनते समय उसकी मान्यता और क्लिनिकल ट्रेनिंग सुविधा पर विशेष ध्यान देना चाहिए। चूंकि यह कोर्स तकनीकी और मरीजों के सीधे संपर्क से जुड़ा है, इसलिए व्यवहारिक ज्ञान इसकी सबसे बड़ी आवश्यकता है।

कोर्स की अवधि

बी.एससी. इन एनेस्थीसिया और ऑपरेशन थिएटर टेक्नोलॉजी (B.Sc in Anaesthesia & Operation Theatre Technology) एक 4 वर्षीय स्नातक डिग्री कार्यक्रम है, जिसमें 3 वर्ष का अकादमिक प्रशिक्षण और 1 वर्ष की अनिवार्य क्लिनिकल इंटर्नशिप शामिल होती है। इस दौरान विद्यार्थियों को कक्षा शिक्षण, लैब प्रैक्टिकल्स तथा ऑपरेशन थिएटर एवं एनेस्थीसिया विभाग में वास्तविक कार्य अनुभव प्रदान किया जाता है। इंटर्नशिप के दौरान छात्र ओटी सेटअप, एनेस्थीसिया मशीनों का संचालन, लाइफ सपोर्ट इक्विपमेंट्स की मेंटेनेंस, सर्जिकल उपकरणों की स्टरलाइजेशन प्रक्रिया तथा मरीज की प्री ऑपरेटिव (peri-operative) देखभाल जैसे महत्त्वपूर्ण कौशलों का प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं। इसके अतिरिक्त, कई संस्थान विद्यार्थियों को केस स्टडी, वर्कशॉप्स, सिमुलेशन-बेस्ड ट्रेनिंग एवं रिसर्च प्रोजेक्ट्स जैसे माध्यमों से उन्नत व्यावहारिक ज्ञान हासिल करने का अवसर भी प्रदान करते हैं। इस दौरान तकनीकी दक्षता के साथ-साथ आपातकालीन परिस्थितियों में त्वरित निर्णय लेने की क्षमता, टीमवर्क, रोगी सुरक्षा और पेशेवर संवेदनशीलता पर विशेष ध्यान दिया जाता है।

यह सिखाया जाता है इंटर्नशिप में

इंटर्नशिप के दौरान छात्र वास्तविक अस्पतालों में कार्य करते हुए लाइव क्लिनिकल अनुभव प्राप्त करते हैं, जहां उन्हें ऑपरेशन थिएटर (ओटी) में सेटअप, स्टरलाइजेशन और उपकरणों के संचालन, एनेस्थीसिया विभाग में IV लाइन लगाना, एयरवे मैनेजमेंट और दवाओं की तैयारी, आईसीयू/सीसीयू/एनआईसीयू में वेंटिलेटर सपोर्ट एवं क्रिटिकल केयर मॉनिटरिंग, इमरजेंसी एवं ट्रॉमा में बीएलएस-एसीएलएस तथा आपातकालीन प्रतिक्रिया, सीएसएसडी में उपकरणों की स्टरलाइजेशन प्रक्रिया एवं ओटी एसेप्सिस और पेन क्लिनिक में सेडेटिव व एनाल्जेसिक प्रक्रियाओं में सहायता जैसे कौशलों का गहन प्रशिक्षण दिया जाता है। यह एक वर्षीय क्लिनिकल प्रैक्टिस छात्रों को वास्तविक अस्पताल-परिस्थिति में दक्ष बनाकर उन्हें एक कुशल, व्यावहारिक और अस्पताल-योग्य प्रोफेशनल के रूप में तैयार करती है।

इन संस्थानों से कर सकते हैं कोर्स

-पीजीआईएमएस रोहतक (पंडित भगवत दयाल शर्मा स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान, रोहतक)
-पी.जी.आई. चंडीगढ़ (पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च, चंडीगढ़)
-जेआईपीएमईआर (जवाहरलाल स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान संस्थान, पुदुचेरी)
-जीएमसीएच चंडीगढ़। (शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल, चंडीगढ़)
-एसजीपीजीआईएमएस (संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ)
-एम्स दिल्ली(अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली)
-एम्स भोपाल (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, भोपाल)
-एम्स बिभीनगर (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, बिभीनगर, तेलंगाना)
-एम्स देवघर (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, देवघर, झारखंड)
-एम्स गोरखपुर (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, गोरखपुर)
-एम्स जोधपुर (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, जोधपुर)
-जामिया हमदर्द (जामिया हमदर्द (विमुक्त विश्वविद्यालय), नई दिल्ली)

रोजगार के बेहतरीन अवसर

-बहु-विशेषता अस्पताल (Multi-Speciality Hospitals)
-सरकारी चिकित्सा महाविद्यालय (Government Medical Colleges)
-आईसीयू / एनआईसीयू / क्रिटिकल केयर इकाई (ICU / NICU / Critical Care Units)
-आपातकालीन एवं ट्रॉमा देखभाल सेवाएँ (Emergency & Trauma Care)
-दर्द प्रबंधन इकाइयाँ (Pain Management Units)
-केन्द्रीय स्टरल सप्लाई विभाग (CSSD) एवं संक्रमण नियंत्रण (CSSD & Infection Control)
-सशस्त्र बल / ईएसआईसी / रेलवे चिकित्सा सेवाएँ (Armed Forces / ESIC / Railways)
-चिकित्सा उपकरण उद्योग (Medical Equipment Industry)

वेतनमान के लिय ये श्रेणी

-फ्रेशर: 25,000 रुपये से 35,000 रुपये तक
-सरकारी अस्पतालों में प्रारंभिक वेतन: लगभग 60,000 रुपये प्रतिमाह से शुरू होता है।
-अनुभवी (3–5 वर्ष): 45,000 रुपये से 70,000 रुपये तक
-सुपर स्पेशियलिटी/सीनियर: 80,000 रुपये से 1,20,000+ रुपये तक संभव
-विदेश में भी मौके : 2–4 लाख रुपये प्रतिमाह तक संभव

गर्व का करियर

यदि आप बिना एमबीबीएस किए ही मेडिकल फील्ड में सीधा क्लिनिकल योगदान देना चाहते हैं, तो (बी.एससी. इन एनेस्थीसिया और ऑपरेशन थिएटर टेक्नोलॉजी) का कोर्स आपके लिए एक उत्कृष्ट और सम्मानजनक करियर विकल्प हो सकता है। यह प्रोफेशन न केवल तकनीकी दक्षता सिखाता है, बल्कि मरीज की जान बचाने वाली टीम का अभिन्न हिस्सा बनने का गर्व भी देता है। इस काम को करके आप एक अलग ही अनुभव महसूस करेंगे और अपने करियर को उड़ान दे सकेंगे। सर्जरी की सफलता और मरीज की सुरक्षा में एओटीटी की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण और अनिवार्य है। यही कारण है कि इन्हें सही मायनों में ऑपरेशन थिएटर के सच्चे हीरो कहा जाता है। अत: आप भी इस करियर विकल्प को अपनाकर पर्दे के पीछे के हीरो बनकर लोगों की जान बचाने में अहम योगदान दे सकते हैं।

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