• Thu. Oct 23rd, 2025

MDU : रजिस्ट्रार ने छुट्टी ली तो चार्ज दूसरे को दिया जाएगा, क्या अब वीसी भी ऐसे ही अवकाश लेंगे

MDUMDU

MDU

  • -महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के कुलपति और कुल सचिव में छिड़ी कई माह से प्रशासनिक जंग
  • -अगर रजिस्ट्रार किसी कारणवश छुट्टी पर जाते हैं तो उसका चार्ज तुरंत प्रोफेसर नरसिम्हन को दिया जाएगा
  • -रजिस्ट्रार के ओएसडी डॉ. अनार सिंह ढुल को भी यूनिवर्सिटी ने नौकरी से हटाया जा चुका

रोहतक। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के वीसी प्रो. राजबीर सिंह और रजिस्ट्रार डॉ. कृष्णकांत में छिड़ी जंग के बीच यूनिवर्सिटी प्रशासन ने एक और नया आदेश गत मंगलवार को जारी कर दिया। इसके तहत अगर रजिस्ट्रार किसी कारणवश छुट्टी पर जाते हैं तो उसका चार्ज तुरंत प्रोफेसर नरसिम्हन को दिया जाएगा। पिछले कुछ ही दिनाें के प्रशासनिक आदेशों पर नजर दौड़ाई जाए तो वीसी ने रजिस्ट्रार के कई आदेशों को रद्दी की टोकरी में डाला। यहां तक की रजिस्ट्रार के ओएसडी डॉ. अनार सिंह ढुल को भी यूनिवर्सिटी ने नौकरी से हटा दिया।

डॉ. कृष्णकांत को नहीं मिलता प्रशासनिक महत्व

डॉ. अनार सिंह ढुल सेवानिवृत्त के बाद पुनर्नियुक्ति की नौकरी डॉ. कृष्णकांत के ओएसडी के रूप में कर रहे थे। ओएसडी को ही नौकरी से नहीं हटाया गया, बल्कि रजिस्ट्रार कार्यालय के एक सहायक कुल सचिव का भी दूसरी ब्रांच में तबादला कर दिया। सहायक कुल सचिव को इधर-उधर के अतिरिक्त कार्यभार भी दिए। सहायक कुल सचिव, पूर्व रजिस्ट्रार प्रो. गुलशन लाल तनेजा का दांया हाथ थे। वीसी और रजिस्ट्रार में तनातनी की वजह भी सेवानिवृत्त रजिस्ट्रार प्रो.गुलशन लाल तनेजा ही हैं। वीसी, रजिस्ट्रार डॉ.कृष्णकांत की बजाय रिटायर हो चुके हैं रजिस्ट्रार प्रो. गुलशन तनेजा को प्रशासनिक कामों में महत्व देते हैं। ध्यान रहे कि गत 18 अक्टूबर को हरिभूमि ने समाचार प्रकाशित किया था कि रजिस्ट्रार डॉ. कृष्णकांत को प्रशासनिक रूप से कमजोर करने के लिए यूनिवर्सिटी जल्द ही नए फैसले ले सकती है।
बॉक्स

वीसी चार्ज देकर छुट्टी पर जाएंगे क्या

जब वीसी छुट्टी पर होते हैं तो उनका चार्ज किसी दूसरे व्यक्ति को नहीं दिया जाता। इसको लेकर ही यूनिवर्सिटी समुदाय सवाल खड़े रहा है। कम्युनिटी का कहना है कि कुलपति तो जब विदेश में जाते हैं तो भी वे अपना चार्ज किसी दूसरे को नहीं देते, जबकि रजिस्ट्रार के छुट्टी पर होने के बाद कौन चार्ज संभालेगा, इसके एडवांस में आदेश बीते 21 अक्टूबर को जारी कर दिए। लोगों का कहना है कि ये सब रजिस्ट्रार को परेशान करने के लिए किया जा रहा है। भरोसेमंद सूत्र बताते हैं कि वीसी और रजिस्ट्रार के बीच जो कुछ चल रहा है, उसकी सारी जानकारी सरकार को नियमित रूप से भेजी जा रही है। ध्यान रहे कि आधुनिक संचार व्यवस्था में आजकल सभी कार्य ऑनलाइन किए जा रहे हैं। यहां तक की किसी भी फाइल की स्वीकृति व्हाट्सएप पर अधिकारी लेते हैं। ऐसे में रजिस्ट्रार क्या व्हाट्सएप मैसेज से स्वीकृति नहीं दे सकते हैं क्या।
बॉक्स

कई मुद्दे बने टकराव की वजह

शिक्षकों के 111 पद एमडीयू भरना चाहती है। भर्ती रोस्टर प्रणाली की पालना करते हुए हो, इसके लिए गत 18 सितंबर काे सरकार ने एसओपी जारी की। जैसा की बताया जा रहा है रजिस्ट्रार डॉ. कृष्णकांत चाहते हैं कि भर्ती नई एसओपी के मुताबिक हो। जबकि यूनिवर्सिटी ऐसा नहीं चाहती। इसी चाहने और न चाहने के वजह से ही आज वीसी और रजिस्ट्रार में तनातनी बनी हुई है, ऐसा सूत्रों का दावा है। इनका तो ये भी बताना है कि एसओपी से पहले ही दूसरे मसलों को लेकर भी रजिस्ट्रार और वीसी में एक राय नहीं थी। रजिस्ट्रार डॉ. कृष्णकांत की बजाय वीसी, सेवानिवृत्त रजिस्ट्रार प्रो. गुलशन लाल तनेजा को प्रशासनिक कार्यों के लिए महत्व काफी लंबे समय से दे रहे थे। इसी बात से डॉ. कृष्णकांत काफी खफा थे। बताया तो ये भी जा रहा है कि जब सेवानिवृत्त प्रो. तेनजा को डीडीई निदेशक कार्यभार सौंपा जा रहा था तो भी रजिस्ट्रार ने मुख्य सचिव के पत्र का हवाला देकर वीसी को अवगत कराया था कि तनेजा को प्रशासनिक कार्यभार नहीं दिया जा सकता है। लेकिन वीसी बावजूद इसके प्रो. तनेजा को निदेशक कार्यभार सौंप दिया।

बॉक्स

अक्टूबर में ये हुआ

-21 अक्टूबर को आदेश जारी किए गए कि अगर रजिस्टार छुट्टी पर होंगे तो उनका चार्ज किसी और को दिया जाएगा
—-17 अक्टूबर को यूनिवर्सिटी ने कुल सचिव के ओएसडी डॉ. अनार सिंह ढुल को नौकरी से हटाया
—-17 अक्टूबर को ही रजिस्ट्रार कार्यालय के सहायक कुल सचिव को दूसरी ब्रांच में भेजा
—-1 अक्टूबर को रजिस्ट्रार ने 9 कर्मचारियों के किए थे तबादले
—-6 अक्टूबर को वीसी ने ट्रांसफर आदेश रद कर दिए

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *