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Election : सीपी राधाकृष्णन बने देश के 15वें उपराष्ट्रपति, बी सुर्दशन रेडी को 152 वोटों से हराया

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  • -जीत के बाद भाजपा का कांग्रेस पर तंज
  • – विपक्षी सांसदों ने भी अंतरआत्मा की आवाज से दिया वोट

Election :  नई दिल्ली। नौ सिंतबर को हुए उपराष्ट्रपति के चुनाव में एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन इंडिया के बी सुर्दशन रेडी को हराकर देश के 15वें उपराष्ट्रपति बन गए। चुनाव में सीपी राधाकृष्णन की जीत के बाद भाजपा ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्षी सांसदों ने भी अपनी अंतरआत्मा की आवाज सुनकर मतदान किया। आपको बता दें कि बी सुदर्शन रेडी, अखिलेश यादव व कई कांग्रेसी नेताओं ने चुनाव के दौरान अपने उम्मीदवार की जीत का दावा करते हुए कहा था कि एनडीए के सांसद भी अंतरआत्मा की आवाज पर हमारे उम्मीदवार को वोट देंगे तथा चुनाव में हमारी जीत निश्चित है। चुनाव में एनडीएम उम्मीदवार को इंडिया के दावों से करीब 40 वोट कम मिले। जिसके बाद भाजपा ने यह तंज कसा।

राधाकृष्णन को 452 व रेडी को 300 वोट मिले, 152 वोटों से हराया

वोटों की गिनती के बाद राधाकृष्णन को 452 वोट मिले, जबकि संयुक्त विपक्षी उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी को 300 वोट मिले। सीपी राधाकृष्णन को उम्मीद से कहीं अधिक जीत मिली। जिसे विपक्षी खेमें में सेंधमारी माना जा रहा है। राधाकृष्णन को वोट देने वाले सभी सांसदों के प्रति आभार जताते हुए लोकसभा में भाजपा के मुख्य सचेतक संजय जायसवाल ने कहा कि राजग उम्मीदवार ने 452 वोट हासिल कर उपराष्ट्रपति चुनाव जीता और उन्हें कुछ विपक्षी सांसदों का भी समर्थन मिला। उन्होंने कहा, “विपक्षी खेमे के लगभग 40 सांसदों ने अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनकर राजग के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार राधाकृष्णन का समर्थन किया।” उन्होंने संसद भवन परिसर में ‘पीटीआई-वीडियो’ से कहा, ‘‘हम उनके प्रति भी आभार व्यक्त करते हैं।

इंडिया ने 315 सांसदों के समर्थन का किया था दावा

चुनाव के दौरान इंडिया गठबंधन ने अपने उम्मीदवार के पक्ष में 315 सांसद होने का दावा किया था। जबकि चुनाव में उन्हें केवल 300 वोट ही मिले। जो इंडिया गठबंधन के दावे से 15 कम रहे राज्यसभा में बीआरएस के 4 और बीजेडी के 7 सांसद हैं। लोकसभा में इकलौते सांसद वाले शिरोमणि अकाली दल ने भी पंजाब में बाढ़ के चलते वोट डालने से इनकार कर दिया।

धनखड़ ने 21 जुलाई को दिया था त्यागपत्र

मानसून सत्र के दौरान उपराष्ट्रपति ने 21 जुलाई की शाम अचानक खराब तबीयत का हवाला देते हुए अपने पद से त्यागपत्र दे दिया था। जबकि उनका कार्यकाल 10 अगस्त 2027 को समाप्त होना था। जगदीप धनखड़ के सत्र के बीच में अचानक इस्तीफे से देश की राजनीति गर्मा गई थी।

https://vartahr.com/election-cp-radh…ddy-by-152-votes/

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