Haryana News
- सीएएम सैनी बोले, सरकार प्राकृतिक आपदा के समय नागरिकों के साथ खड़ी
- राहत उपायों के लिए तत्काल 3.26 करोड़ जारी
- प्रदेश में बारिश से मौत पर 4 लाख का मुआवजा
- मकान गिरने, पशुओं के मरने पर भी सरकार देगी पैसा
- नुकसान की भरपाई के लिए क्राइटेरिया बनाया
- सीएम बोले, 40 से 60 फीसदी अंग हानि पर 74 हजार की आर्थिक मदद
- 60 फीसदी से अधिक अंग हानी पर ढाई लाख सहायता मिलेगी
- मैदानी भागों में बारिश से क्षतिग्रस्त मकानों के लिए 1.20 लाख और पहाड़ी क्षेत्रों के लिए 1.30 लाख रुपये देंगे
- फसलों पर 15000 रुपये तक की सब्सिडी दी जाएगी
- प्रभावित इलाकों में डॉक्टरों की टीमें भेजी जाएंगी, लोगाें की जांच होगी
- सर्वे करवाकर नुकसान की भरपाई करेगी सरकार
- भारी बारिश से मकान ढहने से प्रदेश में 13 लोगों की मौत, प्रभावित परिवारों को 52 लाख की आर्थिक सहायता दी
- फसलों व अन्य नुकसान की जानकारी के लिए खुला है क्षतिपूर्ति पोर्टल
- अभी तक 5217 गांवों के 2,53,440 किसानों ने 14,91,130 एकड़ क्षेत्र का करवाया पंजीकरण
- उपायुक्तों को निर्देश जलभराव प्रभावित क्षेत्रों में मकानों को हुए नुकसान का करें सर्वे
- प्राकृतिक आपदा में मकान ढहने से प्रदेश के 13 लोगों की जान गई, फतेहाबाद, भिवानी, कुरुक्षेत्र, यमुनानगर, हिसार फरीदाबाद जिलों में हुई मौत
Haryana News : चंडीगढ़। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने बारिश और बाढ़ से हुए नुकसान की भरपाई के लिए खजाने का पिटारा खोल दिया है। सीएम ने लोगों के लिए आर्थिक मदद का ऐलान किया है और एक क्राइटेरिया बनाते हुए तत्काल राहत उपायों के लिए जिलों को आरक्षित निधि के रूप में कुल 3 करोड़ 26 लाख रुपये की राशि मंजूर कर दी है। इस धनराशि का उपयोग प्रभावित लोगों को भोजन, वस्त्र, अस्थायी आश्रय, तंबू, पशुओं के लिए चारा, पेट्रोल, डीजल व अन्य ईंधन सहित अन्य आवश्यक वस्तुओं, राहत सामग्री के परिवहन और ग्रामीण क्षेत्रों में जल निकासी कार्यों के लिए किया जा रहा है। मुख्यमंत्री यहां मंत्रिमंडल की अनौपचारिक बैठक के बाद मीडिया को यह जानकारी दी। सीएम ने कहा कि इस दुख की घड़ी में सरकार लोगों के साथ खड़ी है। इस प्राकृतिक आपदा में मकान ढहने से प्रदेश के 13 लोगों की जान चली गई। इनमें फतेहाबाद में 4, भिवानी में 3, कुरुक्षेत्र व यमुनानगर में 2-2 और हिसार व फरीदाबाद में 1-1 व्यक्ति शामिल हैं। शोक संतप्त परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए सरकार ने तुरंत 52 लाख रुपये की अनुग्रह सहायता जारी की है। प्रत्येक व्यक्ति के परिवार को 4 लाख रुपये दिए जाएंगे। इसके अलावा, घायलों को भी मदद के लिए 2 लाख रुपये प्रदान किए गए हैं।
ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल खोला
सीएम ने कहा कि सरकार ने बाढ़ से नागरिकों को हुई कठिनाइयों को कम करने के लिए ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल खोला है। इसका उद्देश्य आम जनता द्वारा नुकसान व क्षति के लिए आवेदन जमा करने की प्रक्रिया को आसान बनाना है। प्रभावित लोगों को हुए नुकसान के समयबद्ध तरीके से सत्यापन और मुआवजे के वितरण की प्रणाली में पारदर्शिता लाना है। अब तक क्षतिपूर्ति पोर्टल पर प्रदेश के 5217 गांवों के 2 लाख 53 हजार 440 किसानों ने 14 लाख 91 हजार 130 एकड़ क्षेत्र का पंजीकरण करवाया है। इसके सत्यापन का काम जारी है। खराब फसलों के लिए प्रति एकड़ 15 हजार रुपये तक का मुआवजा दिया जाएगा। ऐसे क्षेत्रों में हरे चारे की कमी हुई तो इस समस्या को दूर करने के लिए उन जिलों से सूखा चारा मंगवाने का निर्णय लिया है, जिनमें जलभराव की समस्या नहीं है।
उपायुक्तों को निर्देश दिए
सभी उपायुक्तों को निर्देश दिए गए हैं कि जलभराव वाले क्षेत्रों में गिर गए अथवा आंशिक नुकसान वाले मकानों का सर्वे करवाया जाए। इसके अलावा, जो परिवार 20 वर्षों से पंचायती जमीन या इस प्रकार की अन्य जमीन पर काबिज हैं, उनके मकानों को भी यदि नुकसान हुआ है तो उनकी भी सूची तैयार की जाएगी और उन्हें भी आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ब्ध करवाएं
सरकार ने प्रभावित क्षेत्रों में डॉक्टरों की टीमें भेजकर उनकी चिकित्सा के व्यापक प्रबंध किए हैं। प्रभावित लोगों को चिकित्सा शिविर लगाकर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं। उन्होंने आमजन से अपील की कि वे इस स्थिति में जल की स्वच्छता का ध्यान रखें और पानी को उबालकर पीएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संकट की घड़ी में सरकार लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है और उन्हें हर संभव सहायता पहुंचाने के लिए निरंतर कार्य कर रही है।