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Weather : इस बार अगस्त में भी जून माह जैसी गर्मी का प्रकोप, 37 डिग्री के पार पहुंचा पारा

Weather

  • – गर्मी ने दिन भर लोगों के छुड़ाए पसीने, आज से मौसम में बदलाव के आसार
  • -तीन दिन से बूंदाबांदी बंद होने के बाद पारा एक बार फिर उछलने लगा
  • -अधिकतम तापमान 2.0 डिग्री सेल्सियस बढ़कर 37.5 डिग्री सेल्सियस पर -न्यूनतम पारा 0.5 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि के साथ 21.5 डिग्री सेल्सियस

Weather : रेवाड़ी। तीन दिन से बूंदाबांदी बंद होने के बाद पारा एक बार फिर उछाल लेने लगा है। जून माह के बाद पहली बार पारा 37 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया, जिससे दिन भी लोग पसीने में तर-बतर नजर आए। शाम के समय आसमान में बादल छाने के बाद फिर से बरसात या बूंदाबांदी की संभावना बन गई। 9 अगस्त से मौसम में फिर बदलाव आ सकता है, जिससे हल्की या मध्यम बरसात हो सकती है। शुक्रवार को सुबह से ही आसमान साफ रहने के कारण दोपहर बाद तक तेज धूप खिली रही। इससे अधिकतम तापमान 2.0 डिग्री सेल्सियस बढ़कर 37.5 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। अंतिम बार इस सीजन में 15 जून को तापमान इस स्तर पर रहा था। न्यूनतम तापमान 0.5 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि के साथ 21.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। अधिकतम तापमान सामान्य से 2 डिग्री सेल्सियस ज्यादा माना जा रहा है। धूप निकलने के कारण दिन भर गर्मी ने लोगों को परेशान किया। हवा में नमी का स्तर 63 फीसदी तक रहा, जबकि हवा की रफ्तार काफी कम 8 किमी प्रति घंटा दर्ज की गई। हवा में नमी वातावरण में उमस पैदा कर रही है, जिससे सूखी गर्मी से भी ज्यादा परेशानी हो रही है। चिपचिपाहट भरी गर्मी के कारण दिन भर पसीने नहीं सूखते। कूलरों की हवा बेअसर साबित होने लगी है। मौसम विभाग के अनुसार शनिवार से मौसम में एक बार फिर बदलाव आ सकता है। विक्षोभ की सक्रियता से आसमान में बादलों के बीच बूंदाबांदी से लेकर हल्की या मध्यम बरसात हो सकती है। दो दिन तक मौसम इसी तरह का बना रह सकता है। इस दौरान तापमान में भी मामूली उतार-चढ़ाव देखने को मिलेगा।

किसानों की नजरें फिर आसमान पर

जिले के किसानों ने इस बार लगभग 91 हजार हेक्टेयर भूमि पर बाजरा और 8 हजार हेक्टेयर में कपास की खेती की हुई है। इस समय दोनों फसलों को सिंचाई की आवश्यकता है। रेतीली जमीन होने के कारण मौसम साफ होते ही फसलों को सिंचाई की दरकार होती है। किसान नलकूपों से फसलों की सिंचाई कर रहे हैं। एक बार फिर बारिश का इंतजार किया जा रहा है। अच्छी बरसात के बाद किसानों को फसल सिंचाई की जरूरत कुछ दिन तक नहीं पड़ेगी, इस कारण वह बारिश का इंतजार कर रहे हैं।

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