USAID Funding
- -भारत ने कहा, यूएसएड वित्तपोषण पर मिली जानकारी परेशान करने वाली
- -चुनाव में यूएस फंडिंग वाले ट्रंप के बयान पर जायसवाल की दो टूक
- -संबंधित विभाग और एजेंसियां जांच कर रही
- -ऐसे समय में सार्वजनिक टिप्पणी जल्दबाजी होगी
- -ट्रंप ने कहा था बाइडेन भारत में किसी और का चुनाव चाहते थे
- -कांग्रेस ने कहा, भारत में की गई ‘फंडिंग’ पर श्वेत पत्र लाए सरकार
USAID Funding : नई दिल्ली। भारत ने शुक्रवार को कहा कि देश में कुछ गतिविधियों के लिए ‘यूएसएड’ द्वारा वित्त पोषण किए जाने के बारे में खुलासे ‘बेहद परेशान करने वाले’ हैं। इससे देश के आंतरिक मामलों में विदेशी हस्तक्षेप को लेकर चिंता पैदा हुई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि हमारे आंतरिक मामलों में विदेशी दखल ठीक नहीं है। यह बेहद परेशान करने वाला है। जायसवाल ने कहा, ‘हमने अमेरिकी प्रशासन द्वारा कुछ अमेरिकी गतिविधियों और वित्तपोषण के संबंध में दी गई जानकारी देखी है। ये स्पष्ट रूप से बहुत परेशान करने वाली हैं।’ जायसवाल ने कहा, ‘इससे भारत के आंतरिक मामलों में विदेशी हस्तक्षेप की चिंताएं पैदा हुई हैं। संबंधित अधिकारी इसकी जांच कर रहे हैं और उम्मीद है कि हम बाद में इस पर कोई अद्यतन जानकारी दे पाएंगे।’
भाजपा माफी मांगे : कांग्रेस
कांग्रेस ने ‘यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट’ (यूएसएड) की ओर से वित्तपोषण से जुड़ी एक खबर को लेकर भाजपा पर हमला बोला और कहा कि अब सच्चाई सामने आने के बाद सत्तारूढ़ दल को माफी मांगनी चाहिए। ‘यूएसएड’ व अन्य ऐसी विदेशी एजेंसियों द्वारा पिछले 70 वर्षों के दौरान भारत में की गई ‘फंडिंग’ पर श्वेत पत्र लाया जाना चाहिए। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर एक अंग्रेजी अखबार की खबर साझा करते हुए पोस्ट किया, ‘झूठ सबसे पहले वाशिंगटन में बोला गया। फिर झूठ को भाजपा की झूठ सेना द्वारा बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया…अब झूठ का पूरी तरह से पर्दाफाश हो गया है।’ उन्होंने सवाल किया कि क्या झूठे लोग माफी मांगेंगे?
ये शर्म की बात : पवन खेड़ा
कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने कहा, ‘एक हफ्ते से एक कहानी चलाई रही है कि यूएसएड ने नरेन्द्र मोदी सरकार को अस्थिर करने के लिए 2.1 करोड़ डॉलर दिए। अगर इतनी सुरक्षा एजेंसियों के होते हुए भी मोदी सरकार ने भारत में 2.1 करोड़ डॉलर आने दिए तो ये शर्म की बात है। वहीं, जब इस बारे में मोदी सरकार से सवाल पूछा गया तो कहने लगे- ये पैसा 2012 में संप्रग सरकार के समय आया था। ऐसे में क्या 2014 में भाजपा इसी पैसे से जीती थी?’
कांग्रेस देश विरोधी ताकतों के साथ : भाजपा
भाजपा के आईटी प्रकोष्ठ के प्रमुख अमित मालवीय ने खबर को फर्जी बताया। उन्होंने कहा, ‘खबर में 2022 में बांग्लादेश को 2.1 करोड़ डॉलर की फंडिंग की चर्चा की गई। हालांकि, लेख भारत में मतदाता मतदान को ‘बढ़ावा’ देने के उद्देश्य से 2.1 करोड़ डॉलर की फंडिंग के संदर्भ को गलत तरीके से प्रस्तुत करता है।’ अब स्पष्ट होता जा रहा है कि कांग्रेस-नेतृत्व वाली संप्रग सरकार ने भारत की संस्थाओं में उन ताकतों को प्रवेश करने की अनुमति दी, जो राष्ट्र-विरोधी हितों के लिए काम करती हैं। ये ऐसी ताकतें हैं जो हर संभव अवसर पर भारत को कमजोर करना चाहती हैं। कांग्रेस राष्ट्र विरोधी ताकतों के साथ काम कर रही है।
गांधी परिवार के चाटुकार’ भ्रम फैला रहे : भाटिया
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि अमेरिकी ट्रंप का बयान आने के बाद कुछ अखबारों ने इस मामले पर ‘पर्दा डालना’ शुरू कर दिया है। उन्होंने यूएस डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (डीओईजी) के ‘एक्स’ पर किए गए पोस्ट का भी हवाला दिया, जिसमें भारत में मतदान के लिए 2.1 करोड़ डॉलर के वित्तपोषण का उल्लेख किया गया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि ‘गांधी परिवार के चाटुकार’ भ्रामक दावे करके भ्रम फैला रहे हैं। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को ‘गद्दार’ बताते हुए भारत को कमजोर करने के लिए विदेशी ताकतों के साथ सांठगांठ करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, राहुल की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का उद्देश्य ‘भारत को तोड़ना’ था।
यह कहा था ट्रंप ने
अमेरिका के मियामी में एक कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत में मतदान में मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए ‘यूएसएड’ द्वारा दी गई 2.1 करोड़ अमेरिकी डॉलर की वित्तीय सहायता पर सवाल उठाया और कहा, ‘मुझे लगता है कि वे किसी और को निर्वाचित कराने का प्रयास कर रहे थे।’
भारत नहीं बांग्लादेश के लिए थी फंडिंग
एक अंग्रेजी दैनिक ने अपनी रिपाेर्ट में दावा किया है कि साल 2022 में 2.1 करोड़ अमेरिकी डॉलर की राशि बांग्लादेश के लिए थी और इसमें से 1.34 करोड़ डॉलर बांग्लादेशी छात्रों के बीच राजनीतिक और नागरिक जुड़ाव एवं 2024 के आम चुनावों से पहले की परियोजनाओं के लिए खर्च किए जा चुके हैं। यह शेख हसीना के बांग्लादेश की सत्ता से बेदखल होने से ठीक पहले हो रहा था। बांग्लादेश में चलाए गए आमार वोट आमार (मेरा वोट मेरा है) कैंपेन के लिए पैसे अलॉट किए गए थे। इसके बाद बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन हुआ। खबर में दावा किया गया है कि ‘यू.एस. एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट’ (यूएसएड) की ओर से मतदान में मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए मंजूर की गई 2.1 करोड़ अमेरिकी डॉलर की वित्तीय सहायता भारत नहीं बल्कि बांग्लादेश के लिए थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय राजनीति में हलचल मचाने वाला यह दावा झूठा है। यह राशि भारत के लिए थी ही नहीं, जिसे ट्रंप प्रशासन के रद किया है।
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