Haryana
- सरकार ने 1032 स्कूलों को बोर्ड परीक्षा फार्म भरने की दी मंजूरी
- संबंधित स्कूलों की सूची भिवानी बोर्ड को भेजी गई
- 10वीं और 12वीं के 20 हजार बच्चों को मिली राहत
- 27 फरवरी से होनी हैं बोर्ड की परीक्षाएं
Haryana : चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने निजी स्कूलों को बड़ी राहत दी है। प्रदेश में चल रहे 1032 अस्थाई मान्यता प्राप्त स्कूलों को बोर्ड परीक्षा फार्म भरने की अनुमति दे दी है। इसके साथ ही संबंधित स्कूलों की सूची भी भिवानी बोर्ड को भेज दी गई है। सरकार के इस फैसले से प्रदेश में चल रहे निजी अस्थायी मान्यता प्राप्त स्कूलों के नर्सरी से लेकर 12वीं तक के करीब डेढ़ लाख छात्रों को राहत मिलेगी। स्कूल निदेशालय ने शुक्रवार को 31 मार्च 2007 से पहले संचालित अस्थायी व अनुमति प्राप्त स्कूलों की सूची हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड को भेजते हुए संबद्धता शुल्क भरने, 10वीं और 12वीं के छात्रों के नामांकन के लिए पोर्टल खोलने के निर्देश दिए। इनमें 10वीं और 12वीं के करीब 20,000 वे छात्र भी हैं, जिनका अभी तक शिक्षा बोर्ड भिवानी से संबद्धता (एफिलिएशन) नहीं मिलने पर परीक्षा फॉर्म नहीं जमा किया जा सका था। इस निर्णय के बाद अब ये बच्चे बोर्ड का परीक्षा फॉर्म भरकर परीक्षा बैठ सकेंगे।
ये पत्र जारी किया
निदेशालय ने प्रदेश में 31 मार्च 2007 से पहले स्थापित अस्थायी और परमिशन प्राप्त स्कूल, जिन्हें पिछले सत्र 2023-24 में प्रोविजनल एफ़िलिएशन प्रदान की गई थी, उन स्कूलों की सूची शिक्षा बोर्ड भिवानी के पास भेजी है। पत्र के अनुसार इन स्कूलों को एफ़िलिएशन फीस भरवाकर पोर्टल खोलने के निर्देश जारी करने की बात कही गई है। इन स्कूलों को एफ़िलिएशन फॉर्म के साथ सत्र 2023-24 की प्रोविजनल एफ़िलिएशन और 31 मार्च 2007 से पहले की अस्थायी मान्यता या परमिशन लेटर की कॉपी का प्रूफ भी देना होगा।
27 फरवरी से बोर्ड परीक्षाएं
-हरियाणा बोर्ड की 10वीं, 12वीं की परीक्षाएं 27 फरवरी से शुरू होने वाली हैं।निदेशालय ने इन स्कूलों का सत्र 2024-25 का एक्सटेंशन लेटर जारी करते हुए जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिखकर आदेश दिया था कि ये स्कूल आगामी सत्र 2025-26 में स्थाई मान्यता लिए बिना बच्चों का दाखिला नहीं करेंगे।
-इन स्कूलों से ये एफीडेबिट लेकर रिपोर्ट शिक्षा मुख्यालय पंचकूला में भेजी जाए, लेकिन कई जिलों के डीईओ द्वारा रिपोर्ट भेजने में देरी के कारण शिक्षा निदेशालय ने अभी तक इन स्कूलों को सूची बोर्ड में नहीं भेजी थी। इसके चलते इन स्कूलों का शिक्षा बोर्ड भिवानी से एफ़िलिएशन नहीं मिल पाई थी।
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