weather
- प्रदेश में इस सीजन का सबसे ठंडा दिन रहा सोमवार
- आज से घना कोहरा छाने के आसार, बढ़ेंगी परेशानियां
- सरसों और गेहूं की फसल को सबसे अधिक फायदा
- 26 दिसंबर को फिर बूंदाबांदी के आसार बन रहे
- अधिकतम तापमान में 5 से 7 डिग्री तक की गिरवट दर्ज
- प्रदेश में अधिकतम पारा 14 डिग्री तक पहुंचा
- न्यूनतम तापमान में 2 से 3 डिग्री की बढ़ोतरी
weather :। हरियाणा में साेमवार को कई जिलों में बूंदाबांदी होने से तापमान में 5 से 7 डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट दर्ज की गई। दिनभर आसमान में बादल छाए रहे। रुक-रुक कर हल्की बूंदाबांदी होती रही। इस सीजन में सोमवार सबसे ठंडा दिन रहा। मौसम विभाग के अनुसार मंगलवार से कोहरा छाने के आसार हैं। अब लोगाें को कड़ाके की ठंड से दो-चार होना पड़ेगा। कोहरा फसलों लिए तो लाभकारी होगा, लेकिन वाहन चालकों को परेशानी बढ़ाएगा। हवा की गति और वातावरण में नमी बढ़ने से तापमान में और गिरावट आएगी। सप्ताह के मध्य में एक बार फिर बूंदाबांदी की संभावना है। दिसंबर के दूसरे पखवाड़े में हो रही बारिश फसलों के लिए फायदेमंद साबित होगी। इससे गेहूं और सरसाें की फसलों में अच्छा फुटाव आएगा और उत्पादन बढ़ेगा। यह बारिश किसानों के लिए सोना बनकर बरसी है। बूंदाबांदी के बाद अधिकतम तापमान 5 से 7 डिग्री सेल्सियस की कमी के साथ 14.5 डिग्री पर आ गया। सर्दी का सीजन शुरू होने के बाद पहली बार तापमान इस स्तर पर आया है। इससे पहले अधिकतम तापमान 20 डिग्री के पार चल रहा था, जिस कारण दिन के समय ठंड का असर नहीं रहता था। न्यूनतम तापमान 2 से 3 डिग्री सेल्सियस बढ़कर 9.0 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया।
दिन के समय भी छाएगी धुंध
मौसम विभाग का कहना है कि पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता के चलते ही बूंदाबांदी हुई है। हल्की बूंदाबांदी के साथ ही अब कड़ाके की ठंड शुरू होने के आसार बन गए हैं। बूंदाबांदी के बाद मंगलवार से घना कोहरा देखने को मिल सकता है। मौसम विभाग के अनुसार दो दिन मौसम साफ रहने के बाद 26 दिसंबर को फिर बूंदाबांदी हो सकती है। दिन के समय भी धुंध छाने के आसार बन गए हैं। जिस कारण कोल्ड वेव का प्रकोप कुछ दिनों तक परेशान कर सकता है।
फसलों के लिए संजीवनी
रबी फसल बिजाई के बाद से सूखी ठंड परेशान कर रही थी। इसका असर स्वास्थ्य के साथ फसलों पर भी देखने को मिल रहा था। कोहरे का खतरा लगातार बना हुआ था। दिसंबर के तीसरे सप्ताह में हुई बूंदाबांदी ने बीजी गई फसलों को संजीवनी देने का काम किया है। जिसमें गेहूं, सरसों, चना तथा पशुचारा शामिल है। बूंदाबांदी से फसलों को काफी फायदा पहुंचा है। जिससे फसलों को अच्छी ग्रोथ मिलेगी। किसानों का कहना है कि अगर अच्छी बारिश होती है तो फसलों को और ज्यादा फायदा पहुंचता।
प्रदूषण भी घटा
हल्की बूंदाबांदी के बाद एक्यूआई कम होकर 140 पर आ गया। हवा की रफ्तार 14 किमी प्रति घंटा तक रहने के कारण प्रदूषण का असर कम हुआ है। अच्छी बरसात होने की स्थिति में एक्यूआई 100 से भी कम आ सकता है। प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की ओर से भी एक्यूआई कम करने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं।
अब आगे क्या
जींद में मौसम वैज्ञानिक डा. राजेश ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के चलते मौसम में बदलाव आया है। लोगाें को सूखी ठंड से कुछ राहत मिली है। अच्छी ठंड का दौर शुरू हो गया है। 26 दिसंबर को फिर बूंदाबांदी के आसार बन रहे हैं। अब धुंध भी पड़ेगी। किसान फसलों में खाद का प्रयोग करें।