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Congress : सरकार गठन के साथ ही नेता विपक्ष कुर्सी पर भी नजरें

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष उदयभान ओर पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा।कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष उदयभान ओर पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा।

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  • _विस सत्र से पहले कांग्रेस को लेना होगा फैसला
  • –नेता विपक्ष और पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा अभी तक दबदबा कायम

चंडीगढ़। सूबे में भले ही नायब सैनी सरकार का गठन हो गया हो साथ ही मंत्रीमंडल में शामिल चेहरे भी साफ हो गए हैं। इसके साथ ही अब इंताजर है, तो राज्य विस में बनने वाले स्पीकर, डिप्टी स्पीकर व मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस की ओर से कौन से चेहरो को जिम्मेदारी दी जाती है, इस पर सभी की नजरें लगी हुई हैं।
सूत्रों का कहना है कि हरियाणा में कांग्रेस विधायक दल के अध्यक्ष पद के लिए दिल्ली हाईकमान के विशेष दूतों ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। अब नेता विपक्ष कौन होगा, इस पर जोर-शोर से मंथन हो रहा है, हालांकि अभी तक तो पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा खेमे का ही दबदबा नजर आ रहा है।

बताया जा रहा है कि तीनों पर्यवेक्षकों ने विधायकों से नेतृत्व के विकल्पों पर विस्तार से मंथन कर लिया था। हरियाणा विस सत्र से पहले पहले नेता विपक्ष और पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा के अलावा नामों पर विचार किया जा रहा है। इन प्रमुख नामों में अशोक अरोड़ा, गीता भुक्कल, पूर्व डिप्टी सीएम चंद्र मोहन बिश्नोई के नाम सामने आ रहे हैं। कांग्रेस हाईकमान हुड्डा के अलावा किसी और को मौका देता है, तो पार्टी के अंदरूनी समीकरण क्या होंगे ? इसको लेकर चर्चा चल रही है। हुड्डा गुट के 32 विधायकों ने दिल्ली में बैठक कर हुड्डा को समर्थन दिया है। अरोड़ा और भुक्कल भी इसी गुट से आते हैं।

डिप्टी सीएम रह चुके और पंचकूला से जीतकर आए चंद्र मोहन को पंचकूला सीट सैलजा की वजह से मिली थी। हालांकि, हुड्डा गुट ने भी पहले चंद्र मोहन का समर्थन किया था, माना जा रहा है कि वो भी हुड्डा के पक्ष में रह सकते हैं।

37 विधायकों से विस्तारपूर्वक चर्चा

राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत के नेतृत्व में पार्टी पर्यवेक्षकों ने सभी 37 विधायकों से अलग-अलग बातचीत की। उनसे नेता प्रतिपक्ष के लिए उनकी पसंद जानने की कोशिश की गई। बैठक खत्म होने पर यह तय हुआ कि अंतिम फैसला हाईकमान लेगा। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि हुड्डा खेमा मजबूत दावेदारों में हैं, लेकिन वो अकेले विकल्प नहीं हैं।
पूर्व सीएम हुड्डा को विधायकों के बीच महत्वपूर्ण समर्थन हासिल है, लेकिन प्रतिद्वंद्वी गुटों से चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। आल इंडिया कांग्रेस की ओर से भेजे गए तीन पर्यवेक्षकों के साथ हाल की बैठकों से नेतृत्व विकल्पों और सत्ता संघर्षों के बारे में चर्चा हुई है।

अनुभव और रणनीतिक कुशाग्रता

कांग्रेस पार्टी की ओरसे विस सत्र के पहले पहले चेहरा फाइनल करना है, जिस पर विपक्ष ही नहीं बल्कि सत्तापक्ष भाजपा भी इंतजार में हैं। विधानसभा सत्रों के लिए अनुभव और रणनीतिक कुशाग्रता बेहद जरूरी है, कांग्रेस हाईकमान और पर्यवेक्षक भी एक इस तरह के व्यक्ति का चुनाव करना चाहता है, जो विधानसभा के बाहर भी पार्टी का प्रतिनिधित्व कर सके। फिलहाल, हुड्डा के कद का दूसरा चेहरा इन्हें नजर नहीं आ रहा है। अन्य संभावित उम्मीदवारों के पास अनुभव हो सकता है, लेकिन वे हुड्डा के साये में ही रहते हैं। पार्टी नेतृत्व को इन समीकरणों को सुलझाने का तरीका खोजना होगा।

हालात यही रहे, तो हुड्डा ही चेहरा

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा का कांग्रेस विधायक दल और विपक्ष का नेता बनना तय है। विधायक दल नेता के नाम को लेकर राय लेने चंडीगढ़ पहुंचे पर्यवेक्षक अशोक गहलोत, अजय माकन, प्रताप सिंह बाजवा और टीएस सिंहदेव के सामने 37 में से 33 विधायकों ने भूपेंद्र हुड्डा के नाम का प्रस्ताव दिया है। कांग्रेस विधायक दल की बैठक में एक लाइन का प्रस्ताव पारित कर कांग्रेस विधायक दल और विपक्ष का नेता बनाने का फैसला कांग्रेस हाईकमान पर छोड़ दिया गया है। कांग्रेस पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट के आधार पर हाईकमान जल्द ही कांग्रेस विधायक दल के नेता का नाम घोषित कर सकता है।

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