Crime
- एसीबी की टीम ने एक दिन पहले 5 लाख की घूस लेते पकड़ा था
- इस मामले में कई लोग और हो सकते हैं शामिल
- अस्पताल का सस्पेंशन रद करने के लिए मांगी थी रिश्वत
Crime : चंडीगढ़। हरियाणा एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) की करनाल टीम ने 26 सितंबर को रिश्वत के मामले में पकड़े गए डॉ. रवि विमल को शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया। वहां से उसे 4 दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा गया है। इस मामले में छापे मारी के दौरान आरोपित डॉक्टर के पंचकूला में अमरावती स्थित फ्लैट से 1 करोड़ 2 लाख रुपये बरामद किए गए हैं। एसीबी की टीम लगतार छापेमारी कर रही है। इस मामले में कुछ और लोग भी शामिल हो सकते हैं। इसकी जांच जारी है। एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि एसीबी की टीम ने डाॅ. रवि विमल की निशानदेही पर उसके घर की तलाशी ली थी। इस दौरान एक करोड़ 2 लाख मिले हैं। ।
अलग-अलग एंगल से जांच
आरोपित डॉक्टर रवि विमल से पूछताछ की जा रही है कि उसके पास यह राशि कहां से आई और इस मामले में और कितने लोग शामिल हैं। एसीबी की टीम अलग-2 एंगल से जांच कर रही है। बता दें कि विमल जिला पंचकूला में आयुष्मान भारत योजना के डिप्टी सीईओ के पद पर कार्यरत था। एसीबी की टीम को करनाल के एक निजी अस्पताल के संचालक से शिकायत प्राप्त हुई कि आरोपित डा. रवि विमल आयुष्मान भारत योजना के तहत सूचीबद्ध उसके अस्पताल का सस्पेशन रद करने के बदले में 10 लाख रुपये की रिश्वत की मांग रहा है।
ऐसे हुई थी गिरफ्तारी
इस मामले में एसीबी करनाल की टीम ने जाल बिछाकर गुरुवार को डॉ. रवि विमल को करनाल के एक डॉक्टर संदीप चौधरी से 5 लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। इस मामले में सभी तथ्यों का विश्लेषण करते हुए इसकी जांच की जा रही है। बता दें कि डॉ. संदीप सेक्टर 8-9 की रेड लाइट पर गाड़ी लेकर पहुंचे। वहीं पर आरोपित रवि विमल पहुंचे और डॉ. संदीप की गाड़ी में बैठकर उनसे रिश्वत के रुपये लिए। इसी दौरान एसीबी की टीम ने उन्हें रुपयों के साथ गिरफ्तार कर लिया था।
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