• Thu. Nov 21st, 2024

Sankat Mochan : केक काटकर मनेगा नटखट जन्मोत्सव

Sankat Mochan : गद्दीनशीन साध्वी मानेश्वरी देवी जन्माष्टमी पर्व की जानकारी देते हुए।Sankat Mochan : गद्दीनशीन साध्वी मानेश्वरी देवी जन्माष्टमी पर्व की जानकारी देते हुए।

Sankat Mochan

  • सोमवार को धूमधाम और हर्षोल्लास से जन्माष्टमी का पर्व
  • -साध्वी मानेश्वरी देवी और भक्तों ने कान्हा का श्रृंगार किया

Sankat Mochan रोहतक। माता दरवाजा स्थित संकट मोचन मंदिर में ब्रह्मलीन गुरुमां गायत्री जी के सानिध्य में नटखट कान्हा के जन्मोत्सव जन्माष्टमी पर्व पर सोमवार 26 अगस्त को धूमधाम और हर्षोल्लास से मनेगा। देर रात 12 बजे नटखट कान्हा के जन्मोत्सव पर केक काटा जाएगा और रंगीन आतिशबाजी होगी। यह पर्व भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को विष्णु अवतार भगवान श्री कृष्ण के जन्म का प्रतीक है। इस उपलक्ष्य में मंदिर में रंग रोगन करवाकर, आकर्षित रंग बिरंगी लाइटों से कान्हा का झूला और भगवान की प्रतिमाओं की साज-सजावट की गई है। यह जानकारी सचिव गुलशन भाटिया ने दी।

रोहतक। माता दरवाजा स्थित संकट मोचन मंदिर में जन्माष्टमी पर्व के अवसर पर मंदिर को आकर्षित लाइटों से सजाया गया।
रोहतक। माता दरवाजा स्थित संकट मोचन मंदिर में जन्माष्टमी पर्व के अवसर पर मंदिर को आकर्षित लाइटों से सजाया गया।

कान्हा का किया श्रृंगार

साध्वी मानेश्वरी देवी और भक्तों ने गोलू (कान्हा) को स्नान करवाकर, वस्त्र पहनाकर और उनका श्रृंगार किया। जन्माष्टमी पर्व पर सायं 5 से 7 व रात्रि 10 से 12 बजे सत्संग व गुरुजी नंद गोपाल के बाल जीवन की कथाएं सुनाएंगी व गुरुजी के प्रवचन होंगे। मंदिर में राधा-कृष्ण, मीरा व गोपियों, हनुमान, शिव शंकर की वेशभूषा में बच्चे मनमोहक नृत्य व झांकियां प्रस्तुत करेंगे। भक्तजन नटखट, माखन चोर, नंद गोपाल, कृष्ण-कन्हैया को झूला झूलाकर सुख-समृद्धि की मनोकामनाएं मांगेगे और कान्हा को भोग लगाकर उनकी पूजा-अर्चना होगी। तत्पश्चात पंडित अशोक शर्मा द्वारा फल-फ्रूट तथा मीठी चूरी (कान्हा का प्रसाद) का प्रसाद बंटेगा।

सोमवार को द्वापर युग वाला योग : साध्वी मानेश्वरी देवी

साध्वी मानेश्वरी देवी ने बताया कि इस वर्ष 26 अगस्त को जन्माष्टमी पर जयंती योग के साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग भी बनेगा। इस वर्ष भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 26 अगस्त दिन सोमवार प्रात:काल 3.39 बजे पर प्रारंभ होगी व इसके अगले दिन यानी 27 अगस्त दिन मंगलवार दोपहर 2.19 बजे पर इसकी समाप्ति होगी। उन्होंने कहा कि उदया तिथि के मुताबिक मुख्य रूप से श्री कृष्ण जन्माष्टमी का पावन पर्व 26 अगस्त दिन सोमवार को मनाया जाएगा। इस वर्ष श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर जयंती योग का निर्माण होने जा रहा है। जयंती योग से तात्पर्य है कि जब द्वापर युग में भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था और उस समय जो योग बना था, वही योग इस वर्ष भी श्री कृष्ण जन्माष्टमी के पावन पर्व पर बनने जा रहा है, उसे ही जयंती योग कहा गया है। पौराणिक कथाओं के मुताबिक भगवान श्री कृष्ण का जन्म भाद्रपद मास कृष्ण अष्टमी को रोहिणी नक्षत्र में वृषभ राशि के चंद्रमा में हुआ थाइस वर्ष श्री कृष्ण जन्माष्टमी का पूजा मुहूर्त 45 मिनट का है। 26 अगस्त को जन्माष्टमी का शुभ मुहूर्त रात्रि कालीन 12.01 बजे से 12.45 तक है। जो लोग व्रत रखेंगे वह रात्रि कालीन 12.01 बजे से बाल लड्डू गोपाल का जन्म महोत्सव मनाएंगे।

श्री कृष्ण जन्माष्टमी पारण का समय

श्री कृष्ण जन्माष्टमी के पावन पर्व पर व्रत रखेंगे तो व्रत का पारण श्री कृष्ण जन्मोत्सव के पश्चात कर सकते हैं। इस तरह व्रत का पारण 12.45 के पश्चात होगा। यानी श्री कृष्ण जन्मोत्सव मनाने के बाद आप फलाहार या पारण कर सकते हैं। श्री कृष्ण जन्माष्टमी के पारण की समाज में प्रचलित विधि यह है कि इसे भगवान लड्डू गोपाल के पूजा अर्चना के बाद ही करना होता है। धार्मिक शास्त्रों के मुताबिक श्री कृष्ण जन्माष्टमी का पारण 27 अगस्त को रोहिणी नक्षत्र की समाप्ति के पश्चात करना है। उस आधार पर पारण का समय 3.38 के पश्चात है। आप चाहे तो जन्माष्टमी के अगले दिन सूर्योदय के बाद भी पारण करके व्रत को पूरा कर सकते हैं।

रोहिणी नक्षत्र

जन्माष्टमी के दिन रोहिणी नक्षत्र- रोहिणी नक्षत्र 26 अगस्त को दोपहर 03 बजकर 55 मिनट से प्रारंभ होगी और 27 अगस्त को दोपहर 03 बजकर 38 मिनट पर समाप्त होगी। इस साल भगवान श्रीकृष्ण का 5251वां जन्मोत्सव मनाया जाएगा। कृष्ण जन्माष्टमी के पूजन का शुभ मुहूर्त 26 अगस्त को दोपहर 12 बजे से 27 अगस्त की देर सुबह 12 बजकर 44 मिनट तक रहेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *