medicine
- केंद्र का दवा कंपनियों को बड़ा झटका
- पेरासिटामोल 125 एमजी टैबलेट पर भी रोक लगाई
- एफडीसी से हो सकता है इंसानों को खतरा
- फिक्सड डोज कॉम्बिनेशन मेडिसिन को भी कहा जाता है कॉकटेल दवाएं
medicine : नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने बुखार, दर्द, सर्दी और एलर्जी जैसी बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली 156 फिक्स्ड-डोज़ कॉम्बिनेशन दवाओं पर प्रतिबंध लगाया है। इन दवाओं में दो या दो से अधिक सक्रिय तत्वों का निश्चित अनुपात में कॉम्बिनेशन होता है, जिन्हें कॉकटेल दवाओं के रूप में भी जाना जाता है। बता दें कि 2016 में भी सरकार ने 344 एफडीसी दवाओं पर रोक लगाई थी, जिनके इस्तेमाल के साइंटिफिक एविडेंस नहीं थे। स्वास्थ्य मंत्रालय ने गजट नोटिफिकेशन में बताया कि इन दवाओं का उपयोग इंसानों के लिए जोखिमपूर्ण हो सकता है और इनके सुरक्षित विकल्प मौजूद हैं।
एफडीसी से हो सकता है इंसानों को खतरा
अधिसूचना में कहा गया है, एफडीसी से इंसानों को खतरा हो सकता है। इसलिए व्यापक जनहित में ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट 1940 की धारा 26 ए के तहत इस एफडीसी के निर्माण, बिक्री या वितरण पर रोक लगाना जरूरी है। बता दें कि शीर्ष पैनल ड्रग्स टेक्निकल एडवाइजरी बोर्ड ने भी इन एफडीसी की जांच की सिफारिश की थी। इन एफडीसी में निहित सामग्रियों के लिए कोई चिकित्सीय औचित्य नहीं है।
एक्सपर्ट कमेटी की सिफारिशों पर फैसला
नोटिफिकेशन में बताया गया कि केंद्र सरकार ने एक एक्सपर्ट कमेटी की सिफारिशों के आधार पर यह फैसला लिया, जिसने इन दवाओं को अतार्किक करार दिया। ड्रग्स टेक्निकल एडवाइजरी बोर्ड ने भी इन एफडीसी दवाओं को इलाज के लिए उपयोगी नहीं माना था और इन्हें इंसानों के स्वास्थ्य के लिए जोखिमपूर्ण बताया। डीटीएबी की सिफारिशों के बाद सरकार ने कहा कि सार्वजनिक हित में इन दवाओं के निर्माण, बिक्री और वितरण पर प्रतिबंध लगाना जरूरी है।
‘मौजूद हैं विकल्प’
केंद्र द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है, केंद्र सरकार इस बात से संतुष्ट है कि फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन दवा के इस्तेमाल से इंसानों को खतरा हो सकता है, जबकि उक्त दवा के सुरक्षित विकल्प उपलब्ध हैं। इसमें कहा गया है कि इस मामले की जांच केंद्र द्वारा नियुक्त एक विशेषज्ञ समिति द्वारा की गई थी जिसने इन एफडीसी को तर्कहीन माना था।
मनमाने तरीके से रोगियों को बेच रहे थे
सूत्रों ने कहा कि हाल ही में प्रतिबंधित किए गए कई एफडीसी भी उन 344 दवा कॉम्बिनेशन में से थे। सरकार ने 2016 में 344 दवा कॉम्बिनेशन के निर्माण, बिक्री और वितरण पर प्रतिबंध लगा दिया था। उस वक्त सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गठित एक विशेषज्ञ पैनल ने कहा था कि उन्हें वैज्ञानिक डेटा के बिना रोगियों को बेचा जा रहा था। दवा बनाने वाली कंपनियों ने आदेश को अदालत में चुनौती दी थी।
पेरासिटामोल 125 एमजी टैबलेट समेत इन दवाओं पर रोक
प्रतिबंधित दवाओं की सूची में ‘एसिक्लोफेनाक 50एमजी पेरासिटामोल 125एमजी टैबलेट’ शामिल है, जो दर्द निवारक के रूप में काफी लोकप्रिय थी। इसके अलावा ‘मेफेनामिक एसिड पेरासिटामोल इंजेक्शन’, ‘सेटिरिज़िन एचसीआई पेरासिटामोल फेनिलएफ्रिन एचसीआई’, ‘लेवोसेटिरिज़िन फेनिलएफ्रिन एचसीआई पेरासिटामोल’, ‘पेरासिटामोल क्लोरफेनिरामाइन मेलीएट फेनिल प्रोपानोल अमाइन’, और ‘कैमायलोफिन डाइहाइड्रोक्लोराइड 25 एमजी, पेरासिटामोल 300एमजी’ जैसी दवाएं भी शामिल हैं। सरकार ने पेरासिटामोल, ट्रामाडोल, टॉरीन और कैफीन के संयोजन वाली दवाओं पर भी प्रतिबंध लगाया है, जिनमें ट्रामाडोल एक ओपिओइड-आधारित दर्द निवारक दवा है।
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