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Shri Baba Mastnath श्री बाबा मस्तनाथ ग्रुप ऑफ स्कूल का वार्षिकोत्सव संस्कार: शिक्षा और राष्ट्रसेवा का संगम बना

Shri Baba Mastnath

 

  • बाबा मस्तनाथ शिक्षण संस्थान संस्कार, अनुशासन और राष्ट्रसेवा की सशक्त प्रयोगशाला हैं: राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया
  • संस्कारयुक्त शिक्षा ही समाज को दिशा देने वाले नागरिकों का निर्माण करती है: महंत बालक नाथ योगी
  • गुरु परंपरा से ही संस्कार, अनुशासन और राष्ट्रभक्ति का संस्कार मिलता है: . महंत बालक नाथ योगी

रोहतक। श्री बाबा मस्तनाथ ग्रुप ऑफ स्कूल द्वारा वार्षिकोत्सव एवं पुरस्कार वितरण समारोह गरिमामय वातावरण में संपन्न हुआ। इस आयोजन में श्री बाबा मस्तनाथ रेजिडेंशियल सैनिक स्कूल एवं श्री बाबा मस्तनाथ सीनियर सेकेंडरी पब्लिक स्कूल के विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक सहभागिता की। समारोह के मुख्य अतिथि पंजाब के राज्यपाल एवं चंडीगढ़ के प्रशासक श्री गुलाबचंद कटारिया रहे, जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय के कुलाधिपति महंत बालकनाथ योगी जी ने की। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। इसके पश्चात विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने पूरे वातावरण को जीवंत बना दिया। देशभक्ति, भारतीय संस्कृति, सामाजिक समरसता, नैतिक मूल्यों और मानवीय संवेदनाओं पर आधारित नृत्य, गीत और नाट्य प्रस्तुतियों ने दर्शकों को भावविभोर कर दिया। समारोह के दौरान शैक्षणिक, खेलकूद एवं सह-पाठ्य गतिविधियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कार और प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर एक स्मारिका का भी का विमोचन भी किया गया।

सेवा और चरित्र निर्माण की भूमि

मुख्य अतिथि गुलाबचंद कटारिया ने अपने संबोधन में कहा कि मस्तनाथ मठ द्वारा संचालित शिक्षण संस्थाएं केवल ज्ञान देने वाले केंद्र नहीं, बल्कि संस्कार, सेवा और चरित्र निर्माण की भूमि हैं। उन्होंने कहा कि महंत बालकनाथ योगी के मार्गदर्शन में संचालित इन संस्थानों के पीछे साधु-संतों की दूरदृष्टि और तपस्या का बड़ा योगदान रहा है, जिन्होंने शिक्षा को समाज और राष्ट्रसेवा का प्रभावी माध्यम बनाया। राज्यपाल विद्यार्थियों की प्रस्तुतियों से विशेष रूप से प्रभावित दिखाई दिए। उन्होंने कहा कि जब बच्चे मंच पर अपनी कला, अनुशासन और सांस्कृतिक चेतना का प्रदर्शन करते हैं, तो यह संकेत मिलता है कि यहां संस्कारों की मजबूत नींव रखी जा रही है। ऐसे वातावरण में पले-बढ़े विद्यार्थी आगे चलकर देश की अमूल्य धरोहर बनते हैं।

चुनौतियों पर भी विचार रखे

सैनिक स्कूल की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि संत-महात्माओं द्वारा संचालित यह विद्यालय राष्ट्र की सुरक्षा के लिए समर्पित अनुशासित और साहसी युवा तैयार कर रहा है। यही विद्यार्थी भविष्य में सीमाओं की रक्षा करेंगे और अपने शौर्य व बलिदान से देश का मान बढ़ाएंगे। उन्होंने 1965 के युद्ध और कारगिल विजय का उल्लेख करते हुए कहा कि हमारे सैनिकों की वीरता के कारण ही आज देश सुरक्षित है और नागरिक निश्चिंत जीवन जी पा रहे हैं। उन्होंने वर्तमान समय की चुनौतियों पर भी विचार रखे। राज्यपाल ने कहा कि मोबाइल और तकनीक का बढ़ता प्रभाव बच्चों के लिए अवसर भी है और चुनौती भी। सही दिशा में इसका उपयोग ज्ञान और प्रगति का मार्ग प्रशस्त करता है, जबकि गलत उपयोग लक्ष्य से भटका सकता है। उन्होंने शिक्षकों और अभिभावकों से बच्चों को संतुलित और सकारात्मक मार्गदर्शन देने का आग्रह किया।

गुरुकुल परंपरा का उल्लेख

गुरुकुल परंपरा का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति और सभ्यता को जीवित रखने में संस्कारयुक्त शिक्षा की अहम भूमिका रही है। आज भी आवश्यकता है कि आधुनिक शिक्षा प्रणाली में उन मूल्यों को समाहित किया जाए, जिनसे चरित्र, अनुशासन और सेवा भाव का निर्माण होता है। शिक्षकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि शिक्षक समाज का वास्तविक निर्माता होता है। उन्होंने स्वयं को शिक्षक बताते हुए कहा कि पद और प्रतिष्ठा क्षणिक हो सकते हैं, लेकिन गुरु की पहचान और सम्मान जीवनभर बना रहता है।

ये रहे मौजूद

इस अवसर पर हरियाणा भाजपा के वाइस प्रेसिडेंट सतीश नांदल, लेफ्टिनेंट कर्नल विकास धनखड़ (एसएमपीएस एलुमनाई), बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बी.एम. यादव, एमडीयू के कुलपति प्रो. राजबीर सिंह, पंडित बी.डी. शर्मा यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज के कुलपति प्रो. एच.के. अग्रवाल, डॉ. राजश्री सिंह आईपीएस (एडिशनल डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस), डॉ. वरुण अग्रवाल (प्रोफेसर, न्यूरोसर्जरी विभाग, पीजीआईआईएम एवं एलुमनाई), सैनिक स्कूल के निदेशक कृष्ण मलिक, पब्लिक स्कूल के निदेशक पी.एन. मुज्जु, बाबा कालिदास गिरी जी, महाराज कपिल पुरी जी, परमानंद जी महाराज सहित्, बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय व स्कूल के शिक्षक, स्टाफ, विद्यार्थी एवं उनके अभिभावकों व अनेक गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।

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