Weather Haryana
- मौसम वैज्ञानिक बोले, मंगलवार साइक्लोनिक सर्कुलेशन बनने से बनी बारिश की संभावना
- मानसून की सक्रियता और हवा चलने से दिखेगा मौसम में बदलाव
- कई जिलों में नदियां उफान पर, कर सकती हैं भारी नुकसान
Weather Haryana : हरियाण के कई जिलों में लगातार रिमझिम तो कहीं झमाझम बारिश हो रही है। ऐसे में मौसम में लगातार उतार-चढ़ाव बना हुआ है। कहीं उमस भरी गर्मी तो कहीं नदियों में उफान ने लोगों को परेशान कर रखा है। प्रदेश में एक महीने से क्षेत्र में बरसात न होने से तापमान 38 डिग्री के आसपास घूम रहा है। पारा बढऩे के साथ ही उमस भी बढ़ रही है। उमस व तापमान बढ़ने से धान में खड़ा पानी गर्म हो रहा है। मौसम विभाग के अनुसार पंजाब के ऊपर एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन बनने से मंगलवार से राज्य में बारिश की संभावना है। 16 अगस्त तक मानसून की सक्रियता बनी रहेगी।
फतेहाबाद में यह हाल
फतेहाबाद में इस बार 1 लाख 50 हजार हैक्टेयर के करीब धान की रोपाई हुई है जबकि 44 हजार 750 हैक्टेयर में नरमा बिजा गया है। कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि इस समय बरसात बेहद जरूरी है। तेज धूप और ठंडा पानी धान की फसल के लिए जरूरी है। बरसात न होने से पानी गर्म हो रहा है। गांव बीघड़ के सुंदर सिंह का कहना है कि अब बारिश होने के बाद ही वह धान की फसल खराब होने का खतरा बढ़ गया है जबकि नरमे की फसल पर सुंडी लगने का खतरा पैदा हो गया है। बरसात न होने से किसान ट्यूब्वैल के पानी से ही धान की रोपाई कर रहे थे, जिससे उनकी फसल लागत भी बढ़ गई है।
कई जिलों में नदियां उन पर
अंबाला में मारकंडा, यमुनानगर में सोमनदी और सोनीपत में यमुना नदी में पहाड़ों पर हो रही बारिश के कारण उफान आया हुआ है। अंबाला और यमुनानगर के सैकड़ों गांवों में पानी भरा गया है। हजारों एकड़ फसलें जलमग्न हैं। ऐसे में और बारिश हुई तो इन जिलों में भारी तबाही मच सकती है। तीनों जिलो में प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है।
क्या कहते हैं मौसम वैज्ञानिक
पंजाब के ऊपर पाकिस्तान में एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन बनने से मानसून टर्फ की अक्षय रेखा उत्तर की तरफ बने रहने से बंगाल की खाड़ी की तरफ से मानसूनी हवाएं चलेगी। जिससे 16 अगस्त तक राज्य में मानसून की सक्रियता बनी रहेगी। 13 अगस्त को प्रदेश के उत्तर व पश्चिमी जिलों में कहीं-कहीं बारिश होगी। 14 से 16 अगस्त को प्रदेश के ज्यादातर जिलों में तेज बारिश की संभावना है। इस दौरान तेज हवाएं भी चलेंगी, जिससे तापमान में गिरावट आएगी।
-डॉ. एमएल खिचड़, विभागाध्यक्ष, मौसम विभाग, एचएयू हिसार।
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