Weather
- -आज से तीन-चार दिन तक रुक-रुककर हो सकती है बरसात
- -इसके बाद मानसून की बारिश शुरू होने की संभावना
- -वीरवार को सुबह से ही आसमान में बादल छाए रहे
- – कई इलाकों में बूंदाबांदी होती रही
- -अधिकतम तापमान 0.5 डिग्री सेल्सियस बढ़कर 33.5 डिग्री पर आया
- -न्यूनतम तापमान 3 डिग्री सेल्सियस बढ़कर 23 डिग्री पर पहुंच गया
Weather : रेवाड़ी। जून के दूसरे पखवाड़े में मौसम में बार-बार बदलाव देखने को मिल रहा है। तापमान में मामूली वृद्धि के बाद धूप निकलते ही उमस भरी गर्मी परेशान करने लगती है, तो बारिश के बाद मौसम सुहाना बन जाता है। 20 जून से तीन-चार दिन तक रुक-रुककर बारिश हो सकती है। इसके बाद मानसून की बरसात देखने को मिल सकती है। वीरवार को सुबह से ही आसमान में बादल छाए रहे। कई इलाकों में बूंदाबांदी होती रही। अधिकतम तापमान 0.5 डिग्री सेल्सियस बढ़कर 33.5 डिग्री पर आ गया। न्यूनतम तापमान 3 डिग्री सेल्सियस बढ़कर 23 डिग्री पर पहुंच गया। सुबह बूंदाबांदी के बाद हवा में नमी का स्तर 70 फीसदी से ज्यादा रहा, जिससे धूप निकलने के बाद उमस भरी गर्मी ने पसीना छुड़ाना शुरू कर दिया। चिपचिपाहट भरी गर्मी लोगों को जमकर परेशान कर रही है। दोपहर बाद तक लोग पसीने-पसीने हो जाते हैं। शाम के समय बंूदाबांदी से मौसम खुशगवार बन जाता है। दो दिन से मौसम इसी तरह का बना हुआ है। उमस के चलते कूलरों की हवा बेअसर साबित होती है। एसी से राहत जरूर मिल रही है।
अभी ऐसा ही रहेगा मौसम
मौसम विभाग के अनुसार अभी तीन से चार दिन तक मौसम में बार-बार बदलाव देखने को मिल सकता है। कभी तेज धूप निकलेगी, तो कभी आसमान में बादलों के बीच हल्की या मध्यम बारिश हो सकती है। अगले सप्ताह मानसून की बारिश देखने को मिल सकती है। इस दौरान तापमान में मामूली उतार-चढ़ाव देखने को मिलेगा।
किसानों ने शुरू की बाजरे की बिजाई
जून के शुरू में हुई बारिश के बाद जो किसान बाजरे की बिजाई नहीं कर सके थे, उन्होंने मंगलवार को हुई बरसात के बाद बिजाई शुरू कर दी है। यह बरसात कपास और बाजरे की फसल के लिए वरदान साबित हो सकती है। जून माह में ही खेतों में हरियाली छाने लगी है। मौसम इस समय दोनों फसलों के लिए काफी अनुकूल बना हुआ है। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार पूरे जिले में अच्छी बारिश हो चुकी है। किसान बाजरे की पछती किस्मों की बिजाई कर सकते हैं। मौसम में बदलाव के बाद घरेलू बिजली का लोड भी कुछ कम हो गया है, जिससे बिजली की खपत 10 लाख यूनिट तक कम हो गई है। इससे लोगों को पावर कटों से निजात मिल रही है। तेज हवाओं और बारिश के कारण फीडर ट्रिप करने से ही बिजली बाधित हो रही है।