Weather
- -सरसों का फल झड़ा, सोलर प्लेटें टूटी, किसानों को हुआ भारी नुकसान
- -20 से ज्यादा गांवों में गेहूं, सरसों फसल को पहुंचा नुकसान
- -बारिश तथा ओलावृष्टि से तापमान में आई गिरावट
Weather : जींद। जिला में शुक्रवार रात को तेज हवाओं के साथ हुई बारिश व ओलावृष्टि ने किसानों को खून के आंसू रूला दिए। 20 से ज्यादा गांवों में लगभग 20 मिनट तक लगातार ओलावृष्टि हुई। जिससे खेतों में खड़ी सरसों की फसल का फल झड़ गया तो तेज हवाओं से गेहूं की फसल बिछ गई। इससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है। वहीं शनिवार को तीसरे दिन भी बारिश लगातार रूक-रूक कर जारी रही। हालांकि शुक्रवार रात को कई जगह ओलावृष्टि भी हुई। जिससे खेत में खड़ी फसल को भारी नुकसान पहुंचा। सरकार ने बारिश तथा ओलावृष्टि से खराब हुई फसलों के लिए ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल भी खोल दिया है। जिस पर किसान दस मार्च तक अपनी बर्बाद हुई फसल का ब्यौरा दर्ज करवा सकते हैं। इससे पहले 20 फरवरी को भी वर्षा के साथ नरवाना, उचाना और जींद के 40 से ज्यादा गांवों में ओलावृष्टि हुई थी।
बारिश तथा ओलावृष्टि से तापमान में आई गिरावट
बारिश तथा ओलावृष्टि से तापमार में गिरावट आई है। शनिवार को अधिकतम तापमान 23 डिग्री तथा न्यूनतम तापमान 12 डिग्री दर्ज किया गया। जबकि हवा की गति पांच किलोमीटर प्रतिघंटा रही वहीं मौसम में आद्रता 70 प्रतिशत बनी रही। शुक्रवार देर शाम को उचाना खंड के गांव बुडायन, भौंगरा, दुर्जनपुर, उचाना कलां, खापड़, बरसोला, खटकड़, बड़ौदा, रोजखेड़ा, घोघडिय़ां, कुचराना कलां, कुचराना खुर्द, छात्तर, बधाना, नगूरां समेत 20 से ज्यादा गांवों में ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान हुआ है। किसान रोहताश, प्रवीण ने बताया कि तेज हवा के साथ ओलावृष्टि से गेहूं व सरसों की फसल को नुकसान पहुंचा है। वहीं कई किसानों के खेतों में लगी सोलर प्लेटें भी टूट गई हैं। गेहूं की अगेती फसल में बालियों में दाना बनना शुरू हो चुका है। ऐसे में फसल गिरने से और ओलावृष्टि से उत्पादन घटेगा। वहीं सरसों की फसल पकने वाली है। ओले की वजह से सरसों की फसल में ज्यादा नुकसान है।
40 हजार रुपये प्रति एकड़ मुआवजा दे सरकार : रामराजी ढुल
भारतीय किसान यूनियन के प्रेस प्रवक्ता रामराजी ढुल पोंकरी खेड़ा ने कहा कि शुक्रवार को हुई बारिश के बाद चली तेज हवाओं और ओलावृष्टि से किसानों को काफी नुकसान हुआ है। सरकार किसानों को 40 हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा दे। किसानों को फसल खराबे के उचित मुआवजे की मांग को लेकर जल्द ही डीसी और कृषि विभाग के अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा जाएगा। दो दिन पहले तक किसान खुश थे और अच्छी पैदावार की उम्मीद थी लेकिन शुक्रवार की रात हुई ओलावृष्टि ने किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया। ओलावृष्टि से उचाना क्षेत्र में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। गेहूं और सरसों की फसल में ओलावृष्टि का काफी नुकसान हुआ है। 50 प्रतिशत से ज्याद उत्पादन पर असर पडऩे की संभावना है। सरकार को चाहिए कि किसानों के जख्मों पर मरहम लगाते हुए कम से कम 40 हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से फसल खराबे का मुआवजा दिया जाए।
10 मार्च तक किसान पोर्टल पर करें आवेदन : डीसी
डीसी मोहम्मद इमरान रजा ने बताया कि सरकार की तरफ से क्षति पूर्ति पोर्टल खोला गया है। 10 मार्च तक किसान पोर्टल पर फसल में हुए नुकसान की शिकायत दर्ज करवा सकते हैं।
आगे मौसम खुश्क व परिवर्तनशील रहेगा
कृषि विज्ञान केंद्र पांडू पिंडारा से मौसम वैज्ञानिक डा. राजेश कुमार ने बताया कि ओलावृष्टि और तेज हवा से गेहूं व सरसों की फसल में नुकसान हो सकता है। आगामी दिनों में मौसम खुश्क व परिवर्तनशील रहने की संभावना है। जिले में नरवाना, उचाना, जींद सहित अन्य स्थानों पर हलकी वर्षा हुई है। उचाना में कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि की भी सूचना है।
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