Weather
- आतिशबाजी के बाद बिगड़ सकते हैं हालात, पाबंदियों का भी कोई असर नहीं
- आतिशबाजी के बाद हर साल आसमान में धुएं की चादर छा जाती है
- इस बार दिवाली से पहले ही सुबह के समय आसमान में धुआं छाने लगा
रेवाड़ी। मौसम ठंडा पड़ने के साथ ही प्रदूषण का खतरा भी बढ़ गया है। दिवाली पर आतिशबाजी के बाद प्रदूषण बढ़ना तय है, परंतु इससे पहले ही एक्यूआई 200 के पार पहुंच गया है। हवा जहरीली होनी शुरू हो गई है। ग्रैप-वन की पाबंदियां कागजों तक सीमित हैं। इन्हें सख्ती से लागू कराने की दिशा में प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की ओर से कोई खास कदम नहीं उठाए गए हैं। ठंड का असर धीरे-धीरे बढ़ना शुरू हो गया है। दिन के समय आसमान साफ रहने के कारण तेज धूप खिलने से मौसम गर्म बना रहता है, लेकिन रात के समय ठंड शुरू हो गई है। रात का तापमान गिरने के कारण प्रदूषण कारक तत्व वायुमंडल में ऊपर तक पहुंचने की बजाय धरती के आसपास मंडराने लगते हैं, जिससे प्रदूषण की समस्या बढ़ जाती है। दिवाली पर होने वाली आतिशबाजी के बाद हर साल आसमान में धुएं की चादर छा जाती है। इस बार दिवाली से पहले ही सुबह के समय आसमान में धुआं छाने लगा है।
सड़क निर्माणकार्य प्रदूषण बढ़ा रहे
वाहनों के प्रदूषण के साथ-साथ भवन व सड़क निर्माणकार्य भी प्रदूषण बढ़ा रहे हैं। टूटी सड़कों पर उड़ने वाली धूल एक्यूआई बढ़ाने का कार्य कर रही है। अभी तक एक्यूआई 200 से नीचे ही चल रहा था, जिससे लोगों प्रदूषण से राहत मिली हुई थी। शनिवार को एक्यूआई बढ़कर 220 पर पहुंच गया। दोपहर तक आसमान में धुएं की चादर बनी रही। कुछ इलाकों में लोगों को आंखों में जलन की शिकायत भी रही। डीसी ने प्रदूषण की समस्या को देखते हुए ग्रैप-वन स्टेज की पाबंदियां तीन दिन पहले ही लागू कर दी थीं, परंतु इन्हें सख्ती से लागू कराने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाए गए हैं।
दिवाली बाद बिगड़ सकते हैं हालात
दिवाली पर्व पर लोग प्रतिबंध के बावजूद देर रात तक आतिशबाजी करते हैं। इससे दिवाली के दो-तीन बाद आसमान से धुआं उतरकर जमीन की ओर आने लगता है। प्रदूषण का स्तर पर भी काफी बढ़ जाता है। पिछले साल दिवाली के बाद एक्यूआई 400 के पार तक पहुंच गया था। इस बार भी ग्रीन पटाखों के लिए समय सीमा तो तय कर दी गई है, लेकिन आतिशबाजी में कोई कमी आने की संभावना नहीं है। ज्यादा आतिशबाजी होने की सूरत में एक्यूआई काफी बढ़ सकता है, जिससे लोगों को साफ हवा में सांस लेना मुश्किल
हो जाएगा।
रात का पारा सामान्य से 6 डिग्री कम
इस साल रात का पारा सामान्य से 6 डिग्री तक कम चल रहा है। रात के समय ठंड का असर शुरू हो चुका है। शनिवार को अधिकतम तापमान 35.5 डिग्री और न्यूनतम तापमान 12.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। रात के तापमान में 0.3 डिग्री सेल्सियस व दिन के तापमान में 3 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि दर्ज की गई है। बीते वर्ष 18 अक्टूबर को दिन का तापमान 37.5 डिग्री और रात का 19.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। ठंड देरी से शुरू हुई थी। इस बार अक्टूबर के दूसरे पखवाड़े से ही ठंड का असर देखने को मिल रहा है।
सरसों के लिए अनकुल बना मौसम
इस बार मौसम किसानों के लिए काफी मददगार साबित हो रहा है। माह के शुरू में हुई बारिश के बाद पर्याप्त नमी के चलते किसानों को सरसों की बिजाई के लिए जमीन सींचने की जरूरत नहीं पड़ रही। जिन किसानों की सरसों जमवार पर आ गई है, उनके लिए भी काफी राहत भरा मौसम है। सरसों की जमवार के समय ज्यादा तापमान फसल को नष्ट करने का काम करता है, जिससे किसानों को नुकसान उठाना पड़ता है। इस समय सरसों की बिजाई का कार्य तेजी से चल रहा है।