Whater
- सिंचाई मंत्री श्रुति चौधरी ने कहा जल वितरण पर पंजाब के आंकड़े सरासर गलत
- भाखड़ा-व्यास का पानी बीबीएमबी का है ना की पंजाब का- मंत्री श्रुति चौधरी
- पंजाब के मुख्यमंत्री का हरियाणा द्वारा 103 प्रतिशत पानी इस्तेमाल का दावा गलत
- हरियाणा सरकार ने शनिवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई
Whater : चंडीगढ़। हरियाणा और पंजाब के बीच भाखड़ा नहर के पानी को लेकर घमासान नहीं थम रहा है। शुक्रवार को दिल्ली में हुई भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (बीबीएमबी) के अधिकारियों की पंजाब और हरियाणा के मुख्य सचिवों के साथ मीटिंग में पानी देने को लेकर सहमति नहीं बनी। मीटिंग में पंजाब 4000 क्यूसेक पानी ही देने को तैयार हुआ, जबकि हरियाणा ने 8500 क्यूसेक पानी की मांग की। बीबीएमबी ने शनिवार को शाम 5 बजे चंडीगढ़ में हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और हिमाचल के अधिकारियों की बैठक बुलाई है। वहीं हरियाणा सरकार इस मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाएगी। हरियाणा की सिंचाई एवं जल संसाधन मंत्री श्रुति चौधरी ने जल वितरण के मुद्दे पर कहा कि यह पानी पूरी तरह से बोर्ड का है ना कि पंजाब का और पंजाब के मुख्यमंत्री द्वारा हरियाणा के 103 प्रतिशत पानी के इस्तेमाल दावा बिल्कुल तथ्यहीन है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेंगे और अपने हक का पानी लेकर रहेंगे। वहीं हरियाणा सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुला ली है। बैठक शनिवार को चंडीगढ़ में होगी। इसकी अध्यक्षता मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी करेंगे।
पंजाब के सीएम के आंकड़े झूठे : श्रुति
श्रुति चौधरी ने कहा कि पंजाब का यह दावा कि हरियाणा ने मार्च में अपने आवंटित पानी के हिस्से को पहले ही समाप्त कर दिया है पूरी तरह से ग़लत है, क्योंकि पंजाब केवल कमी अवधि के दौरान पानी का हिसाब लेकर गणना कर रहा है। पिछले वर्ष 2024 को भरने और कमी अवधि के दौरान पानी के खाते से स्पष्ट रूप से पता चलता है कि पंजाब राज्य को उसके आवंटित हिस्से 9.30 प्रतिशत अधिक हिस्सा दिया है, जबकि हरियाणा को उसके आवंटित हिस्से से 0.198% कम हिस्सा दिया गया है। पिछले 20 वर्षों का ऐतिहासिक जल खाता साबित करता है कि पंजाब को उसके आवंटित पाने के हिस्से से 22.44% अधिक हिस्सा दिया है, जबकि हरियाणा ने अपने आवंटित हिस्से से केवल 7.67 प्रतिशत अतिरिक्त हिस्सा दिया है।
आप सरकार ने की सर्वदलीय बैठक
पंजाब की आप सरकार ने चंडीगढ़ स्थित पंजाब भवन में 2 घंटे तक सर्वदलीय बैठक की। भाजपा अध्यक्ष सुनील जाखड़ भी बैठक में पहुंचे। कांग्रेस और अकाली दल ने प्रतिनिधि भेजे। बैठक में सीएम भगवंत मान ने कहा कि सभी दलों ने सरकार का साथ देने की हामी भरी है। वे सभी राजनीति से ऊपर उठकर पंजाब सरकार के फैसले के हक में हैं। ऑल पार्टी मीटिंग में प्रधानमंत्री से मिलने का सुझाव आया है। मान ने कहा कि पंजाब के पानी को एक फरमान के माध्यम से हरियाणा को देने का फैसला लिया गया। अधिकारियों को बदल दिया गया। सोमवार को 12 बजे विधानसभा का स्पेशल सेशन बुलाया गया है। इसके लिए गवर्नर की मंजूरी मिल गई है। सीएम ने कहा कि प्यार से पंजाबियों से जान ले लो, लेकिन पानी लेने का तरीका उचित नहीं है।