whater :
- पुलिस ने नंगल डैम का कंट्रोल रूम संभाला
- बीबीएमबी की इमरजेंसी की बैठक में फैसला
- हरियाणा को साढ़े आठ हजार क्यूसिक पानी दिया जाएगा
- पंजाब सरकार ने किया विरोध
- दिल्ली सरकार ने भी पंजाब सरकार पर बोला हमला
- दिल्ली के जल मंत्री वर्मा बोले, पंजाब पानी रोककर गंदी राजनीति कर रहा
whater : चंडीगढ़। भाखड़ा नहर के पानी को लेकर हरियाणा और पंजाब अब खुलकर आमने-सामने आ गए हैं। दोनों प्रदेशों के बीच जुबानी जंग चरम पर है। इसी बीच भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (बीबीएमबी) ने भाखड़ा डैम के डायरेक्टर (वाटर रेगुलेशन) इंजीनियर आकाशदीप सिंह को हटा दिया है। वे पंजाब कोटे से बीबीएमबी में तैनात थे, इस पर पंजाब ने कड़ी आपत्ति जताई है। आकाशदीप की जगह इंजीनियर संजीव कुमार को डायरेक्टर रेगुलेशन लगाया गया है। संजीव हरियाणा कोटे से नियुक्त किए गए हैं। आदेश में दावा किया गया है कि फैसला आकाशदीप की ही बोर्ड में नियुक्त हैं। संजीव पहले डैम सेफ्टी डायरेक्टर थे। दूसरी तरफ, बीबीएमबी पर पंजाब की ओर से गुरुवार पुलिस अफसरों ने काफी संख्या में फोर्स तैनात कर है। डैम का कंट्रोल रूम पंजाब पुलिस ने संभाल लिया है। पुलिस ने स्थानीय प्रशासन से कंट्रोल रूम की चाबी ले ली है। बता दें कि इस विवाद को लेकर बुधवार शाम बीबीएमबी की आपात मीटिंग हुई थी, जिसमें यह फैसला लिया गया कि हरियाणा के लिए साढ़े 8500 क्यूसिक पानी दिया जाएगा। अधिकारियों को इस बारे में आदेश भी दिए गए। यह मीटिंग केंद्रीय बिजली मंत्री मनोहर लाल के आदेश पर हुई। हालांकि पंजाब सरकार के प्रतिनिधि ने इसका विरोध किया। जबकि, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान सरकार के प्रतिनिधि फैसले के पक्ष में रहे।
पानी छोड़ने पर पंजाब को कड़ी आपत्ति
बीबीएमबी ने हरियाणा को 8,500 क्यूसेक पानी छोड़ने का फैसला किया है। इस कदम का पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कड़ा विरोध किया है। मान ने कहा है कि वह पंजाब के अधिकारों पर ‘डाका’ बर्दाश्त नहीं करेंगे। बैठक के दौरान पंजाब के अधिकारियों ने हरियाणा को अधिक पानी छोड़ने पर कड़ी आपत्ति जताई और दावा किया कि पड़ोसी राज्य पहले ही अपने हिस्से का पानी इस्तेमाल कर चुका है। पंजाब सरकार के अधिकारियों ने यह भी तर्क दिया था कि पोंग और रंजीत सागर बांधों में पानी का स्तर पिछले साल की तुलना में कम है। सूत्रों ने बताया कि बैठक के दौरान भाजपा शासित राजस्थान के अधिकारियों ने भी हरियाणा की मांग का समर्थन किया।
केंद्र और हरियाणा सरकार पंजाब के खिलाफ एकजुट
मुख्यमंत्री मान ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘पंजाब और पंजाबियों के हक का पानी बीबीएमबी के जरिए हरियाणा को देने के फैसले का पूरा पंजाब कड़ा विरोध करता है। केंद्र और हरियाणा की भाजपा सरकार पंजाब के खिलाफ एकजुट हो गई हैं। हम किसी भी कीमत पर भाजपा द्वारा अपने अधिकारों पर एक बार फिर ‘डाका डालना’ बर्दाश्त नहीं करेंगे। भाजपा विरोध का सामना करने के लिए तैयार रहे। भाजपा कभी भी पंजाब और पंजाबियों की नहीं हो सकती।’भाजपा की केंद्र सरकार की तरफ से पंजाब के पानी को लेकर एक और गंदी चाल चली जा रही है, हम इसे किसी भी कीमत पर सफल नहीं होने देंगे।
कोई भी बलिदान देने के लिए तैयार : आप
कैबिनेट मंत्री और आप की पंजाब इकाई के अध्यक्ष अमन अरोड़ा ने कहा, ‘हम भाजपा और केंद्र सरकार द्वारा बीबीएमबी की बांह मरोड़ने और हरियाणा को पंजाब के हिस्से से अतिरिक्त 8500 क्यूसेक पानी छोड़ने के लिए मजबूर करने के फैसले के खिलाफ कोई भी बलिदान देने के लिए तैयार हैं। भाजपा की ‘गुंडागर्दी’ का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।’ ्र
मुख्यमंत्री सैनी बोले-पानी पर सारे दल हमारे साथ
हरियाणा के हिस्से का पानी रोके जाने पर स्पेशल विस सत्र बुलाए जाने के मुद्दे पर नायब सैनी ने कहा कि पानी के मसले पर सभी पार्टी और विपक्ष के सभी नेता हमारे साथ हैं, इसलिए इसकी चिंता करने की जरूरत नहीं हैं। अब क्योंकि पंजाब में विधानसभा का चुनाव नजदीक है। इसलिए यह सारा खेल किया जा रहा है। उन्होंने कहा आप नेता पानी के मसले पर घटिया राजनीति न करें, क्योंकि पंजाब गुरुओं की धरती है, जिन्होंने दुश्मनों को भी पानी पिलाने का काम किया हरियाणा तो फिर भी छोटा भाई है।