Tourist
- प्राणपुर, साबरवानी और लाडपुरा खास बना देश का ‘सर्वश्रेष्ठ’ पर्यटन ग्राम
- केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने किया पुरस्कृत
- 8 श्रेणियों में देश के 36 गांव बने विजेता
- 2023 में सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांवों की प्रतियोगिता शुरू की गई थी
- प्राणपुर चंदेरी में, लाडपुरा खास निवाड़ी और साबरवानी छिंदवाड़़ा जिले में
Tourist : भोपाल। केंद्र सरकार ने अंतराष्ट्रीय पर्यटन दिवस पर मप्र के तीन गांवों को विभिन्न श्रेणियों में सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम से सम्मानित किया है। प्राणपुर को शिल्प श्रेणी में और सावरवानी एवं लाडपुरा खास को जिम्मेदार पर्यटन की श्रेणी में पुरस्कृत किया गया है। यह गांव भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय की सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम प्रतियोगिता 2024 में विजेता रहे 8शेष पेज 4 पर हैं। प्राणपुर चंदेरी में, लाडपुरा खास निवाड़ी और सावरवानी छिंदवाड़़ा जिले में हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मप्र के तीन ग्रामों को सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम पुरस्कार मिलने पर बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। गांवों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2023 में सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांवों की प्रतियोगिता की शुरूआत की गई थी। इस पहल का मकसद उन गांवों की पहचान करना और उन्हें चिन्हित करना था, जो समुदाय-आधारित मूल्यों और सभी पहलुओं में स्थिरता के प्रति प्रतिबद्धता के ज़रिए सांस्कृतिक और प्राकृतिक संपत्ति को संरक्षित करते हैं और बढ़ावा देते हैं। सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम प्रतियोगिता के दूसरे संस्करण में, 30 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से कुल 991 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 36 गांवों को सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम प्रतियोगिता 2024 की 8 श्रेणियों में विजेता घोषित किया गया।
बुंदेली संस्कृति संस्कृति से रूबरू कराता लाडपुरा
निवाड़ी जिले में ओरछा से 8 किमी दूर स्थित लाडपुरा खास को मप्र टूरिज्म बोर्ड के रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म मिशन के तहत पहले ग्रामीण पर्यटन गांव होने का गौरव प्राप्त है। बुंदेलखंड सांस्कृतिक क्षेत्र के केंद्र में बसा लाडपुरा खास मेहमानों को बेहतरीन बुंदेली संस्कृति और परंपराओं से अवगत कराने का एक अनूठा अवसर प्रदान करता है।
बुनकरों और शिल्पकारों का ग्राम प्राणपुर
प्राणपुर गांव, चंदेरी की तराई में लगभग चार किमी दूरी पर सुरम्य स्थल है। इस गांव की विशेषता यह है कि गांव के 243 घर बुनाई कला से जुड़े हैं। वे हथकरघे का उपयोग दो-तीन पीढ़ियों से कर रहे हैं। गांव के पचास से अधिक शिल्पकार बांस, लकड़ी, पत्थर, गहनें तथा मिट्टी के शिल्प से जुड़े हैं। पर्यटकों के लिए विशेष रूप से एक कैफेटेरिया हैंडलूम कैफे बना है।
साबरवानी गांव 2019 में पर्यटन गांव बना
छिंदवाड़ा के तमिया विकासखंड के झिरपा से 6 किमी अंदर 300 घरों का सावरवानी गांव 2019 में पर्यटन गांव बना है। अब तक यहां 300 से ज्यादा विदेशी पर्यटक भी आकर गांव की संस्कृति, खान- पान की संस्कृति से अवगत हुए हैं। पर्यटकों में दक्षिण अफ्रीका, फ्रांस, यूरोप, रूस, कनाडा और यूनाइटेड किंगडम के नागरिक शामिल हैं।
सभी सुविधाएं मौजूद
सावरवानी में वे सब सुविधाएं हैं, जो आदर्श गांव के लिए अनिवार्य हैं। पर्यटकों के लिए ब्रेक फास्ट, लंच और डिनर का पूरा पैकेज है। इसके अलावा बैलगाड़ी की सैर, गायों का दूध दुहना, उन्हें चारा खिलाना, खेती किसानी के छोटे-छोटे काम करना और पास की मोनाखेड़ी पहाड़ी में ट्रैकिंग की सुविधा, भजन मंडली और जनजातीय करमा नृत्य मंडली भी उपलब्ध होने से सावरवानी में रुकना यादगार बन जाता है और स्मृति लंबे समय तक बनी रहती है।
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