Mandir
- श्रीमद्भागवत कथा से पूर्व गाजे-बाजे और भक्तिभाव से निकली भव्य कलश यात्रा
- कैबिनेट एवं कारागार मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा ने मंदिर में भक्तिभाव से पूजा की
Mandir : रोहतक। माता दरवाजा स्थित संकट मोचन मंदिर में ब्रह्मलीन गुरुमां गायत्री जी के निर्वाण दिवस के उपलक्ष्य में शनिवार से शुक्रवार 2 मई तक 7 दिवसीय धार्मिक कार्यक्रम की शुरुआत भक्तिमय, श्रद्धा व हर्षोल्लास से आरंभ हुई। इस अवसर पर श्रीमद्भागवत ज्ञान यज्ञ कथा से पूर्व आज प्रात: 8 बजे मंदिर से गद्दीनशीन साध्वी मानेश्वरी देवी जी और भक्तजनों ने आकर्षित वेशभूषा पहनकर सिर पर गंगारूपी मंगल भव्य कलश रखकर यात्रा निकाली। यात्रा में मंगल गीत गाकर, गाजे-बाजे व बैंड बाजों की धुन पर भक्तों ने भजन-कीर्तन पर झूमते हुए भक्ति के प्रति अपनी आस्था जताई। वहीं श्रद्धालुओं ने जय जयकार और जय श्रीराम के जयघोष से वातावरण को भक्तिमय बना दिया। यात्रा में ब्रह्मलीन गायत्री माँ की प्रतिमा विराजमान थी। पंडित अशोक शर्मा ने आरती की व प्रसाद वितरित किया ।
फूल माला से स्वागत
कैबिनेट एवं कारागार मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा ने मंदिर में भक्तिभाव से पूजा की ट्रस्ट ने उन्हें फूल माला से स्वागत किया और उन्हें हनुमान जी की प्रतिमा भेंट की । श्री शर्मा ने कहा कि हमारा देश एक हिंदू वाद देश है हमारी धार्मिक और संस्कृतीक परंपराओं की रक्षा और बढ़ावा देने में संत महात्माओं का बहुत बड़ा योगदान हमेशा रहा है । जिला परिषद चेयरमैन मंजू हुड़्डा ने भक्तिभाव से कथा से पूर्व ज्योत प्रचंड कर माथा टेका और आरती की । यह जानकारी सचिव गुलशन भाटिया ने दी।
कलश यात्रा मंदिर से सदर थाना, गढ़ी मौहल्ला व मुख्य बाजारों से होते हुए बाबा लक्ष्मणपुरी महाराज डेरे पर पहुंची जहाँ उन्होंने श्रद्धा से कलश भरी। भक्तजनों ने महाराज से आशीर्वाद लिया। बाबा ने भजन गाकर मंत्रमुग्ध किया। यात्रा में जगह-जगह भक्तों पर पुष्प वर्षा की गई और स्टाल लगाकर प्रसाद वितरित किया। तत्पश्चात 10 बजे साध्वी मानेश्वरी देवी द्वारा सत्संग व भक्तों ने भंडारे का प्रसाद ग्रहण किया । यह कथा वे वीरवार 1 मई तक करेंगी ।
कलश में प्रभु विष्णु का वास : साध्वी मानेश्वरी देवी
गद्दीनशीन साध्वी मानेश्वरी देवी ने कलश का महत्व बताते हुए कहा कि सनातन धर्म में हर धार्मिक कार्यों में कलश का विशेष महत्व है। कलश रिद्धि- सिद्धि का प्रतीक है। ऐसा माना जाता है कि कलश के मुख में भगवान विष्णु (भगवान विष्णु मंत्र) का वास होता है और कंठ में रुद्र और मूल में ब्रह्मा जी वास करते हैं। साथ ही कलश के मध्य में दैवीय शक्तियां निवास करती हैं। कलश में भरा पवित्र जल इस बात का संकेत देता है कि हमारा मन जल की तरह शीतल, साफ और निर्मल बना रहे। उन्होंने कहा कि जन्म के समय भी कलश स्थापना की जाती है और मरने के समय भी शरीर के साथ कलश विसर्जित किया जाता है। उन्होंने बताया कि कलश के ऊपर रखा नारियल मनुष्य को इस बात की शिक्षा देता है कि परिवार के मुखिया को ऊपर से सख्त और अंदर से मुलायम होना चाहिए। कलश के ऊपर रखी माला का मतलब जिस प्रकार माला में लगा हुआ फूल महकता है उसी प्रकार मनुष्य का जीवन भी दूसरों को सुगंध देने वाला होना चाहिए।
निशुल्क मेडिसन कैंप आज
कार्यक्रम में रविवार 27 अप्रैल को सुबह 9 से 1 बजे तक मेडिसन कैंप लगेगा जिसमें पीजीआईएमएस के वरिष्ठ डॉक्टर व उनकी टीम मरीजों का निशुल्क मरीजों का उपचार करेंगे। मरीजों का बीपी, शुगर, टेस्ट की जांच होगी व उन्हें दवाईंयां भी वितरित होंगी ।