Rohtak News
- -महिलाएं और पुरुष हाथों में गंगाजल, बेलपत्र, धतूरा, कच्चा दूध व पुष्प लेकर कतार में खड़े नजर आए
- -मंदिर परिसर में सुबह चार बजे से ही जलाभिषेक की शुरुआत हो गई
- -पंडित अशोक शर्मा द्वारा आरती की गई और प्रसाद वितरित किया गया
- -साध्वी मानेश्वरी देवी बोलीं, शिवलिंग पर जल चढ़ाने से हमारा स्वभाव शांत होता
Rohtak News : रोहतक। माता दरवाजा स्थित संकट मोचन मंदिर में ब्रह्मलीन गुरुमां गायत्री के सानिध्य में बुधवार को शिवरात्रि पर्व पर भक्तिभाव व हर्षोल्लास से मनाया गया। गद्दीनशीन साध्वी मानेश्वरी देवी व श्रद्धालुओं ने भजन-कीर्तन के साथ भोलेनाथ का जलाभिषेक व रुद्राभिषेक कर परिवार की सुख-शांति और मंगल की कामना की। मंदिर परिसर बोल बम और हर हर महादेव के जयघोष से गूंज उठा और और शिव भक्त नाचने झूमने पर विवश हुए। श्रद्धालुओं ने शिव जी का पंचाक्षर मंत्र ओम नम: शिवाय का जाप किया। महिलाएं और पुरुष हाथों में गंगाजल, बेलपत्र, धतूरा, कच्चा दूध व पुष्प लेकर कतार में खड़े नजर आए। मंदिर परिसर में सुबह चार बजे से ही जलाभिषेक की शुरुआत हो गई थी। पंडित अशोक शर्मा द्वारा आरती की गई और प्रसाद वितरित किया गया। यह जानकारी सचिव गुलशन भाटिया ने दी।
भोले दी बारात चढ़ी गज-वज के… भजनों पर नाचे भक्तजन
भोले दी बारात चढ़ी गज-वज के सारेया ने भंग पीती रज-रज के, खाले बाजरे की रोटी भोलेनाथ…, भोले मैं ना चलूंगी तेरे साथ… आया बाबा का त्यौहार आया, शिवरात्रि का त्यौहार आया, भोले नाथ की शादी है, हम तो नाचेेंगे, हर-हर शंभू, शिवामय देवा, भक्ति गीतों पर गद्दीनशीन परमश्रद्धेया मानेश्वरी देवी व शिवभक्त भक्ति में नाचते-गाते और झूमते नजर आए। कार्यक्रम में प्रात: 9 बजे पंचामृत पूजन, दोपहर 12 बजे भंडारा और सायं 4 बजे गद्दीनशीन साध्वी मानेश्वरी देवी द्वारा सत्संग, भजन संकीर्तन में अनमोल वचनों की अमृत वर्षा हुई।
शिवलिंग पर जल चढ़ाने से हमारा स्वभाव शांत होता है। : साध्वी मानेश्वरी देवी
गद्दीनशीन साध्वी मानेश्वरी देवी ने सत्संग में भक्तों को बताया कि शिवलिंग पर जल चढ़ाने से हमारा स्वभाव शांत होता है। भगवान शिव अत्यंत दयालु स्वभाव के देवता हैं और भक्तों की सच्ची श्रद्धा से तुरंत प्रसन्न होकर वरदान देते हैं। ऐसी मान्यता है कि यदि शिव आपसे प्रसन्न है तो आपको किसी भी संकट का सामना नही करना पड़ेगा। सच्चे मन से भोले बाबा की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। उन्होंने कहा कि सावन की शिवरात्रि का दिन भगवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन का प्रतीक और भगवान भोलेनाथ की भक्ति का महीना माना गया है। इस दिन भगवान शिवजी की सच्चे मन से की गई उपासना सारे पापों को नष्ट करती है और मोक्ष की प्राप्ति कराती है। उन्होंने कहा कि इस दिन किया गया व्रत और पूजन वैवाहिक जीवन में प्रेम, सामंजस्य और सुख-शांति बनाए रखता है। यह व्रत विशेष रूप से कुंवारी कन्याओं और विवाहित महिलाओं के लिए फलदायक माना जाता है। सावन माह मंदिर में शिव पुराण कथा महामृत्युंजय जाप ओम नम: शिवाय, शिव सहस्त्रनाम और शिव चालीसा का पाठ का आयोजन भी किया जाता है।