Rohtak News
- दो घंटे की हड़ताल से मरीज हुए बेहाल, मांगों को लेकर नारेबाजी
- हड़ताल में आईसीयू और इमरजेंसी के कम स्टाफ को शामिल किया गया
- नर्सिंग अलाउंस 1200 से बढ़ाकर 7200 रुपये करे सरकार
- नर्सिंग कैडर को ग्रुप सी से बदलकर ग्रुप बी में शामिल किया जाए
Rohtak News : पीजीआईएमएस की नर्सिंग एसोसिएशन ने गुरुवार को सांकेतिक हड़ताल की। इससे पीजीआईएमएस की स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से प्रभावित हुई। सभी नर्सिंग स्टाफ ने विजय पार्क में एकत्रित होकर 2 घंटे तक जमकर नारेबाजी की और अपनी मांगें प्रशासन तक पहुंचाने के लिए पत्र लिखा, इससे आमजन को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा है। हड़ताल के बारे में नर्सिंग एसोसिएशन के प्रधान विकास फौगाट ने बताया कि पीजीआईएमएस की नर्सिंग एसोसिएशन ने 25 जुलाई को सुबह 9:00 से 11:00 तक 2 घंटे की हड़ताल की। चेयरमैन मनोज खटाना ने बताया कि गंभीर मरीजों की स्थिति को ध्यान में रखते हुए हड़ताल में आईसीयू और इमरजेंसी के कम स्टाफ को शामिल किया गया था, ताकि किसी गंभीर मरीज की जान को जाने से बचाया जा सके।
सरकार आंखें बंद करके बैठी
खटाना ने कहा कि वह अब भी मरीज के हित में सोच रहे हैं, लेकिन सरकार की आंखें पूर्ण रूप से उनके लिए बंद हो चुकी हैं ऐसे में वे अब और बड़ी लड़ाई के लिए तैयार हैं। वहीं, विकास ने कहा कि अब वह किसी भी हाल में पीछे हटने वाले नहीं है जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता तब तक वह अपने निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आगे बढ़ेंगे और अंतिम दिन सर्व समिति से जो फैसला होगा उसे पर निर्णय लिया जाएगा। आज अधिकतर नर्सिंग स्टाफ हड़ताल में शामिल हुआ और अपनी एकजुटता का परिचय दिया।
15 सालों से मांगें लंबित
जनरल सेक्रेट्री राहुल वत्स ने बताया कि 15 सालों से लंबित चली आ रही मांगों पर चर्चा की गई, जिसमें नर्सिंग अलाउंस को 1200 रुपये से बढ़ाकर केंद्र की तर्ज पर 7200 रुपये करने, नर्सिंग कैडर को ग्रुप सी से बदलकर ग्रुप बी में शामिल करते चले आ रहे हैं उसके बावजूद भी उनकी मांगों पर सरकार द्वारा कोई गौर नहीं किया जा रहा और उनकी पूर्ण रूप से अनदेखी जा रही है।
सरकार भेदभाव कर रही
विकास फौगाट ने बताया कि नर्सिंग कैडर पिछले काफी लंबे समय से इन मांगों को लेकर शांतिपूर्ण लड़ाई लड़ता आ रहा है उसके बावजूद भी उनकी मांगों को पूरा न करना भेदभावपूर्ण व्यवहार को दर्शाता है जो कि पूरे नर्सिंग कैडर के लिए असंतोष जनक व हौसला तोड़ने वाला है। अभी तो यह अंगड़ाई है आगे अभी और लड़ाई है क्योंकि 2 अगस्त को पूरा नर्सिंग कैडर सामूहिक अवकाश पर रहेगा व अगर तब भी तक भी सरकार व पीजीआई प्रशासन मांगों को पूरा नहीं करता तो 2 अगस्त को मजबूरन आगे का निर्णय लिया जाएगा। इस संघर्ष के दौरान यदि कोई हादसा होता है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी हरियाणा सरकार व विश्वविद्यालय प्रशासन की होगी।
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